“जिंदगी का फैसला” – कविता भड़ाना
गुस्से से तमतमाते हुए सुनील ने भड़ाक से दरवाजे पर लात जमाते हुए चिल्लाया ” बाहर निकल आज तुझे छोडूंगा नही समझती क्या है अपने आप को” कमरे में खुद को बंद कर सीमा डर से थर थर कांप रही थी, क्या करे ये सोच ही रही थी की तभी दरवाजा एक झटके से खुल … Read more