‘असली चेहरा ‘ – विभा गुप्ता
मेरे ताऊजी की बेटी की शादी थी।वर पक्ष शहर का एक प्रतिष्ठित परिवार था।मेरे ताऊजी दहेज लेने और देने के विरोधी थें,इसलिए कई जगह दीदी का रिश्ता बनते-बनते रह जाता था।जब वर के पिता ने ताऊजी से कहा कि भगवान का दिया हमारे पास सब कुछ है, हमें तो बस आपकी बेटी ही चाहिए, और … Read more