नौटंकी वाली- पिंकी नारंग

अगर उसका बस चलता तो वो कभी इस बेदिल शहर मे वापिस नहीं आती |कहने को तो बनारस उसका अपना था, पर ये अपनापन तो बरसो पहले किसी ने उससे छीन लिया था |तभी तो वो इस शहर को पराया करके, अपनी यादो तक को यहाँ छोड़ कर दिल्ली बस गयी थी | पर जब … Read more

टूटे सपने – कमलेश राणा

साहिल और पराग दोनों बचपन से ही साथ पढ़े थे दोनों की दोस्ती इतनी पक्की थी कि लोग मिसाल देते। मज़ाल है कोई उनके बारे में एक शब्द तो कह जाये दूसरे के सामने तुरंत मरने- मारने पर उतारू हो जाते पर उनकी दोस्ती निभना भी आश्चर्य की ही बात थी क्योंकि दोनों का स्वभाव … Read more

जीवन संध्या की छाया – प्राची लेखिका : Short Stories in hindi

सरला जी जाड़े में घर के आंगन में धूप सेंक रही थी। तभी उनके दरवाजे पर सरकारी गाड़ी आकर रूकती है। वह घबरा जाती है कि पता नहीं क्या बात हो गई? तभी गाड़ी से एक लड़की जिसका चेहरा उन्हें कुछ जाना पहचाना सा लग रहा था। उतर कर उनके पास आती है। माँ जी … Read more

वक्त बदलता है – शिप्पी नारंग : moral stories in hindi

नीता को लगा कि अभी उसके दिल की धड़कन रुक जाएगी और वह मर ही जाएगी ..पर ऐसा होता है क्या भला…? वक्त कैसे रुख  बदल देता है यह शायद उसे पता ना था वरना वह ऐसा करती ही ना, पर अब अनहोनी तो हो ही गई ना उसकी नजर में ।  नीता को लग … Read more

घमंड हुआ चकनाचूर – स्नेह ज्योति : moral stories in hindi

आज कल्पना अपनी स्कूल की दोस्त बानी से बारह वर्ष उपरांत मिल रही थी । उसका इंतज़ार करते करते कल्पना को अपने पुराने दिन याद आ गए । कैसे हम स्कूल में शैतानियां किया करते थे और बानी उसे आकर हर बार मुसीबत से बचा लिया करती थी । कभी वो बहुत अच्छे दोस्त हुआ … Read more

    साँवली हूँ तो क्या… – विभा गुप्ता 

   ” छोटी भाभी, समझाइये अपनी बेटी को।इसे रेडियो-वेडियो में तो कोई काम मिलने से रहा।मेरी रश्मि की बात कुछ और है।हमारी रश्मि तो सुंदरता की मूरत है और उसके पापा के पास धन की भी कमी नहीं है पर आपकी ज्योति तो साँवली है और फिर कोर्स की फ़ीस के लिये मोटी रकम भी चाहिये … Read more

 “अहंकार की आग”- डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

करीने से सजी हुई मिठाई की टोकरियों में से मोनू ने धीरे से एक मिठाई निकाल ली। छोटे भाई ने देखा तो वह भी धीरे-धीरे टोकरियों के पास सरकते हुए गया और जैसे ही एक टोकरी में हाथ डाला माँ कमरे में से चीखते हुए आई-” नालायक कहीं का….बोली थी न कि ये मिठाइयां मामा … Read more

उसे नाज़ कहते हैं, घमंड नहीं – रोनिता कुंडू

 क्या हुआ..? इतने परेशान क्यों लग रहे हैं..?  रानी ने अपने पति राकेश से कहा…  राकेश:   क्या करोगी तुम सुनकर..? कौन सा तुम मेरा कर्ज चुका दोगी…?  रानी: कितने चुकाने है…?  राकेश:   जाओ और अपना काम करो…! माना कि मेरी हालत अभी ठीक नहीं है… पर तुम्हारी भी इतनी कमाई नहीं है कि … Read more

अभिमान जरूरी या अपनों का प्यार ..!! – अंजना ठाकुर 

पापा ये आपके लिए स्मार्ट मोबाइल लाया हूं इसमें आप बहुत कुछ देख सकते हो नीरज अपने पापा बिपिन को मोबाइल देते हुए खुश था उसे लगा पापा खुश हो जायेंगे अपनी पहली कमाई से पापा के लिए मोबाइल लाया था विपिन जी खुश होने की बजाय गुस्सा होते हुए बोले मुझे छोटा महसूस कराना … Read more

खोखली होती जड़ें -लतिका श्रीवास्तव

आज संगम लाल के घर पार्टी में चलना है टाइम से तैयार हो जाना साथ में चलेंगे…दिवाकर ने जैसे ही कहा रत्नेश ने तुरंत मना कर दिया “अरे नही आज शाम को तो मैं कहीं नहीं जा सकता दोपहर में मेरा बेटा अजीत आ रहा है तीन सालों के बाद आ रहा है उसकी पढ़ाई … Read more

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