सहानुभूति : best story in hindi

राकेश जी अपनी पत्नी माया एवं दो बेटियों निधी एव॔ विधी के साथ सुखपूर्वक जीवन यापन कर रहे थे।निधी बारहवीं  की छात्रा थी जबकी विधि अभी आठवीं में ही पढ रही थी। दोनों बेटियाँ पढ़ने में मेधावी, अनुशासित एवं संस्कारवान थी। मायाजी एक सुगृहणी थी सो अपनी बेटियों का पूर्ण ध्यान  रखती थीं। पढाई ,उनकेखाने-पिने … Read more

नियति

 रवि मैं सोच रही थी कि बच्चें बाहर चले गए हैं तो क्यों ना हम ऊपर वाला फ्लोर किराये पर दे देते है…!!!!   सारिका सही कह रही हो तुम घर में रौनक हो जाएगी…मैं बैंक में बात करके बोल दूँगा तो वहाँ पर कोई नया आया तो हमारा घर भी दिखा दें किराये के लिए … Read more

मानसिकता

पुत्र और पुत्रवधू की शादी की वर्षगाँठ मनाने की उड़ती-उड़ती चर्चा मेरे कानों में भी पड़ी थी।उस दिन रविवार की सुबह थी ।अक्टूबर महीने की गुलाबी ठंड का अहसास फ़िज़ाओं में महसूस होने लगा था ।बाहर बरामदे में सुबह की चाय संपन्न हो चुकी थी।चाय के बाद के अपने रोज़ाना रूटीन के अनुरूप  खुरपा लेकर … Read more

आपकी बहू तो बन सकती है, पर मेरी पत्नी नहीं: family story in hindi

प्रखर ने घर आते ही अपनी पैंट की जेब से उस कागज़ के टुकड़े को निकाला।”अनुभा” नाम उसके दिल और दिमाग में उथल-पुथल मचा रहा था। रह-रहकर उसका अतीत उसकी आंखों के सामने घूम रहा था।ओह!!तो मेरा मन सच ही बोल‌ रहा था,अनुभा इसी शहर में है।मेरे आस-पास ही है।आखिर इतनी दूर क्यों चली गई … Read more

स्वाभिमानी पिता

 पिता को ‘ आहार आलय’ में देखकर निलेश चौंक उठा।एक मन तो उसका हुआ कि वापस चला जाये लेकिन फिर वह आशीष जो कि उसके साथ ही काम करता था,के साथ एक टेबल पर बैठ गया।वेटर ने आकर आर्डर लिया और दस मिनट में खाना उसकी मेज पर लग गया।उसके आर्डर किये गये सभी डिश … Read more

जब सब्र का पैमाना छलक गया : samajik kahaniya

सुधा सुबह जल्दी-जल्दी काम निबटा रही थी। आज वह मां   से मिलने जाना चाहती थी। रात को उनका फोन आया था के वे  बीमार थीं और उससे मिलना चाहती थी। बहु को जल्दी काम निबटाते देख उसकी सास केतकी बोली  बहु कहीं जाना है क्या? तुम जल्दी काम निबटा रही हो।  सुधा बोली हाँ … Read more

जमी हुई तपिश – सुरभि शर्मा ‘जिंदगी’

कितना शौक था मुझे बारिश में भीगने का, कितने हसीन सपने देखे हुए थे कि शादी के बाद बारिश के खूबसूरत मौसम में अपनी पत्नि के साथ भींग कर खूब रोमांस करुँगा , हल्के मीठे संगीत की धुन और बरसती पानी की बूँदों के साथ साथ उसे अपने प्यार की बारिश से भी सरोबार कर … Read more

उम्र तो सिर्फ एक नंबर है

बिल्कुल सच बात है कि इंसान नियति के हाथों का खिलौना है।नियति के हाथों इंसान कभी-कभी मजबूर हो जाता है,चाहे राजा हो या रंक।मनुष्य अपना कर्म तो लगन से करता है,परन्तु कभी-कभार नियति उसके साथ ऐसा क्रूर मजाक करती है कि विश्वास करना कठिन हो जाता है।नियति के खेल को समझते हुए  ही तुलसीदास जी … Read more

नियति तेरे करतब कमाल..

…..all the world is a stage and every man and woman is merely player…. कितना सही लिखा है ग्रेट शेक्सपियर ने ….इस संसार रूपी रंगमंच पर हर व्यक्ति को नियति द्वारा निर्धारित अलग अलग भूमिकाएं रोल दिए गए हैं अलग अलग किरदार हैं…. पर्दा खुलता है अभिनय शुरू हो जाता है ….चलता रहता है अभिनय  … Read more

यही मेरी नियति है – Parivarik kahani

उस दिन बहुत बारिश पड़ रही थी इसलिए गली में बहुत सा कीचड़ हो गया था राशि यानी मैं जैसे ही दूध लेने गई तो स्कूटी अंदर ले जाने में मिट्टी में फस रही थी इसलिए मैं अपनी स्कूटी को बाहर ही खड़ी कर कर पैदल अंदर दूध लेने चली गई जहां पर दूध रखा … Read more

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