” इज्जत औलाद की ” – सीमा वर्मा

उनका पूरा नाम ‘श्रीमती सुनंदा’ है। लेकिन पूरे मुहल्ले में वे ‘छोटी मां ‘ के नाम से जानी जाती हैं। उनकी उम्र करीब साठ की हो गई है। अपने शरीर की उन्होंने कभी परवाह नहीं की है। दूर- दराज में भी कभी गमीं हो या खुशी का मौका हो और वहां छोटी मां हाजिर न … Read more

घर प्यारा पर माँ नहीं.. – रश्मि प्रकाश

रात के लगभग दो बजे अचानक से माँ के कमरे से रोने की आवाज़ सुन निशिता और रितेश भाग कर उनके कमरे में आ गए । “ क्या हुआ माँ रो क्यों रही हो?” बेटे रितेश ने पूछा  “ वोऽऽऽ वोऽऽऽ ।” फोन की तरफ़ इशारा करते हुए सुमिता जी कुछ बोल ना पाई बेटे … Read more

बे औलाद होने का दंश…. – विनोद सिन्हा “सुदामा”

पूर्वी और राजेश की शादी हुए लगभग सात साल हो गए थे मगर अभी तक कोई औलाद नहीं हुई थी…काफी ईलाज करवाया कई तरह के जाँच करवाए लेकिन कोई फायदा नहीं… पूजा पाठ देवी देवता जाने कितने मंदिरों में अनगिनत देवी देवताओं से मन्नतें मांगते फिरते.., लेकिन नतीजा शून्य ही मिलता… कई उपाय के बाद … Read more

” भगवान का संतुलन ” – गोमती सिंह

सावित्री और संतोष  दोनो मध्यम वर्गीय परिवार से थे । संतोष एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था और आपनी सिमित तनख्वाह से भी दोनों  बड़ी खुशी खुशी जीवनयापन कर रहे थे । उनके विवाह हुए अब  पांच साल ब्यतीत हो गए थे मगर सावित्री की गोद एक औलाद के लिए तरस रही थी । … Read more

औलाद – कमलेश राणा

अरी ओ शन्नो कहाँ मर गई.. जरा छमिया, लैला, रसीली सबको बुलाकर तो ले के आ मेरे पास।  अब कौन सी आफत आ गई ये मौसी को.. जरा सा हंसो बोलो तो बस मौसी को काम याद आने लगते हैं।  लो आ गये.. अब बताओ ऐसा कौन सा पहाड़ टूट पड़ा जो इतनी बेचैन हुई … Read more

जीवनसंगिनी – गीता वाधवानी 

आज रवि और शोभा विवाह के अटूट बंधन में बंध गए थे। दोनों बहुत खुश थे। प्रेम विवाह था और साथ में शोभा की माता जी का आशीर्वाद भी था।  शोभा कमरे में दुल्हन के रूप में सजी संवरी रवि का इंतजार कर रही थी। तभी रवि को उसके दोस्तों ने और शोभा की बहन … Read more

औलाद – ऋतु गर्ग

वह नव दंपति अभी कोई बच्चा अपनी जिंदगी में नहीं चाहते थे। अभी कुछ माह पूर्व ही तो उनकी शादी हुई थी। यह एक और आफत! हां !यह आने वाले बच्चों को समय से पहले आने वाली आफ़त मान रहे थे।        दोनों ने फैसला किया कि हम डॉक्टर सुनीता के पास चलते हैं क्योंकि हमें … Read more

मोक्ष की आस – डॉ. पारुल अग्रवाल

आज श्रुति को उसके समाचार पत्र के मालिक गुप्ता जी का फोन आया कि उसे किसी पिचासी वर्ष आयु के वृद्ध विशम्बर नाथ जी का साक्षात्कार लेने जाना है। श्रुति के लिए थोड़ा आश्चर्य की बात थी क्योंकि उसने ये नाम प्रथम बार सुना था। गुप्ता जी वैसे भी आसानी से किसी का साक्षात्कार नहीं … Read more

किसी से ना कहना – सुषमा यादव

सोनाली  बहुत दिनों से भयंकर खांसी से परेशान थी, खांसते खांसते अधमरी हुई जा रही थी,सब घरेलू, एलोपैथिक, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक दवाइयां का ली,पर कुछ असर नहीं होता, डाक्टर को दिखाया, एक्सरे, ब्लड टेस्ट हुआ, रिपोर्ट देखते ही डाक्टर हड़बड़ा कर बोले,आप तुरंत ही अपना इलाज बाहर जा कर कराईये, सोनाली ने हल्के से मुस्कुराते हुए … Read more

ख्वाइशों के बुलबुले – कविता भड़ाना

“मैं चली मैं चली, देखो प्यार की गली मुझे रोके ना कोई, मैं चली मैं चली” जब जब सायरा बानो जी का ये गाना देखती हूं, मेरे हृदय पर जैसे सांप लोटने लगता है, तन बदन में आग लग जाती है और ईर्ष्या के मारे मेरा ब्लड प्रेशर हाई होकर ब्लास्ट हो जाता है…. अरे … Read more

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