रिक्त स्थान (भाग – 2) – गरिमा जैन
रेखा के लिए गाड़ी का दरवाजा खुलता है … रेखा को ऐसा सुख पहले कभी नसीब नहीं हुआ था। वह तो टैक्सी तक नहीं करती थी बस और ऑटो में ही उसकी जिंदगी बीती थी। चिकनी चिकनी फर्श पर उसकी बदरंग चप्पल और नाखूनों पर आधी लगी हुई नेल पॉलिश कैसी भद्दी लग रही थी … Read more