इधर भी क्लिीनिक है । – डा. नरेंद्र शुक्ल

पिछले कुछ दिनों से मेरे दोनों पंजों में जलन थी । मित्रों ने सलाह दी कि किसी डॉक्टर को दिखाओ वर्ना कुछ ही दिनों में चलना – फिरना मुश्किल हो जायेगा । मैं एक के पास गया । उन्होंने कहा – यूरिक एसिड हो सकता है । शूगर के भी लक्षण हैं । ब्लड टैस्ट … Read more

ये इश्क़ हाये! – नीलम सौरभ

एयरपोर्ट में फ्लाइट का इंतज़ार करते हुए थोड़ा बोर हो रहा हूँ मैं। साथ वाले सभी उन दो नन्हें खिलौनों से खेलते आपस में इतने मशगूल हैं, कि किसी का भी ध्यान मेरी तरफ नहीं है अब। चलिए, बोरियत दूर करने के लिए मैं चितरंजन आप सबको एक कहानी सुनाता हूँ। ये कहानी तब शुरू … Read more

“रिश्तों की तुरपाई” – शुभ्रा बैनर्जी

मालिनी की बेटी  बचपन मेंअक्सर सिलाई मशीन देखकर उससे पूछती” मां,दादी को इतनी अच्छी सिलाई आती है,पर तुमसे क्यों नहीं बनता कुछ?दादी ने कभी सिखाया नहीं तुमको?”मालिनी हंसकर ज़वाब देती”मैंने पहले ही बता दिया था तेरी दादी को,कि मुझे सिलाई करने का बिल्कुल भी शौक नहीं।” बोलने को तो उसने बोल दिया था पर उसे … Read more

घर संसार – डॉ रश्मि सक्सेना

सत्या आज बेटी की शादी में बहुत खुश थी ।आज सभी जेठ -जेठानी एवम् ननदें उसे बधाई दे रहे थे कि बेटी की शादी का बहुत अच्छा इंतजाम किया हमारे परिवार के सबसे छोटे बेटा -बहु बहुत अच्छे से सारा काम किए। सत्या सभी को धन्यवाद बोलती है और उसे वो दिन याद आ गए … Read more

“जिंदगी एक जंग है” – कविता भड़ाना

“शांति ओ शांति अरे भाग्यवान कहां हो?…मोहनलाल जी बहुत खुशी खुशी मिठाई का डब्बा हाथ में लिए बाहर से ही आवाज लगाते हुए घर में दाखिल हुए”… अजी क्या हुआ क्यों इतना चहक रहे हो, शांति जी रसोई घर से पसीना पोंछते हुए निकली…बस शांति अब तुम्हे और खटने की जरूरत नहीं है, जिस उम्र … Read more

शीतल पानी

चंद्रगुप्त मौर्य के महामंत्री चाणक्य प्रतिभावान तो थे लेकिन बदसूरत थे. एक बार चंद्रगुप्त ने उनसे मजाक किया, ‘महामंत्री जी, कितना अच्छा होता कि आप प्रतिभावान होने के साथ-साथ सुंदर भी होते ? ‘ प्रत्युत्तर चाणक्य के स्थान पर महारानी ने दिया. बोलीं, ‘महाराज, रूप तो मात्र मृगतृष्णा है. वस्तुतः किसी भी व्यक्ति का सम्मान … Read more

आधा किलो आटा

एक नगर का सेठ अपार संपदा का स्वामी था । एक दिन उसे अपनी संपत्ति के मूल्य निर्धारण की इच्छा हुई तो लेखा अधिकारी को बुलाकर आदेश दिया कि मेरी संपूर्ण संपत्ति का ब्योरा दीजिए । सप्ताह भर बाद लेखाधिकारी ब्योरा लेकर सेठ की सेवा में उपस्थित हुआ और बताया -सेठजी, मोटे तौर पर कहूं … Read more

कंजूस

गाँव का एक बनिया शाम को अपनी दुकान से घर आया तो उसने देखा कि दीये की लौ बहुत तेज जल रही है। उसने पत्नी को आवाज दी- अरी ओ भागवान! ये दीये की लौ इतनी तेज क्यों कर रखी है। तू लुटवाकर रहेगी, वैसे ही महंगाई बहुत है । जरा कम कर इसे । … Read more

हमारा भाग्य ओर हमारे कर्म

एक बार एक कृष्ण भक्त मन्दिर गया ! पैरों में महँगे और नये जूते होने पर उसने सोचा कि क्या करूँ ?यदि बाहर उतारता हूँ तो कोई उठा न ले जाये और अंदर पूजा में मन भी नहीं लगेगा सारा ध्यान जूतों पर ही रहेगा। तभी उसे बाहर एक भिखारी बैठा दिखाई दिया ! उस … Read more

हीरे की मोल 

एक कुम्हार को मिट्टी खोदते हुए अचानक एक हीरा मिल गया, उसने उसे अपने गधे के गले में बांध दिया। एक दिन एक बनिए की नजर गधे के गले में बंधे उस हीरे पर पड़ गई, उसने कुम्हार से उसका मूल्य पूछा। कुम्हार ने कहा: सवा सेर गुड़ बनिए ने कुम्हार को सवा सेर गुड़ … Read more

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