बोलो क्या चुनोगे – हरीश पांडे
“ऋतु चल पार्टी में चलते हैं। जल्दी तैयार हो जा।” निशा ने ऋतु की पीठ पे थपथपाते हुए कहा। ऋतु जो श्रेया की गोदी में मुँह छुपाये लेटी हुई थी, वो और जोर से रोने लगी। “ऋतु ऐसे कब तक रोते रहेगी। जो होना था वो हो गया। चल बाहर चलते हैं, कोई मूवी शूवी … Read more