पहली पोस्टिंग – कंचन श्रीवास्तव : hindi kahani

सुनों अम्मा ने आज सफेद वाली रोटी और सफेद वाला भात बनाया है लगता है कोई मेहमान आने वाला है वो भी खास,वरना वो कहां ऐसे भोजन बनाती है,पर कौन ये पता नहीं और हां सुनों आज दाल भी बनी है। कहते कहते चिंकी का मुंह लटक गया,जिसे पास बैठी रानी से समझ गई ,पर … Read more

एक नई सुबह – नरेंद्र शुक्ल

‘टू राकेश चैधरी  ,  सी बलाक्स काटेज़ ,  टोरेंटो कनाडा ।‘   भारतीय डाक से आये पत्र के लिफाफे पर अपरिचित सी राइटिंग देखकर वह हैरान हो गया । साफ पता चल रहा था  कि  किसी बच्चे की राइटिंग है ।  ‘ पर  , इंडिया में तो वह किसी बच्चे को नहीं जानता ! उसे कौन … Read more

बड़े घर की बेटी – रश्मि प्रकाश

“बिटिया क्या तुम सच में अपने ससुराल जा रही हो…. ?” शकु ताई ने नीति से पूछा  “ हाँ ताई…आप अपना ख़्याल रखना और ये चिट्ठी… मम्मा जब घर आए उन्हें दे देना ।” कहते हुए नीति अपना सामान पैक कर कार में बैठ घर से निकल गई  एक ही शहर में मायका ससुराल है … Read more

समय का पहिया – आरती झा

माँ.. मैं नहीं जाऊँगी ससुराल अब.. पहली बार विदाई के बाद ससुराल से आई सुहाना की जेठानी की बेटी मालिनी की बात सुनकर सब अवाक रह गए। जेठ जी तो कुछ बोल ही नहीं पा रहे थे.. मानो वज्रपात हुआ हो उन पर।  पर क्यूँ.. जेठानी ने ही पूछा।  क्यूँ जाऊँ मैं.. वहाँ सब कुछ … Read more

नहले पर दहला – अनुराधा श्रीवास्तव ” अंतरा “

देवकी एक ग्रामीण साधारण महिला थी जिसके दो बेटे थे । पति बहुत पहले ही गुजर चुके थे। उसके दोनों ही पुत्र शहर में रहकर अच्छी नौकरी करते थे। भरा पूरा परिवार था, अच्छी खासी गृहस्ती बसा ली थी दोनों ने लेकिन बस एक कमी थी देवकी के दोनों बेटों में छत्तीस का आंकड़ा था।  … Read more

घमंड – वीणा सिंह : Short Moral Stories in Hindi

सेठ जी के यहां कन्या ने जन्म लिया है, मां लक्ष्मी भंडार के स्टाफ और आस पड़ोस के दुकानदारों में ये खुशखबरी फैल गई.. शहर के प्रतिष्ठित व्यक्ति सेठ मोहन दास अग्रवाल के घर कन्या रत्न ने जन्म लिया था.. पिता ने गोद में लेते हीं लक्ष्मी नाम का उच्चारण उनके मुंह से अचानक हीं … Read more

मैं घमंडी नहीं

अतुल और ज्योति दोनों अस्पताल के कोरिडोर में एक दूसरे का हाथ पकड़े बेंच पर डॉक्टर के इंतज़ार में बैठे हुए थे । दोनों के बीच चुप्पी थी। बीच बीच में दोनों एक दूसरे को अश्रु भरे हुए नैनों से देख लेते थे।  उसी समय अटेंडर ने कहा कि डॉक्टर आपको बुला रहीं हैं । … Read more

माँ पापा के संघर्ष की जीत : संगीता अग्रवाल

” मम्मी पापा कहाँ है आप जल्दी आइये !” रिया कॉलेज से घर आ अपने माता पिता को आवाज़ देती हुई बोली। ” आ गई लाडो …क्या हुआ सब ठीक तो है ?” पिता किशन ने उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा। ” पापा मेरे कॉलेज मे हमें महान लोगो की जीवनी लिखने को … Read more

“रूप की रोए -कर्म की खाए” – हेमलता गुप्ता

 काफी तपस्या के फल के रूप में जब प्रशांत जी के यहां जुड़वा कन्याओं ने जन्म लिया तो पूरे घर में खुशी की लहर छा गई! उनका परिवार शुरू से ही लड़कियों को लक्ष्मी के रूप में मानता आ रहा था! दो बेटियां पैदा होने के उपरांत भी प्रशांत जी और सभी घरवाले बेहद खुश … Read more

 “थोड़ी सी ज़मीन, थोड़ा सा आसमां” – कविता भड़ाना

“देख छोटे एक बार फिर से सोच ले” ना तो वो हमारी हैसियत के लोग है और ना ही उनका समाज में हमारे जैसा रुतबा… अमीरी के दंभ में किशनलाल अपने छोटे भाई दिलीप से बोले… तेरी बेटी है तो फैसला भी तुझे ही लेना है लेकिन मुझे छोटी सी कॉलोनी का ना तो उनका … Read more

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