दिखावे के बादल – डॉ संगीता गाँधी

“पापा,जब उन लोगों की कोई डिमांड नहीं तो आप क्यों ये सब दे रहे हैं?”“यदि डिमांड होती भी तो भी दहेज देना भी अपराध है।”पिता को दहेज जुटाते देख विनीत ने आश्चर्य से कहा।“बेटा, समाज व उसके कुछ नियम भी होते हैं।समधी जी ने कुछ भले न मांगा, तो क्या मैं अपनी इकलौती बेटी को … Read more

‘ दिखावा’ मेरी मजबूरी है – विभा गुप्ता

  ” दीपा…! तू यहाँ कैसे? तेरे मियाँ जी का ट्रांसफर हो गया है क्या?” शाॅपिंग माॅल में अचानक अपनी पुरानी सहेली को देखकर नेहा खुशी-से उछल पड़ी।   ” आं…हाँ…, कुछ ऐसा ही समझ ले।” दीपा ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया।  ” वाह यार! माथे पर लाल बिंदी, माँग में सिंदूर,गले में मंगलसूत्र और हाथों में … Read more

गुरूजी – पिंकी नारंग

आप भी ना ममा पार्टी मे जा रही है किसी सत्संग या भजन संध्या मे नही, जो आपने ऐसे कपडे पहन लिए, कुछ तो ड्रेस सेंस रखा  करो ना मेरी भोली, प्यारी माँ | जमाना बदल गया है, उसके साथ कदम से कदम मिला कर चलना पड़ता है, इनफैक्ट चलना नही दौड़ना होता है, नही … Read more

मुझे दिखावा पसंद नहीं सिमरन….. – मीनाक्षी सिंह

यार सिमरन तुम रोज रोज यहीं बातें लेकर क्यूँ घर में कलेश करती हो ! हमारी शादी को दस साल हो गए हैँ ,जब मैं अभी तक नहीं बदला  तो अब क्या ही बदलूँगा ,और वैसे भी मुझे बदलना भी नहीं ,ये दिखावा मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं … इसमें क्या दिखावा हैँ राहुल ,बताना … Read more

दिखावा करना पड़ गया भारी – गीता वाधवानी

चार सहेलियां, रोशनी, मुस्कान, नेहा और मेघा। चारों के स्वभाव में अंतर था लेकिन फिर भी वे पक्की दोस्त थी। आज सुबह नेहा और मेघा ने जैसे ही मोबाइल उठा कर चेक किया, तो देखा सोशल मीडिया पर रोशनी और मुस्कान चारों तरफ छाई हुई है। हर तरफ उनकी ही बात हो रही है। वे … Read more

सभ्य समाज की असली खुशी या दिखावा – गीतू महाजन

कमली आज बहुत जल्दी में थी।सुबह सवेरे उठकर  उसने सारे काम निपटाए। बाहर के म्युनसीपालिटी के नल से पानी भरकर लाई…बच्चों की रोटी बनाई और पति रामा के लिए टिफिन बना दिया। “अरे आज सुबह से ही क्या खटपट लगा रखी है?”रामा ने आंख मलते हुए पूछा। “रात को ही तो बताया था संध्या मेम … Read more

छल – कमलेश राणा

बहुत भाग्यशाली हो आभा तुम जो आज के जमाने में तुम्हें इतनी केयर करने वाली बहू मिली है।  हाँ रजनी यह तो सही कह रही हो तुम लेकिन मैं भी तो उन्हें बहुत प्यार करती हूँ हर समय उनकी मदद को तत्पर रहती हूँ कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होने देती और उनके पापा … Read more

व्यर्थ का दिखावा – रश्मि प्रकाश

सभी से आग्रह किया गया था वो अपने साथ एक ही चीज लेकर आएँगे और कुछ भी लेकर आए तो वो हम स्वीकार नहीं कर सकेंगे । सजी धजी हवेली और भव्य पंडाल ये किसी को भी अपनी ओर खींच सकता था पर गेट पर तैनात जवानों को देख बिना न्योता अंदरआने की हिम्मत कोई … Read more

गलती का अहसास – के कामेश्वरी 

रमेश और रचना के तीन बच्चे थे । सबसे बड़ा लड़का शिशिर था उसके बाद जूही और ख़ुशबू । रचनाके घर जो भी आते थे उनके बच्चों के नाम सुनकर कहते थे तुम्हारा घर तो बाग है । शिशिर नेइंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और एक बहुत बड़े कंपनी में नौकरी करने लगा था । … Read more

एक शादी ऐसी भी – सुषमा यादव

किसी शादी में चले जाएं तो लोग इतना दिखावा करते हैं,हम हैरान रह जाते हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं होता है कि वो अमीरों या उच्च मध्यम वर्गीय लोगों जैसे पानी की तरह बेतहाशा पैसा शादी में बहाएं। पर कुछ लोग दिखावे में आकर खूब धूमधाम से शादी करेंगे। वो भला किसी से क्यों … Read more

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