” ऐसी बहू हर जनम में मिले ” – अमिता कुचया

औरत कितनी भी पढ़ी लिखी हो, पर परिवार का वंश बढ़ाने के लिए पोता की चाह तो रखती ही है।ऐसी ही कहानी नीना की हैं ,जो कि नीना पढ़ी लिखी है ,और बहू भी सर्विस वाली है ,बहू भी बेटे की पसंद की है। फिर  भी नीना पर पड़ोस और रिश्तेदारों की बात का असर … Read more

बहू भी घर की बेटी है – अमिता गुप्ता “नव्या”

मां आपके लिए चाय लाऊं या काफी… रोशनी ने अपनी सासू मां से पूछा। कुछ नहीं बेटा, तुम रुको मैं बनाती हूं, रोशनी का हाथ पकड़ कर रेखा जी ने रोशनी जी ने कुर्सी पर बैठा दिया। अरे मां…आप भी कैसी बात करती हैं, मैं कह रही हूं न मैं बनाती हूं। नहीं-नहीं बेटा तुम … Read more

सास भी कभी बहू थी  –  किरण केशरे

आज ऑफिस से निकलते हुए सलोनी को काफी देर हो गई थी, अचानक ही बॉस ने अतिरिक्त कार्य सौंप दिया, उन फाइलों को निपटाते रात के साढ़े सात बजने को आ गए थे, वह सोच रही थी, नमन भी घर आ गए होंगे। सास और ससुर जी की चिंता भी अलग होने लगी ! शाम … Read more

माँ – नीलिमा सिंघल 

मानसी के विवाह को 7 महिने हो चुके थे, बहुत खुशहाल ससुराल था उसका, ससुराल मे पति सास ससुर और एक  नन्द थी जिसकी शादी हो चुकी थी, सभी मानसी को बहुत प्यार करते थे,  एक दिन अचानक मानसी की तबियत खराब हुई तो उसको अस्पताल ले जाया गया जहाँ से वापस आकर सबको खुशखबरी … Read more

हमारे यहाँ भी एसी आयी हैँ  – मीनाक्षी सिंह

नीरा एक मध्यमवर्गीय परिवार की महिला ,मई का महीना ,भीषण गर्मी ! कूलर  महाराज भी टाय बोल गए ! भई और कितना साथ देते ! 10 साल से तो लगातार  निहस्वार्थ भाव से पूरे घर को ठंडी हवा दे रहे थे ! पतिदेव ने कहा – अब क्या सही करवाये यार इसे ,बहुत पैसा लग … Read more

बहू मेरा अक्स – ऋतु अग्रवाल

“सुनो! आज मैं बच्चों के पास ही सोऊँगी। राध्या को बहुत तेज बुखार है। सारा बदन तप रहा है उसका। रात को कुछ परेशानी हुई तो किससे कहेगी वह? रोमिल तो अभी बहुत छोटा है।” सुगंधा ने अश्विन की चिरौरी करते हुए कहा।           “मुझे कुछ नहीं पता। दवाई दे दी है न उसे। रात में … Read more

बहु हो तो ऐसी ” – कविता भड़ाना

“दुल्हन आ गई, दुल्हन आ गई” का शौर करते हुए बच्चे घर के अंदर भागते हुए आए, तो सुमित्रा जी ने जल्दी से पूजा की थाली तैयार करी और द्वार पर बहु का स्वागत करने आ गई, रीति रिवाजों से सारी रस्में निभाई गई और  इस तरह सुमित्रा जी भी आज बहु वाली हो गई … Read more

किरचें लहू लुहान कर गयी” – उमा वर्मा

सुबह सुबह यश और गौरी ने सुनीता के पैर छू कर प्रणाम किया तो वह गदगद हो गई ।कितनी प्यारी और सुन्दर है मेरी बहू ।कल रात को पार्टी में भी सबने यही कहा था ” कहाँ से लाये इतनी सुन्दर और प्यारी बहु? सुनीता निहाल हो गई थी ।ढेरों आशीर्वाद देते हुए चाबियों का … Read more

मैं माँ हूँ – विभा गुप्ता

 ” क्या अम्मा जी, परेश कोई बच्चे हैं जो आप उनकी राह तकती रहती हैं,आ जायेंगे।आप जाकर सो जाइये।” दीपा ने अपनी सास से कहा जो अपने बेटे के आने का इंतज़ार कर रहीं थीं।  ” बहू, बेटा कितना ही बड़ा हो जाये,माँ के लिए तो वह बच्चा ही रहता है।परेश बाहर भटकेगा तो मेरी … Read more

विषय “#एक_रिश्ता” के विजेता

 नमस्कार दोस्तो, मार्च  माह के प्रथम सप्ताह (27 फरवरी – 5 मार्च ) का विषय था #एक_रिश्ता  और इस विषय पर सभी लेखकों ने बहुत ही प्यारी कहानियां भेजी , समूह उनके प्रयास की सराहना करता है। इस साप्ताहिक विषय पर लिखी हुई कहानियों मैं से जिन लेखकों की कहानियां पाठकों ने सर्वाधिक पढ़ी और … Read more

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