प्रेम का कोई मोल नही – ममता गुप्ता

“आज फिर जीने की तमन्ना है.. ला ला ला…. कांता बाई आज  बड़े ही मधुर स्वर में गुनगुनाते हुए काम कर रही थी। उसके चेहरे की मधुर मुस्कान बता रही थी आज वो बहुत ही खुश है और आज तो कानों में लंबे-लंबे झुमके औऱ आंखों में सुरमा, बड़ी ही बन-ठन के आई थी..औऱ दिन … Read more

मंझले बेटे से कोई प्यार नहीं करता है। – सुषमा यादव

परिमल अपने चार भाई बहन में तीसरे नंबर का बेटा था। सबसे बड़ी बहन, और तीन भाई में दूसरे नंबर पर। वो अक्सर देखता कि दीदी को उसके मां, और बाबू जी बहुत प्यार करते थे, बड़े भाई को भी सब बहुत मानते थे, सबसे छोटे संजीव तो सबका दुलारा ही था,पर कोई मुझे प्यार … Read more

 मनमीत   –  मधु शुक्ला

सुधा और सुबोध  का साथ पड़ोसी होने के कारण बचपन से था। साथ स्कूल जाने और खेलने में  प्राइमरी स्कूल तक बचपन बीता। फिर उनके विद्यालय अलग हो गए। और फिर सुधा पर लड़ की होने के कारण प्रतिबंध लागू हो गए। लेकिन प्रतिबंधों के कारण ही सुधा और सुबोध को इस बात का अहसास … Read more

 शिद्दत वाला प्यार – आरती झा आद्या 

तेरी यादों के सहारे जीवन काट लिया मैंने। कुछ दिन और चैन से रह ले, फिर मैं ऊपर आकर पल पल का हिसाब लूँगा । रूपा की फोटो देख मुस्कुराते हुए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी व्यास साहब सोच रहे थे। किसी की यादों के सहारे जिंदगी काट देना, सबके वश की बात नहीं होती है। फिर … Read more

प्रेम – अंजू खरबंदा  

शादी को पांचवा बरस हो चला था पर वैशाली को माँ बनने का सौभाग्य न मिला था । सास ससुर परिवार वाले  रह रहकर तानों के बाण चलाते जिससे छलनी हो होकर बिन पानी मीन की तरह तड़प उठती वैशाली।  उस की ये हालत देख विवेक बहुत दुखी होता पर माता पिता के आगे मुंह … Read more

हमारी किस्मत में शायद अधूरी मोहब्बत ही थी! – मनीषा भरतीया

मयंक और अमृता की मुलाकात दिल्ली के एक सेमिनार में हुई थी…दोनों अपनी अपनी कंपनी को रिप्रेजेंट कर रहे थे…. सेमिनार खत्म होने के बाद दोनों साथ-साथ एक कॉफी हाउस में कॉफी पीने चले गए…. वहां दोनों के बीच ढेर सारी बातें हुई देखकर कोई भी नहीं बोल सकता था कि यह दोनों अजनबी है…. … Read more

 मां को टोकना और रोकना नहीं….. – भाविनी केतन उपाध्याय 

” राशि, ये सब क्या है ? पिछले चार पांच महीने से देख रहा हूं कि तुम कुछ ज्यादा ही राशन लेने लगी है….. और दूसरे खर्च भी तुम्हारे बढ़ गए हैं,भई अपना रसोई का बजट तुम से नहीं संभलता तो मुझे और मां को दे दो” कहते हुए संदीप ने राशन से भरी ट्राली … Read more

अपरिभाषित प्रेम सीमा वर्णिका 

आज आँसू थमने का नाम ही नहीं ले रहे ..अश्रुओं की अविरल धारा ने अतीत पर जमी धूल को हटाकर जैसे  अनावृत कर दिया हो । सब कुछ चलचित्र भांति आँखों के समक्ष घूम रहा है। वह मेरी मित्र थी..या कोई रूहानी  सम्बन्ध था उससे ..आज तक मन समझ न पाया । ‘सिद्धि ‘-हाँ यही … Read more

सांडों की लड़ाई – नरेश वर्मा 

देश में अरबपतियों की संख्या का ग्राफ़ तेज़ी से बढ़ रहा है ।क्या इस तथ्य से मैं खुश हो जाऊँ ।यह तो ऐसा होगा जैसे बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना।अरबपति करोड़पति की तो बात ही क्या, मैं तो सही मायने में लखपतियों की गिनती में भी नहीं आता।मेरे स्वयं का ग्राफ़ बढ़ने के नाम पर … Read more

मधुमालती का सा वक्त – तृप्ति शर्मा 

 शाम के गरम माहौल और चलती ठंडी हवा के साथ उड़नें का जी लिए मालती छत पर गई।दो दिन पहले ही उसके पेट मे तीन महीने पहले हुए नए एहसास ने दम तोड़ा था,उसके लिए ये नई बात नही थी,ऐसा पहले भी कई बार हो चुका था उसके साथ।   पर पति सचिन के मना करने … Read more

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