तमन्ना अधूरी रही – ऋतु गर्ग

लतिका ने शादी के बाद स्वयं को खुश रखने की काफी कोशिश की। क्योंकि जिस वातावरण में वह पली-बढ़ी थी यहां एकदम उसके विपरीत था। आज फिर कुछ अतीत के पन्ने पलटने के लिए विवश थी। उसने तो रोहित को अपना सभी कुछ मान लिया। रोहित को पति के रूप में पाकर स्वयं को धन्य … Read more

रिश्तों में बंधा स्वार्थ या स्वार्थ में बंधा रिश्ता – शुभ्रा बैनर्जी

आज संध्या को मां की बात रह -रह कर याद आ रही थी।कैसे वह भी अनुज के आगे-पीछे दौड़ती रहती है,उसके काम पर जाने से पहले और काम से आने के बाद।बचपन में मां का पापा के आगे-पीछे घूमना उसे बिल्कुल पसंद नहीं था।कभी चैन से बैठे नहीं देखा उन्हें।टोकने पर हंसकर हमेशा यही कहती”संधू,पति … Read more

माफ़ी – किरण केशरे

राजवीर आज बहुत ही दुखी और अपमानित होकर काॅलोनि में बने छोटे से पार्क में आकर बैठ गया था  ,बीता हुआ समय चलचित्र की भाँति आँखों से गुजरने लगा ; पत्नी लता के साथ माता-पिता की मर्जी से विवाह किया था, जो साधारण  पर सुसंस्कृत परिवार से थी।  लता घर में आते ही सबमें घुलमिल … Read more

बेजोड़ अदाकारा – लतिका श्रीवास्तव

…..वो कोई अदाकारा नहीं है ना ही कहीं से उसने अभिनय की ट्रेनिंग ली है लेकिन उसका हर अभिनय बेजोड़ है कोई भी रोल दे दो बेहतरीन तरीके से निभाना आता है उसे…कभी भी किसी भूमिका को निभाने से इंकार नहीं किया उसने बल्कि अन्य किरदारों की भूमिका भी निभाने को सहर्ष निःशर्त  तैयार रहती … Read more

दो बोल प्यार के –  पुष्पा जोशी

   ‘रजनी जल्दी उठो मुझे बहुत तकलीफ हो रही है’ शेखर बाबू ने कराहते हुए कहा। सुबह की ५ बजी थी। रजनी ने उठकर देखा शेखर से बैठा भी नहीं जा रहा था। उसने उसे तकिये का सहारा लेकर बिठाया और बेटे को आवाज दी  ‘रानू  ! देखो तुम्हारे पापा को क्या हो रहा है?’रानू उनका … Read more

दोहरा मापदंड – डॉ. पारुल अग्रवाल

सुमित्रा जी बड़े बेटे रचित के प्राची से शादी करने से इस कदर नाराज़ हो गई थी कि वो अपना दिल्ली वाला घर छोड़कर अपने छोटे बेटा बहु के पास हैदराबाद आ गई थी। यहां भी पूरे समय उनके मन में प्राची के लिए गुस्सा ही भरा रहता। बीच-बीच में बाकी रिश्तेदार भी उनको फोन … Read more

संभलते रिश्ते  – ऋतु गर्ग

अनुजा अपनी बहन से बहुत प्यार करती थी । जब भी कुछ सामान लाती तो अपनी छोटी बहन के लिए लाना कभी नहीं भूलती और वह आशा करती कि सभी भी दोनों बहनों को समान रूप से प्यार और सम्मान दे।  माता-पिता को लगता कि अनुजा तो बड़ी है उसे हर बात को समझना चाहिए … Read more

 प्यार की खुशबू – संगीता श्रीवास्तव

शीतल नाम था उसका जो अब शीतली के नाम से जानी जाती है। बहुत प्यारी, गोरी चिट्टी, अच्छी कद -काठी की। मुझे बीते दिन याद आने लगे जब वह मुझे पहली बार मिली थी ।क्या सलीका था- उठने बैठने ,बोलने चालने और पोषाक! पोषाक के तो क्या कहने, जिसे देख कर ही‌ ऐसा लग रहा … Read more

ऐसे भी लड़के वाले होते हैं – मीनाक्षी सिंह

रंजना आज किंजल को देखने लड़के वाले आ रहे हैं ,सब तैयारी कर लेना ! लिस्ट बना दो जो जो सामान लाना हो ले आऊँ ! कितने लोग आ रहे हैँ ?? यहीं कोई आठ लोग ! कोई बात पक्की हो जायें तो इतने लोग आयें भी तो ठीक लगे ! उनकी आवभगत करो फिर … Read more

बेटा है पराया धन – Shikshaprad Kahaniya

आज मनोहर लाल जी की सबसे छोटी पुत्री तानिया का विवाह था। आज उनकी सारी जिम्मेदारियां पूर्ण होने वाली थी।मनोहर लाल जी के तीन बच्चे थे,दो पुत्रियां सारिका और तानिया तथा एक पुत्र रोहित।तानिया उनमें सबसे छोटी थी। अभी दो साल पहले ही उन्होंने अपनी पत्नी सुप्रिया जी को कैंसर ग्रस्त होने के कारण खो … Read more

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