मै हूं न? – संगीता श्रीवास्तव

घर की चहेती, मोहल्ले की चहेती, धोबिन की चहेती , रामू काका की चहेती, कामवाली बाई की चहेती, सबकी चहेती थीं कुम्मु आंटी। कभी भी किसी की मदद के लिए तत्पर रहती थीं। कभी कामवाली की बेटी की शादी हो, कभी रामू काका के बेटे का जनेऊ हो या साजिदा की मां, धोबिन का रोजा … Read more

घूंघट –  हेमा दिलीप सोनी

सावित्री जी दो देवरानी जेठानी थी, सावित्री की देवरानी गांव में रहती थी, उसके दो बहू थी दोनों गुणी ,सुशील ,सुंदर उनकी बड़ी बहू के हमेशा सर पर घूंघट रहता था। कभी भी किसी ने भी उसे बिना घुंघट के नहीं देखा था, सब उसकी तारीफ करते थे कि आपकी बहू तो बहुत सुंदर, सुशील … Read more

टेस्टेड फार्मूला – विभा गुप्ता

 रीमा और रचना बचपन की सहेलियाँ थीं।विवाह के पाँच साल बाद जब दोनों सहेलियाँ मिलीं तो उन्हें समझ नहीं आया कि कहाँ से बात शुरु करें।पति,सास,बच्चे सब कुछ दोनों एक-दूसरे को बताने के लिए बेताब थीं।      रीमा ने बताया कि उसका पति दिल्ली में साॅफ़्टवेयर इंजीनियर है।उसका बहुत ख्याल रखते हैं।कोई ऐब नहीं है,बस कभी-कभी … Read more

आ अब लौट चले – नीरजा कृष्णा

काफ़ी वर्षों के बाद मिन्नी अपने मम्मी पापा के साथ अपने घर, अपने दादा दादी के घर दिल्ली आई है। उसके बचपन में ही रमेश जी सपरिवार शिकागो में बस गए थे। पूरी तरह होश संभालने के बाद वो पहली बार भारत आई है। पूरा परिवार उनके स्वागत में लगा हुआ था। चाचाजी, चाचीजी और … Read more

लव मैरिज – डॉ अंजना गर्ग

“दीपक मैं क्या सुन रहा हूँ कि आप प्रीति की शादी रोहित से नहीं करना चाहते।” केशव लाल ने कुर्सी पर बैठते हुए कहा। “जी पापा, आपने ठीक सुना यह तुम कह रहे हो , तुम बच्चों की शादी के लिए मना कर रहे हो। जिसने खुद 25 साल पहले लव मैरिज की। जब समाज … Read more

शैतान – गरिमा जैन

मां पता है आज रामू का कुत्ता भी मारा गया !! कम्मो :अरे यह आजकल क्या हो गया है ?गली के सारे कुत्ते बिल्ली जैसे इन्हें किसी की नजर लग गई .बिचारा कोई ना कोई रोज मारा जाता है ।कल विमला की बिल्ली भी तो चौराहे पर मरी मिली थी। अरे बिटवा देख तेरे बापू … Read more

अपने पति का हाथ बंटा ले  – मीनाक्षी सिंह

प्रिया एक वर्किंग महिला,शाम को काम  से घर आने के बाद पूरे दिन में एक बार बच्चों को लेकर एक घंटे के लिए  निकलती हैँ पार्क  में ! वहाँ सभी औरतें ठीक हैँ ,बस एक हैँ जिसके बच्चें प्रिया के हम उम्र हैँ 6 और 3 साल के ! हर दिन प्रिया के बच्चों को  … Read more

बहू का प्रमाण पत्र – शुभ्रा बैनर्जी

सौम्या की बेटी की शादी की बातचीत चल रही थी।बेटी पढ़ी-लिखी और समझदार थी ।मां से उसका भावनात्मक लगाव कुछ ज्यादा ही था।बचपन से उसने सौम्या को संघर्ष करते ही देखा था।बड़ी होने पर अक्सर बोलती “मैं शादी नहीं करूंगी कभी।तुम्हारे जैसी अच्छी बहू ना मैं बनना चाहती हूं और ना ही बन पाऊंगी।सारा जीवन … Read more

बेटी से बहू तक का सफ़र – स्नेह ज्योति

संयुक्त परिवार में पली रत्ना बचपन से ही आलसी ,कामचोर रही । काम करने की ज़्यादा आदत ना होने के कारण जल्द ही थक जाती और दूसरों को अपने काम थमा तफ़रीह पे चली जाती । जब तक छोटी थी तब तक सब ठीक था जैसे-जैसे वो बड़ी हुई घर के प्रति जिम्मेदारी काम के … Read more

सास से पंगा.. – संगीता त्रिपाठी

 “मम्मी जी आपके झुमके बहुत सुन्दर है, आप पर बहुत अच्छे लग रहे “बहू प्रीति ने सासू माँ ऊषा की तारीफ करते कहा..।          “तुम्हे पसंद है बहू तो तुम पहन लो, “उषाजी ने कहा    “अरे नहीं माँ, आप उतरिये मत ..,आप का झुमका इतना सुन्दर है मै तारीफ से अपने को रोक ना पाई,”बहू की … Read more

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