कोई बुरा पैदा नहीं होता –  रोनिता कुंडू

बहु..! मेरे कमरे के मेज पर 4 साड़ियां रखी हुई है… ज़रा वह ले आना.. कमला जी ने अपनी बहू प्रीति को आवाज लगाई… प्रीति के साड़ी लाने के बाद… कमला जी: यह ले मीना…! यह साड़ियां तेरे लिए ही निकाल कर रखी थी कब से… मीना खुश होकर: शुक्रिया दीदी..! बस तुम लोगन का … Read more

जिम्मेदारी – ज्योति अप्रतिम

आज माँ घोंसला छोड़ कर सदा के लिए उड़ गई। आँसू रुक नहीं रहे थे और जिंदगी भर का चलचित्र दिलो दिमाग में घूम रहा था। छह बच्चे ! दो वर्ष से चौदह वर्ष तक के । और घर ! घर के नाम पर एक कम चौड़ा लेकिन लम्बा सा कच्चा कमरा जिसे हर थोड़े … Read more

दिल होना चाहिए जवान – डॉ. पारुल अग्रवाल

आज अमन और श्रेया की शादी की बीसवीं वर्षगांठ थी। दो दशक का ये समय दोनों ने सफलतापूर्वक पूर्ण किया था। खुशी और गम एक दूसरे के साथ बांटे थे। अमन और श्रेया दोनों को ही ऐसा लगता था कि वर्षगांठ जैसे ये अवसर किसी की भी ज़िंदगी में काफ़ी निजी होते हैं इसलिए वो … Read more

बेटियां बोझ नहीं होती – माता प्रसाद दुबे

गायत्री देवी खुशी से झूम रही थी।अपने पोते के जन्म लेने का समाचार सुनकर,उसकी दिली ख्वाहिश दशकों बाद पूरी हुई थी।उसकी छोटी बहू रचना ने बेटे को जन्म देकर  दुनिया की सारी खुशियां उसकी झोली में डाल दिया था।उसकी बड़ी बहू आरती जिसने उसे सिर्फ निराश किया था।दो बेटियों को जन्म देकर,वह बेटा न पैदा … Read more

जिद्द बेटा पाने की – मंजू तिवारी

हम दो-चार 10 दिनों में चीन को पीछे छोड़ कर नंबर वन पर आने वाले हैं उद्योग धंधे या विकास को लेकर नहीं जनसंख्या में,,, हम चीन को पछाड़ाने वाले हैं। और हो जाएंगे विश्व के जनसंख्या में सबसे आगे नंबर वन पर,,,,, कुछ समझदार वर्ग जनसंख्या कम रहे इसके लिए अपने व्यक्तिगत हितों को … Read more

पास रहकर झगड़े हो उससे अच्छा दूर दूर रहें  – रश्मि प्रकाश 

अक्सर तबादले के बाद राशि को नए लोगों से मिलने और उनके विचार जानने का मौक़ा मिलता रहता है… कभी पास में भरापुरा परिवार दिखता तो कहीं कुछ वैसे लोग दिखते जिनके बच्चे बाहर नौकरी कर अपने परिवार के साथ रहते और उनके पैरेंट्स अकेले घर या फ़्लैट में रहते…. राशि के बच्चे जब तक … Read more

न रूकना, न झुकना, न टूटना – सुभद्रा प्रसाद

रात के तीन बज रहे थे | सभी सो रहे थे |सुमन अपने पति आलोक की तस्वीर के आगे चुपचाप बैठी एकटक तस्वीर को निहार रही थी |          कल उसके एकलौते बेटे  अनमोल की शादी थी|सभी परिवार आये हुए थे |दिनभर काफी गहमागहमी रही | आज  बहू  घर आई और सारे दिन रस्म रिवाज होते … Read more

जिम्मेदारी घर की – नंदिनी

रोहन बड़ा खुशमिजाज था,जहाँ नोकरी करता था अंजली भी आई कुछ महीने पहले ,नोकारी नई थी रोहन ने सब काम समझाने में सहायता की ,थोड़ी बहुत बातें हो जाती थीं  धीरे धीरे  दोपहर का खाना भी साथ होने लगा और दोनों को अहसास हुआ कि वो एक दूसरे को पसंद करने लगे हैं ,रोहन ने … Read more

औरतों की जिम्मेदारियां तो मरते दम तक भी पूरी नहीं होती!! – सरोज प्रजापति

” अरे जिज्जी आज अचानक कैसे कोई खबर भी ना दी!!” निर्मला अपनी बड़ी बहन सरला से गले मिलते हुए बोली। ” तू तो बिल्कुल निर्मोही हो गई। सिर्फ तुझे अपने बच्चे और पोते पोतियो का ख्याल रहता है। एक बड़ी बहन भी है तेरी उसकी भी कभी खोज खबर ले लिया कर। खुद तो … Read more

 सॉरी या अकड़ – नीलिमा सिंघल

“नहीं खाना,,तुम्हारे हाथ का खाना” गुस्से मे चिल्लाते हुए तरुण ने खाने की थाली सरकाई,,और वही सोफ़े पर औंधे मुहँ पड़ गया,,, तन्वी ने आँखों मे आयी नमी को पोछा और अपना खाना भी फ्रिज मे रख दिया, और कमरे मे आकर बिस्तर पर बैठ कर सोचने लगी,,,,,  “अब ये आए दिन की बात हो … Read more

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