तुलसी वाले बाबा – गीता वाधवानी 

दुर्गा देवी ने अपने बेटे सुशील को अपने पास बुलाया और कहा-“सुशील, पास वाले गांव में तुलसी वाले बाबा जी आए हुए हैं। राहुल की दादी बता रही थी कि लोग उनके पास संतान प्राप्ति के लिए और विशेषकर पुत्र संतान के लिए आशीर्वाद लेने जाते हैं। बाबा जी जिन लोगों को प्रसाद के रूप … Read more

स्नेह का जुड़ाव – लतिका श्रीवास्तव

आज ऑफिस में काम ही इतना ज्यादा था कि श्रुति थक के चूर हो गई थी ऐसा मन हो रहा था घर पहुंचते ही कोई इलायची वाली गरम गरम चाय बना कर दे दे फिर थोड़ी देर कमर सीधी कर लूं…..घर में घुसते ही ड्राइंग रूम से बातें करने हंसने की आवाजे सुनाई पड़ी श्रुति … Read more

सहारा –  संगीता त्रिपाठी

 “मम्मा.. टीचर ने भेदभाव पर निबंध लिखने को कहा है, आप थोड़ा मदद करोगी “कक्षा पांच में पढ़ने वाला मेहुल ने अपनी माँ मीना से पूछा..।     “हाँ क्यों नहीं, तुम लिखना शुरु करो, मै तुम्हे मदद कर दूंगी “मीना ने बेटे को दिलासा दिया।       “मम्मा, पहले भेदभाव तो स्पष्ट करो ..”मेहुल ने कहा।      “भेदभाव करना … Read more

मायके की महक – पूनम अरोड़ा 

शादी के बाद जब भी मायके जाती मम्मी, पापा, भाई सभी लोग स्टेशन पे लेने आते, हुड़क के गले लगते। घर पर मेरे मनपसन्द व्यंजन बने होते, सब चाव से खातिरदारी में जुटे रहते। शाम को चाय के समय कभी पापा बाजा़र से खस्ता, कभी समोसे ले आते तो कभी मम्मी पकौडे़ तल लेती। रात … Read more

साथी हाथ बढ़ाना – नीरजा नामदेव

 सुमित और तन्मय मौसेरे भाई थे। दोनों अलग-अलग शहर में रहते थे। उनकी उम्र में 5 साल का अंतर था। वे छुट्टियों में हमेशा एक दूसरे से मिलते रहते थे। दोनों में बहुत स्नेह था। सुमित बी.टेक .कर रहा था। तन्मय11वीं कक्षा में पहुंच गया था ।उसने गणित विषय लिया था।बाकी विषय तो उसे समझ … Read more

मैं और मेरी दुनिया – के कामेश्वरी

मैं विजया हूँ । मेरी एक खूबसूरत छोटी सी दुनिया है । मेरे माता-पिता की तीन बेटों के बीच मैं अकेली लाड़ली बेटी हूँ । मुझे माता-पिता ने मास्टर्स कराया मैंने फ़िज़िक्स में मास्टर्स किया । मैं बहुत ही होशियार थी । अपने माता-पिता का नाम रोशन किया वे गर्व से लोगों को बताते थे … Read more

हमसफर – गरिमा जैन 

हर किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता कही जमीं कही आसमां नहीं मिलता  आरती का हमसफर उसे विवाह के पहले ही वर्ष छोड़कर चला गया । लेकिन अब आरती अकेली नहीं थी उसके साथ छोटा सा रोहन भी था। इतनी लंबी जिंदगी कैसे कटेगी?  पंडित कहते आरती के जीवन में पति का सुख नहीं लिखा … Read more

आखिर कब तक – नीलिमा सिंघल 

रात के 12 बज गए थे पर तनुजा की आँखों मे नींद नहीं थी वो बार बार फोन उठाती कुछ देखते फिर रख देती, नीलेश बहुत देर से तनुजा की हरकतों को देख रहा था पर जब रहा नहीं गया तो झुंझला कर बोला,” क्या, तनुजा, सारा दिन मोबाइल हाथ मे रहता है और अब … Read more

प्यार की जिद.. – दिव्या  शर्मा

“वृंदा….!!” “छनाक…।” एक आवाज हुई और उसकी हथेली लहुलुहान हो गई।दर्द की लहर नसों में दौड़ गई।वह यथार्थ में लौट आया।हाथ में पकड़ा शराब का गिलास उसकी ऊंगलियों के दबाव से चकनाचूर हो चुका था।बिल्कुल उसके दिल की तरह। वह भी तो रीस रहा था… रो रहा था…. वृंदा की फोटू को सीने से लगाए … Read more

सोच बहू की ” – सरोज माहेश्वरी

सुबह के 9 बजे चुके थे राधा अपने कमरे में अभी तक सो रही थी…नाश्ते की टेबल पर उसकी हमउम्र भावी शालिनी सभी का मनपसंद नाश्ता बनाकर सभी के आने का इंतजार कर रही थी….उसे दस बजे कॉलेज पढ़ाने भी जाना था….राधा की इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी घर बैठ कर नौकरी के … Read more

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