“वक्त का मिजाज” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा
प्लेन को जमीन पर उतरने में अभी दस मिनट बाकी था लेकिन माही अपना खिलौने वाला बैग सम्भाल पहले ही उतरने के लिए तैयार थी। जब से उनलोगों ने सफर शुरू किया था तब से वह माता -पिता से सैकड़ों बार पूछ चुकी थी कि वह अपने दादी के गाँव कब पहुंचेगी। उसे अपनी दादी … Read more