यह पछतावा, पीछा ही नहीं छोड़ता – पुष्पा जोशी

            रविवार,छुट्टी का दिन था , विमल, घर की बालकनी में बैठा कान्हा और मीनू को खेलते हुए देख रहा था, खेलते -खेलते वे बच्चे दादा दादी के पास आकर उनसे चिपक जाते, और एक दूसरे की शिकायत करते। दादा दादी प्रेम से उन्हें समझाते तो वे फिर से खेलने लगते। निर्मल के आंगन में बच्चों … Read more

सच्चाई – माता प्रसाद दुबे |  Very Emotional Story In Hindi 

शाम के पांच बज रहे थे,कौशल्या तेजी से कदम बढ़ाते हुए लाला जी कोठी की तरफ चली जा रही थी। आज उसे देर हो गई थी,वह जानती थी,कि उसके देर से पहुंचने पर लाला जी,उनकी पत्नी लक्ष्मी देवी,और उनकी इकलौती बेटी पूजा को कितनी तकलीफ होती हैं, नाश्ता,खाना,व अन्य काम की जिम्मेदारी पिछले बीस वर्षों … Read more

पछतावा, किस बात का..? – रोनिता कुंडू | online hindi kahani

क्या हुआ माला..? इतना क्या सोच रही हो..? अरुण जी ने अपनी पत्नी माला से कहा..  माला जी एक लंबी आह लेकर कहती है… ऐसे पूछ रहे हैं, जैसे कि कुछ जानते ही नहीं..? अरुण जी:   देखो माला..! हमारी उम्र में तुम जैसा सोच रही हो, यह स्वाभाविक है… पर अगर कभी शांत मन … Read more

माँ का घर – रीटा मक्कड़

आज भी अनिता को वो दिन याद है ।जब पापा की ह्रदय गति रुकने से अचानक मृत्यु हो गयी थी।उसके बाद तो घर का माहौल ही बदल गया था। बिज़नेस पर बड़े भाई और घर पर भाभी का एक छत्र राज्य शुरू हो गया था। माँ का तो जैसे किसी ने राजपाठ ही छीन लिया … Read more

पछतावा  – उमा वर्मा

 तुम को गये हुए आठ महीने बीत गए लेकिन एक पल भी ऐसा नहीं था जब तुम्हारी याद नहीं आई हो।कल अमावस्या था और जब जब अमावस्या आता है तो मेरी बेचैनी बढ़ती  जाती है ।क्या करें ।लोग कहते हैं कि अमावस्या को जब कोई जाता है तो बहुत अच्छा होता है ।पता नहीं क्या … Read more

अतीत की स्याही – डॉ पारुल अग्रवाल

त्रिवेणी अपने समय की बहुत बड़ी नृत्यांगना जिसकी चमक उम्र के इस पड़ाव पर आकर भी कम ना हुई थी। कई सारी नई उम्र की लड़कियां भी अब देश के परंपरागत नृत्य में अपनी जगह बना रही थी पर किसी में भी अब तक त्रिवेणी जैसे हाव-भाव और लचीलापन नज़र नहीं आता था। ऐसे में … Read more

बीते लम्हों की सज़ा – शिप्पी नारंग |  family drama story

मैं देख रही थी अपने सामने सजी संवरी खिलखिलाती राशि को जो अपने छोटे से बेटे को गोदी में उठाए सब मेहमानों से प्यार से गले मिल रही थी उसकी खुशी छिपाए नहीं छिप रही थी ।आज उसकी ननद रितु की शादी थी मैं अपने पति के साथ और मेरे मायके से मम्मी पापा व … Read more

लिव इन –  अमित रत्ता

श्रेया बहुत ही पढ़ीलिखी होनहार होशियार और आत्मनिर्भर लड़की थी। माँ बाप का मानना था कि हमारी बेटी एकदिन हमारा नाम रोशन करेगी। श्रेया अभी बाइस साल की हुई थी। आज सुबह जैसे ही वो आफिस जाने लगी तो माँ ने टिफिन हाथ मे पकड़ाते हुए कहा कि पापा तुम्हारे रिश्ते के बारे में बात … Read more

दर्द के आँसू  – मीनाक्षी सिंह

माँ ,जल्दी आओ….देखो पापा ने फिर बिस्तर गंदा कर दिया ….आप कहां चले ज़ाते हो इनके पास से….पता हैँ ना आपको आज मेरे सिनियर सर अपनी फैमिली के साथ खाने पर आ रहै हैँ…पूरे घर में बदबू आ रही हैँ…साफ कीजिये जल्दी… बेचारी 70 वर्षीय रमावती जी को अपने सगे बेटे कुनाल के मुंह से … Read more

अब पछताये होत क्या? –  मुकुन्द लाल part 1|best hindi kahani

  रात के अंधकार को चीरते हुए बस पूरी रफ्तार से गीली सड़क पर दौड़ रही थी। रह-रहकर बादल के गरजने और बिजली के चमकने का क्रम जारी था।   पानी भी घंटे-आध घंटे के अंतराल पर बरस रहा था पर कमलेश के अंतस्थल में उमड़ते- घुमड़ते दुख के बादल उसकी आंँखों के माध्यम से लगातार बरस … Read more

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