पैसा बोलता है – शुभ्रा बैनर्जी
बेचारी वो कभी नहीं थीं,मां बेचारी नहीं होतीं,शक्ति होतीं हैं परिवार की।सरला दो बेटों और एक बेटी की मां थी।पति उस शहर में सरकारी नौकरी करते थे,और सरला स्वयं एक शिक्षिका थीं।पति ने अपनी नौकरी रहते ही बेटी और एक बेटे की शादी कर दी थी। रिटायरमेंट के बाद छोटे बेटे की शादी करने का … Read more