जन्मदिन – संजय मृदुल

कल रक्षा का जन्मदिन था। छोटी बच्ची ही तो है अभी छह साल की। उसे क्या समझ की माहौल खराब चल रहा है, महामारी फैली हुई है, लॉक डाउन है। उसे तो बस अपने जन्मदिन से मतलब और उसकी पार्टी से। महीने भर से प्लानिंग कर रही है वो।    दो तीन दिन से तो जिद … Read more

मै अन्याय नहीं सहूंगी। – अर्चना खंडेलवाल 

गलती इंसान के जीवन का एक हिस्सा है, और मुझसे भी गलती हो गई, ये गलती मैंने तो नहीं की थी, कहते हैं समय हर घाव भर देता है पर निशान तो रह ही जाते हैं, पिछले महीनों हुई घटनाएं रोली के दिमाग में घुमने लगी। जब वो कॉलेज में नई थी तो कॉलेज देखकर … Read more

“अन्याय के विरोध में न बोलना क्या न्याय है???? – अमिता कुचया

नंदिनी बहुत ही प्रतिभाशाली लड़की है, उसे कोई भी काम करने में झिझक नहीं होती।वह बहुत ही खुश होकर हर काम मायके में भाभी के साथ करातीं थी।उसे नहीं लगता था कि भाभी को पूरा श्रेय जाएगा•••• उसकी ऐसी सोच नहीं थी।वह हमेशा हर काम में चाहे किचन का हो या ऊपरी•••सब काम में आगे … Read more

अब घर की “दूसरी बेटी” के साथ अन्याय नहीं होगा !! – मीनू झा 

मेरे लिए रूचि को संभालना बहुत मुश्किल हो रहा था…एक तो जो चल रहा था उसकी चिंता और घबराहट दूसरी “रूचि” और उसकी उटपटांग हरकतें। मैं समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूं क्या नहीं।कभी रोने का मन करता तो कभी चिल्लाने का।कभी मानवीयता हावी होती तो कभी खिजलाहट। दरअसल मैं हाॅस्टल में थी … Read more

यह कैसा अन्याय! – गीता चौबे “गूँज”

    युद्ध की भयावहता सिर्फ मैदाने जंग में ही नहीं होती, वरन् आम जीवन में भी जिंदगी और मौत के संघर्ष में जब मौत का पलड़ा भारी होने लगे और आँखों के सामने जिंदगी की साँसें थमने लगे तो मौत की अनुभूति का खौफ किसी युद्ध से कम नहीं होता। अंतिम परिणति मौत का … Read more

बेटी ही रहने दो – गीता चौबे “गूँज”

         फोन का रिसीवर रखने के बाद रजनी के मन में अपनी बिटिया रंजीता के आखिरी शब्द बहुत देर तक गूँजते रहे…  ‘बेटी को बेटी ही रहने दो, उसे बेटा मत बनाओ…’   रजनी अवाक रह गयी और गहराई से सोचने लगी कि उससे चूक कहाँ हुई। इतना आक्रोश कैसे भर गया उसकी बेटी के मन में। … Read more

बेटी ने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना सीख लिया। – ममता गुप्ता

वह (सोनाली) अपने ऑफिस से निकलने वाली ही थी की बारिश शुरू हो गई बारिश रुकने तक उसने ऑफिस में रुकना ही ठीक समझा अपनी माँ(मीना) को फोन करके कह दिया कि-“माँ आप मेरी चिंता न करना बारिश की वजह से आज घर देरी से आना होगा माँ ने कहा ठीक है अपना ख़्याल रखना। … Read more

गलती – भगवती सक्सेना गौड़

बड़े नाजो से पली शाम्भवी का विवाह तय हो गया था, पापा, मम्मी की इकलौती बिटिया बचपन से अपनी हर इच्छा पूरी करती आई थी। छोटे से कस्बे में आराम से दिन गुजर रहे थे, अर्थशास्त्र लेकर स्नातक की डिग्री भी ले चुकी। एक ही इच्छा मन की मन मे रह गयी, वो नौकरी करना … Read more

हम मम्मी पापा भी तो हैं !! – मीनू झा 

मैं सिर्फ आपकी पत्नी नहीं,किसी की बेटी भी हूँ,जिनकी वजह से दुनियाँ में आई हूँ आप चाहते हैं उनकी परवाह छोड़ दूँ। छोड़ दूंँगी पर मेरी तरह आपको भी अपने माँबाप से सारे रिश्ते तोड़ने होंगे-चित्रा आवेश में थी। देखो..मेरे माँ बाप को बीच में ना लाओ तो बेहतर है, इकलौता बेटा हूँ मैं उनका..मैं … Read more

सासू मां!! आखिर चुप्पी कब तक?? –  कनार शर्मा

रिश्तो के बीच कई बार छोटी-छोटी बातें बड़ा रूप ले लेती है… सारिका तुम घर की बड़ी हो छोड़ो ना इन सब बातों को… क्यों अपना दिल जलाती हो?? तुम चिंता मत करो मैं तुम्हारे लिए बिल्कुल वैसा ही रानी हार दोबारा बनवा दूंगा… मनोज ने अपनी पत्नी को हर बार की तरह एक बार … Read more

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