सुख -दुःख -देवेंद्र कुमार

परिवार गहरे दुःख में डूब गया। श्यामा के पति रामेश्वर की अचानक मृत्यु हो गई। उन्हें कोई खास बीमारी नहीं थी। सगे सम्बन्धियों और पड़ोसियों की भीड़ जमा हो गई। श्यामा अपने इकलौते बेटे प्रेम को गोद में लिए बैठी सिसक रही थी। सब उन्हें सांत्वना दे रहे थे। सबकी जबान पर एक ही चर्चा … Read more

सोच – मधु झा

अचानक बिना खबर के आयुषी का आना और आते ही माँ आरती के गले लगकर रोना,, आरती कुछ भी समझ न पायी मगर इस तरह देखकर उसे समझते देर भी न लगी कि जरूर कोई बात है,,। थोड़ा स्थिर होने के बाद आयुषी ने बताया  कि किस तरह उसके ससुराल में उसकी सास ताने देती … Read more

ये क्या मां – संस्कृति सिंह

मां की रट लगा रखी है , मत भूलो कि अब तुम शादीशुदा हो और इस घर की बहू हो अब तुम्हें यहां के नियम और कायदे का ही पालन करना होगा। मायका से अपना मोह दूर करो – कड़कती आवाज में सास लता जी ने कहा तो दिव्या का मन दुखी हो गया पति … Read more

बिटियारानी – गुरविंदर टूटेजा 

 सुनीता तुम जाओ अब रीत तुम्हारा इंतजार कर रही होगी पीहू के पास मैं हूँ….!!   सुनीता व उसका पति रंजन…गौरव व निधी के यहाँ काम करते है…सुनीता उनकी पाँच साल की बेटी पीहू को संभालती हैं व रंजन ड्राईवर हैं…वो उन्ही के यहाँ सर्वेंट क्वाटर में माँ व चार साल की बेटी रीत के साथ … Read more

ऑनर किलिंग  (A crime story) – अनुराधा श्रीवास्तव “अंतरा “

गांव में सुबह ही हड़कंप मच गया था। गांव के बाहर एक सर कटी लाश पड़ी हुई थी। पता चला कल सुबह से रामदीन का लड़का विनोद लापता है और लाश का हुलिया, कपड़े और हांथ के कड़े को देखकर रामदीन ने उस लाश की पहचान अपने लड़के विनोद के रूप में की थी। विनोद … Read more

उधार – मीनाक्षी सिंह

ये लिजिये काका ,,आपके पैसे ब्याज़ सहित ! कौन ???? हाथों में लाठी लिए हुए सुरेश जी चश्में को नीचे करते हुए बोले ! मैं पहचाना नहीं ! कौन हो बेटा तुम ! और मैं कौन होता हूँ किसी को उधार देने वाला ! अपनी  खुद की दो वक़्त की रोटी मुश्किल से कमा पाता … Read more

** काम का जेंडर से क्या लेना-देना ** – डॉ उर्मिला शर्मा

 दीपा के घर उसकी सालों पुरानी सहेली अंजली आयी थी। वैसे भी लॉक डाउन के बाद भी कहाँ कोई किसी के घर आता जाता है। दोनों सहेलियां एक दूसरे के घर की सारी अंदरूनी बातें जानती थीं। जब भी मिलती ढेरों बातों के साथ अपनी दुःखम- सुखम बतियाती। भारतीय परम्परानुसार दीपा पति- पत्नी में अनबन … Read more

वृद्धाश्रम – हरीश पांडे

वृद्धाश्रम की अपनी चारपाई पर बैठे 70 वर्षीय जगजीवन शर्मा ‘वृद्धाश्रम’ पर ही एक लेख लिख रहे थे। लेखन हमेशा से ही उनकी हॉबी थी पर जवानी में व्यवसाय और पैंसे कमाने में ऐसे उलझे कि फिर अपने विचारों को सलीके से शब्दों में तब्दील करने के शौक को कहीं पीछे ही छोड़ आये। अब … Read more

एक प्लेट हलवा – शिप्पी नारंग

जगदीश प्रसादजी चुपचाप बैठे हुए बड़ी बहू गीता की बातों को सुनते जा रहे थे लग रहा था कि किसी भी समय वो अपना धीरज खो बैठेंगे, पर किसी तरह उन्होंने अपने-आप को काबू में रखा हुआ था | गीता थी कि अनवरत बोलती जा रही थी | बात बस इतनी सी थी कि पिछले ३-४ दिन से जगदीश प्रसादजी … Read more

हँसना रोना – नीलिमा सिंघल

अचानक हुई घर के मालिक की मौत से परिवार गहरे सदमे में डूब गया। रजनी के पति समीर की हृदयाघात से अचानक मृत्यु हो गए थी वैसे उन्हें कोई भी खास बीमारी नहीं थी। सगे सम्बन्धियों और पड़ोसियों की भीड़ जमा हो गई थी, रजनी अपने इकलौते बेटे वेद को गोद में लिए बैठी सिसक … Read more

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