कहीं हमारी बहू भी इस मौके की तलाश में ना रहे – सविता गोयल
तड़ाक से कांच टूटने की आवाज़ सुनकर दामिनी जी भागती हुई हाॅल में आई , ” क्या तोड़ दिया बहू ?? ,, ” वो…. मम्मी जी , सफाई कर रही थी तो ये फ्लावर पॉट हाथ से छूट गया। ,, थोड़ा घबराते हुए मानसी बोली। ” हे भगवान, कितना सुन्दर पाॅट था … तुम्हें पता … Read more