अन्याय –  रश्मि सिंह 

ज्योति- हे ! भगवान आज मेरे समीक्षा अधिकारी की परीक्षा का परिणाम आने वाला है, अबकी बार निराश मत होने देना, बहुत मेहनत की है। सोनू ( ज्योति का भाई)- दीदी रोल नंबर बताओ रिजल्ट आ गया है। ज्योति- सोनू, ये रहा रोल नंबर। तू ही देखना मुझे ख़ुद देखने में डर लग रहा है। … Read more

 एक मां ऐसी भी – नूतन योगेश सक्सेना

रात के घने अंधेरे और निस्तब्धता को चीरती हुई एक बच्चे के रोने की आवाज बहुत देर से आ रही थी । पर लग रहा था कि शहर में रहने वाले लोगों के कान भी दिल की तरह ही बहरे हो चुके थे, सब सुनकर भी अनसुना कर रहे थे ।                 तभी उधर से हीरा … Read more

आपके आशीर्वाद के बिना सब बेकार है….. : रश्मि प्रकाश

‘‘ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने,  कितनी बार समझाया है तुम अपने कमरे से बाहर नहीं निकल सकती। घर में शुभ काम की तैयारी चलरही है, तुम अपना अशुभ साया लल्ला किशु पर मत पड़ने दो। अरे क्यों चाहती हो घर में जितने मेहमान आए हैं वो बातें बनाएं?‘‘ घर कीबड़ी बहू  सुचिता पावनी से … Read more

प्रश्नचिन्ह – बालेश्वर गुप्ता

  आज केवल विक्रम को ही नही बल्कि पूरे परिवार को उस समाचार का इंतजार था,जिससे पूरे परिवार में गर्वीली हर्ष की लहर दौड़ जानी थी। आखिर विक्रम का स्नातक का परिणाम आना था।मेधावी विक्रम प्रथम ना आये ऐसा तो उसका प्रतिद्वंद्वी भी नही सोच सकता था।         अपने हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में वो प्रथम … Read more

“पाले पोसे मैने -राज करेंगी ये” – कुमुद मोहन

दरवाज़े पर घंटी बजने के साथ ही रीमा की सास जोर से चिल्लाई , बहू जी!कान में तेल डाले बैठी हो, घंटी ना सुनी क्या?आटे से सने हाथ जल्दी से धोकर दरवाज़ा खोला तो देखा माता जी की दूर के रिश्ते की बहन खड़ी थी, पैर छूकर उनका घटिया सा थैला उठा कर रीमा ने … Read more

सोने का पिंजरा – दीपा माथुर 

बचपन से ही सुनंदा को किताबें पढ़ने का बहुत शौक रहा। जब सुनंदा नन्ही सी थी तब पिताजी अच्छी अच्छी कहानियों के ढेर लगा दिया करते थे। उनको पढ़ कर सहेज कर रखना उसकी आदतों में शुमार था। फिर धीरे धीरे उम्र के साथ किताबों का स्तर भी बढ़ता गया और उन किताबों से मिलने … Read more

घर का ठग  – पूजा मनोज अग्रवाल

जानकी जी कानपुर के एक छोटे से गांव में अपने दो बेटों के साथ रहती थीं , बड़ा अनुज और छोटा मयंक । उनके बड़े बेटे की उम्र करीब छब्बीस वर्ष थी ,,,वह उसके लिए एक पढ़ी  लिखी व सुघड़ लड़की की तलाश में थी ,,, वैसे तो जानकी जी के घर में किसी बात … Read more

‘ अनूठा नया साल ‘ – विभा गुप्ता

     कुछ साल पहले की बात है, मैं अपने बच्चों को कोचिंग कराने के लिए कोटा शहर में रह रही थी।साल के अंतिम दिन यानि कि 31दिसंबर को मैंने सोचा कि अलमारी की साफ़-सफ़ाई की जाए।आलमारी खोलने पर बड़े बेटे के बहुत सारे अनुपयोगी वस्त्र दिखाई दिये।सोचा,इन्हें किसी को दे दूँ,पर किसे,समझ नहीं आ रहा था। … Read more

“आपका प्रभुत्व वाला स्वभाव हमारे रिश्ते को खोखला कर रहा है! बस अब और अन्याय नहीं!” – ज्योति आहूजा 

आज विवेक और कल्पना जी के घर से काफ़ी तेज़ आवाजें आ रही थी। वे इतनी तेज़ थी कि आराम से पड़ोसियो को भी सुनाई  दे रही थीं। एक बहुत बड़ी वजह, एक कारण जो कई सालों से विवेक जी के घर में आपस में विवाद, कलह, मनमुटाव की बड़ी वजह बन चुका था। वह … Read more

” बच्चों बीच संतुलन रखो बहू नहीं तो बड़े के साथ अन्याय होगा ” – अमिता कुचया

आज सुहानी दो बच्चों की मां है , उसका एक बड़ा बेटा जो आठ साल का है, दूसरी बेटी अभी चार महीने की है ।पर बड़े बेटे  को अभी भी लगता कि उसकी मां दूध का गिलास लिए पीछे -पीछे दौड़े, उसे हाथों से खाना खिलाए, उसे नहलाएं कपड़े बदले।पर  छोटी बच्ची के कारण वो … Read more

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