औलाद की खातिर – मंगला श्रीवास्तव
क्या माँ जब देखो तब बस पत्रिका पंडितजी उपाय तंग आ गया हूँ मैं “समीर गुस्से से बोला और जाने लगा था। नही बेटा बस इस बार और यह कर ले शायद कोई राह निकल आये तेरे भाग्य को जगा दे। माँ व पिताजी उसकी और कतार निगाहों से देखने लगे थे। नही होगा मुझसे … Read more