बेनाम रिश्ते की सौगात –  दीपा माथुर

अंशु के ऑफिस पहुंचते ही ,कालू चाय वाला आ गया। चाय पियो गरम गरम चाय पियो।  अरे आज तो सुबह सुबह ही,क्या बात है। मैडमजी आज से रोज इसी टाइम चाय मिलेगी। कालू बहुत हसमुख स्वभाव का था  छोटा सा बच्चा था। हालाकि रंग गहरा था।पर सारे दिन अपने स्वभाव से सबका मन जीत लिया … Read more

परंपराएं कुछ कहती हैं – कमलेश राणा

नीशू बेटा एक बार और जाकर देख तो आ बेटा कुसमा ताई की गाय ने गोबर किया या नहीं।  सुबह से दो बार हो आया कभी कोई ले जाता है कभी कोई गोया कि गोबर न हुआ अशर्फी हो गई। पड़ोस की सुषमा दादी और पार्वती दादी भी तो वहीं डेरा डाले बैठी हैं इसके … Read more

बेनाम रिश्ता – संगीता त्रिपाठी

पता नहीं वो कौन सा रिश्ता था जो सौम्या न चाहते भी खिची चली आती थी छत पर, एक दिन भी  दिखाई न दें तो चैन नहीं मिलता था।     एक दिन कॉलेज के लिये हड़बड़ी में निकलते हुये सामने आते शख्स से टकरा गई, “दिखाई नहीं देता क्या, या लड़की को देख जबरजस्ती टकराने की … Read more

खट्टा मीठा रिश्ता –  सविता गोयल

” बहू ये क्या सब्जी बना कर रख दी तूने…. अरे रंग देखा है इसका… बिल्कुल फीका .….. क्या कहेंगे दामाद बाबू !! कोई काम तो ढंग से कर लिया कर। ,, अर्चना जी अपनी बहू कामिनी को डांटते हुए बोली।  ” मां जी, पता नहीं इस बार के मसाले कैसे आए हैं…. जितने भी … Read more

कौन अपना कौन पराया – डा.मधु आंधीवाल

अमित अस्पताल के बिस्तर पर बेहोश पड़े थे । इतना भंयकर एक्सीडैन्ट हुआ कि उनकी बाइक को देखकर कोई यह नहीं सोच सकता कि इसका सवार जिन्दा बच गया होगा । उनके जेब की डायरी से एक नं मिला उस पर घर लिखा हुआ था । वह नं .डा. ने मिलाया उधर से आवाज आई … Read more

रंग -अनुज सारस्वत

आज ब्रज में होली रे रसिया होली रे रसिया बरजोरी रे रसिया आज ब्रज में होली रे रसिया “ घर के स्पीकर पर यह गाना बज रहा था जो दादू ने लगाया था इतने में 20 वर्षीय अनिकेत अपने रूम से बाहर आया और झुंझलाते हुए दादू से बोला “दादू आप यह बंद करो मुझे … Read more

आईना –  हनी पमनानी

आजकल के रिश्ते डिजिटल हो गए हैं अच्छा किया तो लाइक बुरा किया तो ब्लॉक, बात करनी है तो कॉल रिसीव नहीं तो स्विच ऑफ। फेसबुक पर ओपन पब्लिक खोखले रिश्ते ।  पर इस  डिजिटल युग में एक मन का रिश्ता जो सब से छुपा कर आज तक रखा था बड़ी हिम्मत करके इस मंच … Read more

“एक रिश्ता भरोसे का” – सरोज माहेश्वरी

   भरोसा ! शब्द की पावनता, श्रेष्ठता को शब्दों में पिरो पाना अति कठिन है। यह भरोसा चाहें इंसान का खून के रिश्तों पर हो या इंसान का किसी अन्य इंसान पर हो….क्योंकि आज के युग में विश्वासघात और धोखे की जड़ें इतनी मजबूत हो गई है कि रिश्तों का कोई मोल नहीं रहा है परंतु … Read more

त्याग का रिश्ता… – विनोद सिन्हा “सुदामा”

डागडर साहिब कैसी है मेरी बहू…. विमला देवी ने भरे मन डाक्टर से बहू रश्मि का हाल पूछा… जी माँ जी अभी कुछ कहा नहीं जा सकता…हम कोशिश कर रहें..ईश्वर पर भरोसा रखिए… आखिर उसे हुआ क्या है..?? क्यूँ एकाएक दर्द उठा पेट में..क्यूँ बेहोश हुई… जी renal failure का केश है…. रेनल फेलर इ … Read more

खूबसूरत रिश्ता – संगीता अग्रवाल

वो बदहवास सी एक दिशा मे दौड़े जा रही थी ना उसे इस बात का पता था कि उसे जाना कहाँ है ना इस बात का भान था कि वो जा कहाँ रही है । डरी सहमी सी थी वो और जहाँ उसके कदम ले जा रहे थे वो भागी जा रही थी बस । … Read more

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