गिफ़्ट – नंदिनी

चलो जी आज शिखा से मिलते हैं और जानते हैं आखिर उसकी अनोखी जन्मदिन की गिफ़्ट डिमांड थी क्या ….. तीन भाइयों के परिवार में शादी हुई  शिखा की, छोटी बहू बनकर आई घर में, विशाल की दुल्हनिया बन कर । सास ससुर ,दो जेठानी उनके प्यारे दो बच्चे दिन भर चाची चाची करते । … Read more

दिल के रिश्ते  – नेकराम 

यह बात 12 मार्च 2011 की है रात का वक्त था मैं ड्यूटी से छुट्टी करके घर लोटा ही था कि — उस दिन मां बड़ी चिंतित थी मेरे घर आते ही बोली दवाई मैंने ले ली है और गोली भी खाली अब मेरी बात सुनो गौर से मेरी उम्र का कुछ ठिकाना नही कब … Read more

सीख – अभिलाषा कक्कड़

बच्चे जैसे ही सात आठ साल की उम्र में पहुँचते हैं तो बहुत ही जिज्ञासु प्रकृति के बन जाते हैं, ख़ासकर लड़के ..लड़कियाँ थोड़ी ठहरी स्वभाव की होती है । वो अपनी गुड़िया या फिर छोटे से टेडी बीअर में ही ख़ुश रहती है । मेरा बेटा जब आठ बरस का हुआ तो हमारे दोस्त … Read more

कुछ तो लोग कहेंगे…..!! – विनोद सिन्हा “सुदामा”

नहीं नहीं .. मुझसे नहीं होगा माँ जी… सुलेखा ने झिझकते हुए अपनी सास शारदा देवी से कहा… क्यूँ नहीं होगा….भला और इसमे हानि ही क्या है…. क्या लड़कियाँ दुकान नहीं चलाती…व्यपार नहीं करती..?? पर माँ जी लोग क्या कहेंगे..?? फिर आस पड़ोस एवं मुहल्लों वालों का क्या ..?? किस किस को जवाब देंगी मैं … Read more

सालगिरह की सौगात – आरती झा आद्या

“दिवाली की सफाई के बाद थकी हारी सुहानी आराम कुर्सी पर अथलेटी सी बैठी थी, तभी गेट खोल कर दफ्तर का चपरासी रामविलास दाखिल हुआ।  “बहु जी, यह चिट्टियां लेकर आया हूँ, साहब का फोन भी आया था, मुंबई से कोलकाता के लिए चल पड़े हैं परसों लौट आएंगे।” उसने चिट्टियां देते हुए कहा। सुहानी … Read more

“संघर्ष सफर का” – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा

तालियों की गड़गड़ाहट से समूचा हॉल गूँज उठा। तभी माईक पर आवाज गूंजी…… डॉ. स्मृति आप यहां आयें और अपनी मंजिल आपने कैसे पाया कृपया उसके बारे में दो शब्द कहें । यहां उपस्थित सभी मेहमान तथा मेडिकल कॉलेज के छात्र आपके यहां तक के सफर और संघर्ष की कहानी आपकी ही जुबानी सुनना चाहते … Read more

मुनिया – मीनाक्षी सिंह

हे प्रभु ,ये क्या अनर्थ कर दिया ,मेरी फूल सी आठ साल की बच्ची  से उसकी माँ को छीन लिया ! मुझे ले लेता ,मेरी तो इस दुनिया में कोई ज़रूरत नहीं थी ! अपनी प्रिया पर भी जीते जी बोझ ही था ! बेचारी उस दिन बारिश में मुझ अपाहिज के लिए ही तो … Read more

उपहार – आरती झा आद्या

हैप्पी रोज डे मेरी जान…हॉस्पिटल रूम में स्तन कैंसर से ठीक हुई शून्य में ताकती रोहिणी की आंखों के सामने गुलाब थामे खड़ा हुआ उसके पति अभिनव ने कहा। ओह आप…आपने तो मुझे डरा ही दिया… भावविहीन चेहरे से अभिनव को देखती पैंतीस साल की रोहिणी ने कहा। क्या हुआ रोहिणी.. पूरे साल किसी भी … Read more

बात एक रात की – स्नेह ज्योति

घनी बरसात की रात थी,बस की धीमी रफ़्तार थी,ड्राइवर भी बेहाल था बारिश में मुसाफ़िरों को सही पहुँचाना जान जोखिम का काम था।धीरें-धीरें यात्री अपनी मंजिल पे उतरने लगे..…अचानक मेरी नज़र पीछे बैठी महिला पे पड़ी जो सोच में डूबी बेचैन दिखी,शायद घर जाने का सोच रही थी,अगले ही पल बस ख़राब हो गयी ड्राइवर … Read more

अलविदा – रोनिता कुंडू

बेटा…! इस बार होली पर आ रहा है ना..?  रितेश:   नहीं मां..! 1 दिन ही छुट्टी है… कहां 1 दिन के लिए इधर उधर दौड़ भाग करूं..?  साधना जी:   बेटा…! ना जाने कितनी ही होली दिवाली गई, पर तेरा चेहरा नहीं दिखा…. बेटा..! हमारी भी उम्र बढ़ रही है, हम हमेशा तो नहीं … Read more

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