एक बार फिर (भाग 9 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :   पिछले भाग में आपने पढ़ा कि प्रिया शेखर को कहती है कि अगर वो सचमुच उसे प्यार करता है तो उसे छोड़ दे। नहीं तो वह जान दे देगी। वो चुपचाप चला जाता है। उसे कविता से पता चलता है कि वो अमेरिका चला गया है। अब आगे- उसने शेखर … Read more

एक बार फिर (भाग 8 ) – रचना कंडवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi शेखर प्रिया के घर आता है और उसे कहता है कि उसे फोन पर अनब्लाक कर दे। नहीं तो वह उससे रोज मिलने आएगा। अब आगे- वो टहलने के बाद अंदर आ कर बेडरूम में लेट गई। फोन बजा तो शेखर का ही फोन था। उसने नहीं उठाया। जब दूसरी कॉल … Read more

लिटिल एंजल  – गीता वाधवानी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : शिखा की छोटी सी, प्यारी सी 10 वर्षीय बेटी कनिका पांचवी कक्षा में पढ़ती थी। पढ़ाई में अव्वल, खेलकूद में अव्वल, स्वभाव ऐसा प्यारा कि सबका मन मोह लेती थी। पूरे घर की लाडली परी। दादा दादी, नाना नानी, चाचा चाची, मामा या मौसी कोई ऐसा ना था जिसका उसने … Read more

जेठानी की अकड़ और देवरानी का स्वाभिमान – स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : मालकिन मैं जा रही हूं , रमा की आवाज कान में पड़ी तो रुचिका बोली खाना खा लिया !! हाँ मालकिन खा लिया रमा बोली !! रूचिका बोली , मैंने तेरे बच्चों के लिए खीर डिब्बे में भरकर रखी हैं जरा लेते हुए जाना !! रमा बोली मालकिन रोज – … Read more

शक – मीनाक्षी सिंह  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : बेटी,, ये शक का कीड़ा पति पत्नी के रिश्तों को खोखला कर देता हैं… तू अंदर ही अंदर क्यूँ घुट रही हैं मेरी बच्ची ….तुझे ऐसा लगता हैं कि दामादजी किसी परायी महिला से बात करते हैं… किसी के साथ नाजायज रिश्ते में हैं तो तू उनसे बात क्यूँ नहीं … Read more

* पवित्र भावना का प्रतिफल * – पुष्पा जोशी : Moral Stories in Hindi

नन्हीं सुरेखा  के मन में यह प्रश्न उठता था कि,  “राधा माँ उसमें और सुमन में भेदभाव क्यों करती है? मेरी माँ मुझे छोड़कर भगवान के घर चली गई उसमें मेरा तो कोई दोष नहीं है।” सुरेश जी ने दूसरी शादी की तो सुरेखा को लगा कि उसे माँ मिल जाएगी। सुरेखा ने अपनी माँ … Read more

मैं बहू के रंग में रंग गई – के कामेश्वरी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : राजन अपनी पत्नी सुलोचना और दो बेटों के साथ चेन्नई में रहते थे । अपनी नौकरी की व्यस्तता के कारण घर की ज़िम्मेदारियों पर ध्यान नहीं दिया करते थे । सुलोचना ने ही शुरू से घर बच्चों और परिवार की घर की ज़िम्मेदारी निभाती रही हाँ इस बात के लिए … Read more

मेरी भी तो माँ थी – विनय कुमार मिश्रा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : माँ को इस दुनिया से गये आज बीस दिन हो आये हैं। मगर ऐसा एक पल नहीं गुजरा कि उनकी याद ना आई हो। कहने को इस घर में अब दो लोग हैं। मेरे अलावा मेरी एक छोटी बहन।पर उसका होना ना होना एक ही बराबर है। दिखने में माँ … Read more

जीना इसी का नाम है – गरिमा जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अकेलापन,  शायद यही एक ऐसा एहसास था जो मुझे एक  डरावने सपने जैसा लगता और कहते हैं ना कि किस्मत आपके डर को आपके सामने खड़ा कर देती है वही मेरे साथ हुआ। जीवन के साठ मील चलने के बाद यह अकेलापन मुझ पर जोरों से हंसने लगा । मैं … Read more

ये बहुएं ही घर आंगन की बेटियां हैं – मंजू तिवारी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :अम्मा बाबा का पांच बहूओ बेटा नाती पोतों से भरा हुआ परिवार था कभी भी घर में  बहुओ के मायके तथा दहेज के लिए अम्मा ने कभी भी ताने नहीं दिए थे  एक बेटी थी जिसकी बहुत पहले शादी हो गई थी बच्चे भी अपनी बुआ से बहुत प्यार करते ,,,जब … Read more

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