भेद-भाव  – डाॅ संजु झा

पत्नी के इंतजार में रवि आसमान  में उड़ते हुए  बादल और ढ़लते  सूरज की रश्मियों की लुका-छिपी का खेल देख रहा है।नौकरी की आपा-धापी की व्यस्तता से समय निकालकर पत्नी और बच्चों से मिलने आया है।बच्चे बाहर खेलने गए हैं और वह बेसब्री से अस्पताल से डाॅक्टर पत्नी रिचा का इंतजार कर रहा है।रवि रिचा … Read more

पापा ,कुछ दिन और रुकेंगे – मीनाक्षी सिंह : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : दिव्याजी को अपने आलीशान घर और पैसों का बहुत घमंड था ! हो भी क्यूँ ना पति शहर के जाने मानें बिजनेसमेन जो ठहरे ! जैसा दिव्याजी का स्वभाव था ,वैसा ही बच्चों का भी हो गया था ! वैसे तो वो कभी अपने पुश्तैनी गांव जाती नहीं थी ये … Read more

मार्गदर्शक – अनुराधा श्रीवास्तव “अंतरा “

डा0 श्यामसुन्दर जी एक डिग्री कालेज के प्रधानाध्यापक हैं। वह अपने विद्यालय में हर साल एक जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन करते हैं जिसमें वह कई प्रकार के खेलकूद व प्रतिभाओं को आमन्त्रित कर प्रतियोगिता कराते हैं। इस बार भी जब सत्र समाप्ति के समय कार्यक्रम की तैयारियाॅं शुरू हुई तो मुख्य अतिथि किसे बनाया … Read more

मुफ्त ताने – रोनिता कुंडू

देखिए मम्मी जी…! नंदनी के मुन्ने के लिए क्या खरीदारी की है..? मैंने और रौशन ने… यह कहकर संगीता ने सारे सामान बिखेर दिए… सरला जी:   अरे वाह..! इतना सामान…! सच में नंदिनी बहुत भाग्यशाली है जो, उसे इतने अच्छे भैया भाभी मिले… जिसकी वजह से उसका अपने ससुराल में रौब जमेगा… वरना जो … Read more

प्यार है,भेदभाव नहीं – विभा गुप्ता

 बहुत दिनों से मेरी इच्छा थी ‘गोल्डन टेम्पल’ देखने की।कभी बच्चों की परीक्षाएँ हो जाती तो कभी पति को ऑफ़िस से छुट्टी नहीं मिलती और हमें अपना बनाया हुआ प्रोग्राम कैंसिल कर देना पड़ता था।अब इन ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो गये तो पिछले दिसम्बर में हमने अमृतसर जाना तय किया और वो भी ट्रेन से … Read more

“भेद नजर का” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

सीमा सुबह से तैयारियां कर रही थी। सबके लिए  नाश्ते बनाने के बाद उसे खुद के लिए तैयार होना था। काम इतना बढ़ गया था कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। सासु माँ बार- बार किचन में आकर बोल रही थीं “-  बहू जल्दी करो,जल्दी से काम निपटा लो और तैयार … Read more

खिलौनों में भेदभाव कैसा – प्रीती वर्मा

कितनी उत्साहित थी वो, सुबह से अनगिनत बार मुझसे पूछ चुकी थी.. मम्मा कब पहुंचेंगे चाचू जी,मैं तो परेशान हो चुकी थी उसे बताते बताते कि चाचू शाम को पहुंचेंगे।और सिर्फ तान्या ही नही, जेठानी का बेटा अरनव भी सुधीर के आने से उत्साहित था।घर के दोनो बच्चे सुधीर का बेसब्री से इंतजार कर रहे … Read more

सर्वगुण संपन्न – शुभ्रा बैनर्जी 

शरीर पर लगे चोट के निशान दिख भी जातें हैं और मरहम-पट्टी करने पर ठीक भी हो सकते हैं,पर जब मन घायल होता है, तब उसके ना तो निशान दिखाई देतें हैं और ना ही कोई मरहम लग पाता है। दर्द की टीस मौन रोती रहती है,आजन्म रिसती रहती है। सर्वगुण संपन्न थी सुदेशना।दिखने में … Read more

तुम्हे क्या पता…..?   – उषा भारद्वाज

 अस्पताल के पलंग पर वह थी। पास में उसके बेटा लेटा था, जिसका 2 दिन पहले ही जन्म हुआ था । प्राइवेट रूम खाली खाली न होने के कारण सेमी प्राइवेट लेना पड़ा। जिसमें तीन बेड थे एक खाली धा दो भरे थे जिसमे एक पर नेहा थी और दूसरे पर एक महिला थी जिसका … Read more

तीन देशों का संगम,पर कोई भेदभाव नहीं – सुषमा यादव

बड़ी बेटी रीना ने अपनी छोटी बहन का जन्मदिन मनाने का प्लान बनाया, उसने अपनी छोटी बहन रितु को एक दिन पहले लंदन से आने को कहा, इसके साथ ही अपने इंडिया, लंदन और फ्रांस के दोस्तों को भी आमंत्रित किया, मम्मी आईं हैं तो बर्थडे धूम धाम से मनाया जाना चाहिए,रीना ने सोचा,। रितु … Read more

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