सास की बिमारी बहाना लगती है – सविता गोयल

” कहां रहती है रंजना आजकल!! कभी मिलती ही नहीं हो । ,, रंजना की सहेली मंजू ने सब्जियां लेते हुए रंजना से पूछा । रंजना भी जैसे उसके पूछने का हीं इंतजार कर रही थी , ” पूछ मत मंजू , सारा दिन इस घर में काम करने में ही निकल जाता है। ऊपर … Read more

मायके की खुशबु – नीलिमा सिंघल 

ट्रेन पटरी पर अनवरत भाग रही थी, और साथ ही भाग रही थी सुमन की सोच। खिड़की से बाहर देखते हुए याद आ रही थी माँ की। पिछले साल जब वो इसी तरह गर्मी की छुट्टियों मे मायके जा रही थी बच्चो के साथ तो क्या उत्साह और उमंग थी। कितनी तैयारी…साल की सबसे लम्बी … Read more

चूक –  मुकुन्द लाल

प्रोफेसर राजेश्वर को शाम में युनिवर्सिटी से लौटकर घर पहुंँचने के बाद उसकी पत्नी तापसी तुरंत चाय-नास्ता बनाने के लिए किचन में चली गई।   प्रोफेसर साहब के बैठने के  कुछ मिनटों के पश्चात ही उनका मोबाईल बजने लगा।  ” हैलो!… कौन?… कहांँ से बोल रहे हैं आप?…”   “प्रणाम सर!… आपने नहीं पहचाना!… मैं आपका शिष्य … Read more

एक पिता की जिम्मेदारी – रोनिता कुंडू

सुनिए आपकी पत्नी की काफी नाजुक Pregnancy हैं… पिछले दो मिसकैरेज की वजह से, इनका शरीर काफी कमजोर हो गया है… इसलिए इस बार इन्हें पूरा बेड रेस्ट करना होगा… डॉक्टर ने विपुल को उसकी पत्नी चारू के बारे में कहा… फिर दोनों घर आ जाते हैं… विपुल: तुम घबराओ मत..! चारू..! मैं सब मैनेज … Read more

एक जिम्मेदार बालिका। – सुषमा यादव

जब मैं छिंदवाड़ा में शिक्षिका थी,उस समय मेरी बड़ी बेटी पांच साल की और छोटी बेटी दो माह की थी,हम दोनों की नौकरी और दो छोटे बच्चे, बड़ा मुश्किल हो रहा था।, कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने देखभाल की,पर कब तक हम उन्हें परेशान करते,हम बहुत परेशान हो रहे थे, हमारे पड़ोस में एक मद्रासी … Read more

सेतु – कमलेश राणा

रोहित की बड़ी हसरत थी कि वह इंजीनियर बने उसके परिवार में वह पहला इंजीनियर बनने वाला था। पढ़ाई पूरी होते ही एक टेलिकॉम कंपनी में जॉब मिल गई सारे परिवार में खुशी का माहौल था।  दो साल बड़े अच्छे से निकल गये तभी कोरोना ने पांव पसारने शुरु कर दिये। कमाई से अधिक जीवन … Read more

मीठा पान – नीलिमा सिंघल

“बाबुजी ये लीजिए 200 रुपये पनीर बेसन आलू प्याज ले आना और हाँ,,धनिया मिर्ची भी ले आना,,इनके दोस्त आयेंगे तो पकौड़े बनाने हैं,,,” अलका अपने ससुर से बोली।  निरंजन जी बोले, ” बेटा,,,खीर बनेगी इसीलिए दूध भी तो आएगा तो ज्यादा पैसे दे दो,,इतने मे नहीं आ आएगा “ “दूध,,,,,खीर,,आपका दिमाग तो खराब नहीं हो … Read more

जिम्मेदारी – कुलजीत भार्गव

जिम्मेदारी ये शब्द जैसे मेरे जीवन में परिचित सा लगता है। पापा के दोस्त अंकल जी जिनकी ३ बेटियां और एक बेटा था। जिम्मेदारी क्या होती हैं ये उनको देखकर ही समझ आ जाता था । समय से पहले ही उन बच्चो में परिपक्वता आ गई है साफ दिखाई देता था। लड़कियों वाला अल्हडपन, मोजमस्ती … Read more

एक रिश्ता प्यारा सा – पुष्पा जोशी

आज पूरे ८ वर्षों के बाद वह, इस गाँव वापस आया था। इसे एक संयोग ही समझना चाहिए, कि जिस विद्यालय से उसने ८ वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की, उसी विद्यालय में वह सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त होकर आया था।यह उसकी पहली पोस्टिंग थी। रेलवे स्टेशन से गाँव दूर नहीं था,उसने अपने बेग … Read more

बेटियां – गीता वाधवानी

सुबह जब कांता देवी सो कर उठी, तब उसके एक कान में बेहद दर्द हो रहा था। उसने सोचा कि शायद नहाते समय कान में पानी चला गया होगा, इसलिए उसने सरसों का तेल हल्का सा गर्म करके कान में डाला, लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ा। धीरे-धीरे दर्द बहुत ज्यादा बढ़ गया तब उन्हें डॉक्टर … Read more

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