पकौड़े – नीलिमा सिंघल

रामचरणबाबू यों तो बड़े सज्जन व्यक्ति थे. शहर के बड़े पोस्ट ऑफिस में सरकारी मुलाजिम थे और सरकारी कालोनी में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सुख से रहते थे. लेकिन उन्हें पकौड़े खाने का बड़ा शौक था. पकौड़े देख कर वे खुद पर कंट्रोल ही नहीं कर पाते थे. रविवार के दिन सुबह नाश्ते … Read more

जो बंधन तोड़े न जा सके उनकी टीस ज्यादा दर्द देती है – संगीता अग्रवाल

सलोनी यूँही बैठी फेसबुक पर दोस्तों की पोस्ट देख रही थी अचानक उसे किसी पेज पर लिखी पंक्तिया दिखाई दी । “यूँ तो टूटे हुए रिश्तो की आह सर्द होती हैपर जो बंधन तोड़े ना जा सके उनकी टीस ज्यादा होती है। कितना सही लिखा है लिखने वाले ने किसी बंधन का टूटना इंसान को … Read more

एक सा कुछ नही रहता – स्नेह ज्योति

राम कुमार जी ने अपना सारा जीवन बीमा कम्पनी में काम करते हुए गुज़ार दिया ।आज वो रिटायर है ऑफ़िस से भी और घर के कामों से भी ,अब उनके घर की और उनकी ज़िम्मेदारी उनके बेटे मनोज ने ले ली हैं । मनोज को मेरी नौकरी पसंद नही थी । वो कहता था कि … Read more

माफी – पुष्पा पाण्डेय

गरीब घर की बेटी धनाढ्य घर की बहू बन जाए तो उसकी किस्मत से बहुत लोग ईर्षा करते हैं। माता- पिता को छोड़ अपने भाई- बहन भी उसकी तकदीर पर हैरान रहते हैं। हेमा के साथ भी ऐसा ही हुआ। हेमा एक बहुत बड़े व्यापारी घर की बहू बन गयी। हेमा की शालीनता और उसका … Read more

शक – गीता वाधवानी

नीरज बहुत गुस्से में चिल्लाया-“अनु यार बस करो, कितने सवाल पूछोगी? आधा घंटा हो गया ,जब से आया हूं सवाल पर सवाल पूछे जा रही हो। एक गिलास पानी का भी दिया नहीं है तुमने अब तक। शक करने की भी कोई हद होती है। ”  अनु-“मुझे लग रहा है तुम सच नहीं बता रहे … Read more

बावर्ची – संगीता त्रिपाठी

मालिनी का रो -रो कर बुरा हाल था, मयंक की कुछ खबर नहीं…, कल रात से मयंक गायब था,जाने कहाँ चला गया, किसी को भी कुछ बता कर नहीं गया…सुबह.,उसके दोस्तों से पूछा उनको भी कुछ पता नहीं..।     मालिनी और अवध जी.. पहली संतान पुत्र मयंक को पाकर फूले ना समाते, उनकी आँखों में बेटे … Read more

शादी का सफल मंत्रा – डॉ पारुल अग्रवाल

आज ऑफिस में लंच टाइम में जब सोनाक्षी और उसकी दोस्त श्रेया मिले तो सोनाक्षी को श्रेया कुछ अनमनी सी लगी, वैसे तो वो सुबह से ही नोटिस कर रही थी कि श्रेया कुछ परेशान सी है पर आज काम भी कुछ ज्यादा ही था इसलिए दोनों को ही बात करने का समय नहीं मिला … Read more

हम और हमारी हिंदी – आरती झा आद्या

हाई आंटी.. लतिका के बेटे सौरभ ने सीमा के घर में दाखिल होते हुए कहा। वही सीमा के बेटा नकुल ने लतिका के पैर छूते हुए प्रणाम किया। अरे अरे आजकल ये सब कौन करता है… हम अभी बूढ़े थोड़े न हुए हैं… क्यूं सीमा…नकुल के झुकने पर हड़बड़ाती हुई लतिका ने कहा। नकुल बेटा … Read more

शंका – माता प्रसाद दुबे

अविनाश के देर से घर आने पर उसकी पत्नी रजनी ने उस पर सवालों की बौछार कर दी”आज आपको इतनी देर कहा लग गई.. बिट्टू आपकी राह देखते हुए बिना खाना खाए ही सो गया?”रजनी अविनाश की ओर देखते हुए बोली। अविनाश कुछ देर तक शांत बैठा रहा फिर बोला।”रजनी! मैं कल भी कुछ देर … Read more

कैसे माफी दे दूँ? – उमा वर्मा

 मै नेहा,शादी हुए छः महीने ही हुए हैं ।अपने ससुराल के बारे मे बहुत कुछ जान चुकी हूँ इतने दिन में ।सासूमा बहुत सीधी सादी थी ।शादी तय हुई तो घर वालों को रिशता पसंद नहीं आया ।कहा गया कि लड़की कोई खास पढ़ी लिखी नहीं है, बहुत साधारण रहन सहन है, कोई तरीका नहीं … Read more

error: Content is protected !!