“वक्त का मिजाज” – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

 प्लेन को जमीन पर उतरने में अभी दस मिनट बाकी था लेकिन माही अपना खिलौने वाला बैग सम्भाल पहले ही उतरने के लिए तैयार थी। जब से उनलोगों ने सफर शुरू किया था तब से वह माता -पिता से सैकड़ों बार पूछ चुकी थी कि वह अपने दादी के गाँव कब पहुंचेगी। उसे अपनी दादी … Read more

ड्रेस कोड – लतिका श्रीवास्तव 

साब पेपर…..सुनते ही वहीं परिसर में मॉर्निंग वॉक करते हुए विशाल ने जैसे ही दरवाजे पर पड़ा पेपर उठाया ….. साब सलाम आप नए आए हो आते ही आपका फोटू छप गया है  पेपर में ….देखो…और विशाल के पेपर खोल कर देखने तक वहीं खड़ा रहा था वो ….फोटो देख कर विशाल के चेहरे पर … Read more

प्यार एक खूबसूरत एहसास – डॉ. पारुल अग्रवाल

आज तन्वी और आकाश की शादी थी।तन्वी बहुत ही सुंदर दुल्हन बनी थी। वो सज धज कर अपने दुल्हे का इंतज़ार कर रही थी। अभी बारात के आने में थोड़ा समय था। तन्वी को तो विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आकाश दुल्हे के रूप में उसको मिलेगा पर वक्त बदलते देर नहीं लगती। … Read more

‘ बुरा वक्त ‘ – विभा गुप्ता

 ” ये वक्त भी ना,मुझसे ही इसे सारी दुश्मनी निकालनी थी।कितने आराम से मैं टाँग पसारकर बैठा रहता था,अब दिन-भर खटना पड़ता है..।” बड़बड़ाते हुए मनीष ने अपने जूते खोले, रैक पर रखे और खाना खाकर सोने चला गया।पीछे से पत्नी ने कहा,” सुनो तो..”      ” अभी नहीं, आज बहुत थक गया हूँ।” कहकर उसने … Read more

वक़्त के बदलते रिश्ते। – रश्मि सिंह

सुधा-प्रदीप, पंडित जी आ गये है, जाओ बुआ, चाची सब को पूजा के लिये बुला ला। प्रदीप-बुआ तो मानसी दीदी के यहाँ गयी है और चाची थोड़ी देर में आएँगी। सुधा-ठीक है, थोड़ा इंतज़ार कर लेते है। पंडित जी- पूजा का शुभ मुहूर्त आरंभ हो चुका है, इसमें विलंब ठीक नही। सुधा-ठीक है पंडित जी … Read more

कौन अपना कौन पराया – वक्त ने बताया –  गीता वाधवानी

शिखा घर की सबसे छोटी बहू थी। उसकी तीन जेठ जेठानियां और पांच विवाहित ननंदे थीं। शिखा के पति विशाल घर में सबसे छोटे थे। इन दोनों का एक 10 वर्षीय बेटा था-खुश।        शिखा के सबसे बड़ी ननद के पोते की सगाई का समारोह था। ऐसे समारोह में सबका जाना बनता ही है, लेकिन इस … Read more

अंगूठी –कहानी–देवेंद्र कुमार

मुझे पुस्तकों से प्यार है ,इसलिए दिन में कई बार उस अलमारी के पल्ले खोलता-बंद करता हूँ जिसमें मेरी प्रिय पुस्तकें रखी हुई हैं ,और वहीँ रखी है एक छोटी सी सुंदर डिबिया। मैं उसे आपके सामने खोल रहा हूँ ताकि आप भी उसमें रखी छोटी सी अंगूठी को देख सकें। यह मुझे मेरे बचपन … Read more

थकान – स्मिता सिंह चौहान

तुम कितनी एक्टिव हो गयी हो,दिन भर आफिस में काम करती हो,और घर आकर भी लग गयी काम पर। लेकिन थकान का नामो निशान भी नहीं।वाह यार क्या जबरदस्त चेंज आया है ,तुम में।जब तक घर में रहती थी ,तब तक तो तुम बात बात पर थक जाती थी।ये घर से बाहर निकलने की ताजगी … Read more

वक्त – बीना शुक्ला

” वक्त अच्छा हो तो सब अपने नहीं तो सब पराये।”  यह बात विशालाक्षी से अधिक इस समय कौन जान सकता है?  वक्त बीतता चला जाता है, पता ही नहीं चलता। आज दस साल बाद अपने शहर लौटकर आई है विशालाक्षी। अपनी आश्रम सखी गुंजन बहुत आग्रह करके जबरदस्ती अपनी बहन ने बेटे की शादी … Read more

फेसबुक का प्यार – संगीता अग्रवाल 

उस दिन दोनों ने एक कैफे में मिलने का फैसला किया काफी दिन से शेखर इसरार कर रहा था और दीपाली इनकार कर दी थी पर आखिरकार मान गई और दोनों का अगले दिन कैफे में मिलने का समय मुकर्रर हुआ। दीपाली और शेखर की मुलाकात फेसबुक पर हुई थी। दीपाली एक बतीस साल की … Read more

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