जो चाहें वो मिल जाए  जिंदगी अपने रंग दिखाए  – स्नेहज्योति

मैं ‘वीर’जो अपने माँ-बाप का लाड़ला था ऐसा नहीं कि मैं अकेली औलाद था,मेरा एक छोटा भाई भी था,पर अपने वालिदैन का मैं हमेशा से ही आकर्षण का केंद्र रहता था।मेरी हर बात का फ़ैसला वही करते थे,शायद यही बात मुझे परेशान करती थी,मुझे खुद कुछ करने नहीं देते थे,हर पल उनकी उँगली पकड़ चलना … Read more

दिनचर्या  – त्रिलोचना कौर   

   भारती दोपहर खाने के बाद आराम करने जा ही रही थी कि बेटे अभिराज का फोन आ गया” माँ,एक वर्ष के लिए मेरी पोस्टिंग ऐसी स्थान पर हो गई है। मै वहाँ सौम्या और बच्चों को लेकर नही जा सकता अत: इसी हफ्ते मै इन लोगों को छोड़ने घर आऊंगा”                          भारती खुशी से फूली नही … Read more

किस्मत वाली – डॉ अंजना गर्ग

“ओ, नेहा तुम,  क्या तुम दिल्ली में आ गई? तुम तो पटियाला में थी।” नेहा को मार्केट में देख अनु ने हैरानी से पूछा। “मेरे हस्बैंड डेपुटेशन पर दिल्ली आये  है। अभी पिछले महीने ही हम लोगों ने दिल्ली शिफ्ट किया है ।” नेहा ने बताया। साथ ही कहने लगी मेरा घर बिल्कुल पास है … Read more

आस निरास भई – कमलेश राणा

कमलेश राणा बात 1981की है यह घटना जब भी याद आती है चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कुराहट आ जाती है। ट्रांसफर के अनवरत क्रम में उस समय उन दिनों हम एक छोटे कस्बे या यूँ कह लीजिये कि सड़क किनारे बसे बड़े से गांव में पहुंचे। उन दिनों वहाँ नई ब्रांच खुली थी बैंक … Read more

अहसास – नंदिनी सोनू सिंह 

अचानक से मेहमान आने पर दिमाग का पारा हाई हो जाता है अक्सर, पहले से पता हो तो सब काम खाना पीना टाइम से हो जाता है। काम निपटाने के बाद तो एक कप चाय की प्याली बनाना भी पहाड़ से कम नहीं लगता। ऐसे ही दीवाली का दिन था , सुबह से भाग दौड़ … Read more

गलती किसकी? – पृथ्वीराज

लेखक : पृथ्वीराज एक Court Case में आप सभी की राय की जरूरत है.. इस Case को ठीक से समझ कर ही अपनी राय कॉमेंट बॉक्स में दें.. रश्मि, एक साधारण परिवार की लड़की थी, और अपने मां बाप का अकेला सहारा थी.. गरीब होने के बाद भी उसके मां बाप ने उसको बचपन से … Read more

दीदी – गुरविंदर टूटेजा

अप्रकाशित जाने कैसा मोह था गिन्नी का निधी दीदी के साथ दोनों चचेरी बहनें हैं वो दो साल दो दिन छोटी है पर रहती है पक्की सहेलियों की तरह जहाँ जाना है साथ में पहले दीदी का जन्मदिन आता तो उन्होंने गुलाब जामुन से सबका मुँह मीठा कराया और गिन्नी कहाँ पीछे रहने वाली थी … Read more

दर्द – रजनी जोशी

एक्सीडेंट के बाद 10 दिन अस्पताल में रहना  पड़ा बाए हाथ और पैर के चार ऑपरेशन हुए।घर आने पर दिन भर सक्रिय रहने वाली सुधा मानो बिस्तर की होकर रह गई। बेटे का वर्क फ्रॉम होम होने की वजह से दिन भर उसके पास बैठकर काम करता और मां की सेवा भी । सुधा की … Read more

मुँह बोला एक रिश्ता – नंदिनी

घनश्याम की पुलिस की नोकरी 2 बेटियां सोनम ओर सुहानी ,पत्नी रोहिनी ओर मां एक छोटा सुखी परिवार।  पर कुछ साल पहले की बात है ये , तो माँ छोटा परिवार सुखी मानने से रहीं , हमेशा जोर देतीं एक बेटा तो होना ही चाहिए ,कुछ साल बाद रोहिनी ने एक बेटी सांची को जन्म … Read more

बेनाम रिश्ते की सौगात –  दीपा माथुर

अंशु के ऑफिस पहुंचते ही ,कालू चाय वाला आ गया। चाय पियो गरम गरम चाय पियो।  अरे आज तो सुबह सुबह ही,क्या बात है। मैडमजी आज से रोज इसी टाइम चाय मिलेगी। कालू बहुत हसमुख स्वभाव का था  छोटा सा बच्चा था। हालाकि रंग गहरा था।पर सारे दिन अपने स्वभाव से सबका मन जीत लिया … Read more

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