इज्जत – ममता गुप्ता

अरे !! यार शिल्पा ये तो आजकल फैशन है। ड्रिंक करना,स्मोकिंग करना,क्लब में ये सब तो चलता है ना। तू भी हमारे साथ रहकर ये सब सीख जाएगी। देख” तू अभी नई नई आई इसलिए तुझे यह सब थोड़ा अजीब लगता है,लेकिन गर तुझे इस शहर में रहना है तो थोड़ा बहुत तो खुद को  … Read more

इज्जत कमाओ – भगवती सक्सेना गौड़

रीना सर्विस से रिटायर हुई, आजकल बड़े शांत भाव से आराम फरमाती थी। कई दिनों से अपनी बड़ी दीदी सीता की बहुत याद आ रही थी। बेटे से कहा, सुनो अगर हो सके तो ट्रेन का ही रिजर्वेशन करा दो, दीदी की बहुत याद आ रही, व्यस्तता के कारण कुछ वर्षों से मिलना नही हुआ। … Read more

छुट्टियां  – नन्दिनी

छुट्टियां गर्मी की, ये शब्द हमेशा से ही बड़ा लुभावना रहा है हेना ….  छोटे थे तो परीक्षा के बाद मामा नानी घर जाने की खुशी अलग ही होती थी। बड़े होकर शादी हुई तो मायके जाने की खुशी तो शब्दों से परे है ,बचपन को फिर से जीवंत करने के दिन ,बेपरवाह बिना अलार्म … Read more

 मनहूस रातों का रुदन ! – रमेश चंद्र शर्मा 

” नंदा, तुम यह सब कैसे बर्दाश्त कर लेती हो। तुम्हारी जगह दूसरी  औरत होती तो कुछ भी कर गुजरती।” नेहा ने अपनी सहेली नंदा से तीखा सवाल पूछ लिया। नंदा (नेहा से) ” सच कहूं ।गलती मेरी ही है। जवानी की दहलीज़ पर कदम रखते ही मेरे कमजोर कदम लड़खड़ा गए।” दरअसल ग्रेजुएशन के … Read more

नृत्यांगना – अनुराधा श्रीवास्तव “अंतरा”

बहुत समय पहले की बात है। एक नृत्यांगना थी, दमयन्ती। बेहद खूबसूरत। उसकी खूबसूरती देखकर पुरूष तो पुरूष, महिलायें भी दांतों तले उंगलियां दबा लेती थीं। रूप ऐसा मनमोहन जैसे भगवान ने उसे गढ़ने में सदियाॅं लगायी हों, एक एक अंग तराशा हुआ, नृत्य की कला में ऐसी माहिर कि जिस राज्य में वह नृत्य … Read more

माँ की इच्छा – रीटा मक्कड़

हर त्योहार पर सारा परिवार एक साथ होता था। तीनो भाई ,बहुएं और उनके बच्चे सभी हर त्योहार को खूब धूम धाम से मनाते थे। माँ बाबू जी छोटे बेटे बहु के साथ थे । वो पहले से ही दोनो बड़े बेटों को आने के लिए बोल देते थे। माँ भी बहु के साथ मिल … Read more

” इज़्ज़तदार ” – डॉ. सुनील शर्मा

शहर के सबसे बड़े विवाह स्थल पर मास्टर कृष्ण कुमार शर्मा के इकलौते बेटे सत्यम के विवाह की धूमधाम है. सुंदर तोरण द्वार से लेकर जयमाला तथा मंडप को मोगरे और रजनीगंधा के सफेद खुशबूदार फूलों से सुसज्जित किया गया. खाने के व्यंजनों की सूची देख लो तो दिमाग चकरा जाए. रौशनी की खूबसूरत सजावट … Read more

माँ  बाप की इज्जत – रंजू अग्रवाल ‘राजेश्वरी’

बात बहुत पुरानी है ,मगर है सच ।आज से चालीस पैंतालीस साल पहले बेटियों की शिक्षा को कोई महत्त्व नही देता था ।खासकर मारवाड़ी समाज मे तो स्थिति और भी खराब थी । राजस्थान के छोटे से कस्बे में कैलाश शंकर जी अपनी दो बेटियों के साथ रहते थे ।बड़ी बेटी मंजुलिका का जब उन्होंने … Read more

रंग में भंग –  मुकुन्द लाल

बिरजु करता तो था मजदूरी किन्तु वह अन्य मजदूरों से, इस मामले में थोड़ा अलग था कि वह कुछ पढ़ा-लिखा था। जब वह दशवीं कक्षा में पढ़ रहा था, तो उसी समय आई बाढ़ में उसका बापू डूबकर मर गया था। उसी वक्त से उसकी पढ़ाई बन्द हो गई थी। उसके परिवार को भूखों मरने … Read more

इज्ज़त – सुषमा यादव

आज का समय बहुत ही ख़राब है,, मासूम बच्चियों से लेकर उम्र दराज महिलाएं तक हैवानियत का शिकार हो रही हैं,,,, यहां तक कि लड़कों को भी लोग नहीं छोड़ रहे हैं,,हम सब आये दिन इन नापाक घटनाओं से अवगत हो रहें हैं,,, ऐसा नहीं है कि हम सबके जमाने में ऐसी ओछी हरकतें नहीं … Read more

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