ज़िम्मेदारी नहीं फ़र्ज़ है। – रश्मि सिंह

रागिनी-पापा कितना टाइम और लगेगा, हमनें सब तैयारियाँ कर ली है, और पापा, नानी भी हमारे साथ अभी चलेंगी। शेखर (रागिनी के पापा)-बेटा आवाज़ नहीं आ रही है, कुछ नेटवर्क प्रॉब्लम है, बस एक घंटे में पहुँचने वाला हूँ। रागिनी- ठीक है पापा जल्दी आइए साथ में ख़ाना खाएँगे। ये है रागिनी, शेखर और उमा … Read more

एक बदलाव – रीमा महेन्द्र ठाकुर

प्रगति  प्रगति,””””  दरवाजे पर कबसे दस्तक दे रही थी अणिमा “ ये कौन  सुबह सुबह दरवाजा पीट रहा है” नीदं मे खलल होने से” मन ही मन बडबडायी प्रगति “ प्रगति  प्रगति “” ये पक्का अणिमा होगी “गजब की लडकी है” संस्कारों की देवी “अपने बालो को पोनी मे तब्दीली करती हुई  प्रगति बेड से … Read more

दो सहेलियां  – गीता वाधवानी

नीतू और गीतू दोनों पक्की सहेलियां, मानो दो जिस्म एक जान। एक ही मोहल्ले में आसपास दोनों के घर। नर्सरी से कॉलेज तक एक साथ पढ़ाई की। जब शादी की उम्र हुई, तब दोनों को यह चिंता सताने लगी कि कहीं हम बिछड़ ना जाएं। दोनों ने एक दूसरे को वचन दिया कि हम दोनों … Read more

ज़िम्मेदारी सिर्फ़ बड़े भाई की है – के कामेश्वरी

फोन की घंटी बज रही थी । सुषमा रसोई में खाना बनाने में लगी थी क्योंकि सबको टिफ़िन बॉक्स देना था । देव नहाने गए थे । बच्चे दोनों भी कॉलेज के लिए तैयार हो रहे थे ।  अपने कमरे में से सास चिल्ला रही थी कि कोई तो फ़ोन उठाओ । वह बार बार … Read more

हाँ हम भी इंसान हैं – स्नेह ज्योति

सैम स्कॉट लैंड मैं अपने परिवार के साथ एक खुशहाल जीवन जी रहा था । तभी खबर आयी कि एक हादसे में सैम की माँ और पिता का निधन हो गया है । सैम की दुनिया वीरान और बेरंग हो गयी…..खुद को सम्भालने के लिए उसने पढ़ाई में अपने आपको व्यस्त कर लिया ।अब उसका … Read more

उसके हिस्से का पुरूष – डॉ पुष्पा सक्सेना

”सुप्रिया आई है………….।“ गूँज बनकर बात पूरे आफिस में फैल गई थीं। सभी उसे देखने, उससे बात करने को उत्सुक थे। अधिकांश के हृदय में भारी उत्कंठा थी- देखें उसकी प्रतिक्रिया क्या है? पत्नी की तरह ढाढ़ें मारके रोएगी, प्रेमिका की तरह रूमाल में सिसकी पोंछेगी या स्तब्ध रह जाएगी। सुप्रिया और मानस का प्रेम … Read more

अलौकिक शक्ति – सुषमा यादव

मेरा हरिद्वार शांति कुंज के गुरु श्री राम शर्मा आचार्य जी पर अगाध श्रद्धा है। मैंने उन्हें देखा नहीं था,,जब मैं अपने पिता जी, और अपनी मां के साथ गई थी तो परम वंदनीय माता जी से ही गुरु दीक्षा ली थी,उस समय गुरु जी किसी अज्ञात स्थान में गायत्री मां की आराधना में लगे … Read more

जी भर के रो भी ना पाये, जिम्मेदारियां निभाने में, – सुषमा यादव

 इंदौर के अपोलो अस्पताल में वेंटिलेटर पर लेटे हुए राज ने अपनी पत्नी मीनू को बेबसी और लाचारी भरी डबडबाई आंखों से देखा, वो कुछ कहना चाहते थे,पर कह नहीं सके,मीनू यानि मैं उनका आशय समझ गई, मैंने उनका हाथ अपने हाथों में लेकर उन्हें विश्वास दिलाया कि जो आप कहना चाहते हैं, मैं समझ … Read more

अपना हिस्सा – ऋतु गुप्ता

 शरद ने अपनी पत्नी शुभी से कहा यह तुम क्या कह रही हो कि मैं गांव जाकर बाबूजी से मकान व दुकान में अपने हिस्से की बात करूं, उनसे कहूं कि यह घर मेरा भी है,क्योंकि कानूनन मेरा भी हक बनता है कि मैं भी अपने भाई के साथ बराबर का हिस्सेदार हूं,उस घर व … Read more

अब टिकेट कैंसिल नहीं कराऊंगा – मीनाक्षी सिंह

बिन्दू मैने टिकेट करा ली हैँ ,अब कोई भी काम आ जायें ,मैं जाकर रहूँगा ,अबकी बार कैंसिल नहीं कराऊंगा ! 65 वर्षीय राकेशजी पूरे जोश में बोले ! तुम सुन रही हो कि नहीं बिन्दू ,छोड़ों ये कपड़े तह करना ! हाँ हाँ ,सुन रही हूँ ! बहरी नहीं हूँ ! कहाँ की टिकेट … Read more

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