सीसीटीवी कैमरा – नीरजा कृष्णा

सुहानी और अंकुर कार से जयपुर जा रहे थे। रास्ते में एक ढाबे में चायपानी के लिए रुके… फिर जल्दी जल्दी पेमेंट करके गंतव्य की ओर बढ़ने लगे…. वहाँ सुहानी की बहन की गोदभराई का कार्यक्रम होना था। “अरे सुनो, गाड़ी इतनी तेज मत चलाओ। दिल एकदम धकधक करने लगता है… थोड़ा लेट ही होंगे … Read more

अन्याय आखिर कब तक सहेंगे ? – बेला पुनिवाला 

  ( सतीश ने अपनी पत्नी सुधा को गुस्से में अचानक से ही बड़े ज़ोर से आवाज़ लगाई। ) सतीश : सुधा, कहाँ हो तुम जल्दी से बाहर आओ।       ( सुधा सतीश की आवाज़ सुनते ही रसोई का सारा काम छोड़ डरती हुई भागी-भागी रसोई से बाहर आती है। )    सुधा ने कहा, ” क्या हुआ … Read more

जेठानी जी के मायके वालों के सामने मेरे मायके वालों का अपमान क्यों – गीतू महाजन

सुधा जी के घर आज सुबह से ही चहल-पहल थी।दिवाली पास आने वाली थी तो घर की सफाई में वह एक महीना पहले से ही दोनों बहुओं के साथ जुट चुकी थी।आज की चहल-पहल का मुख्य कारण तो उनकी बड़ी बहू मनीषा के मायके वालों का आना था। मनीषा के मायके से उसके भाई भाभी … Read more

 न्याय की गुहार  – पुष्पा जोशी

आज पूरे ३६ घंटे के बाद रोमा की चेतना लौटी।दो दिन के पहले घटी घटना से वह पूरी तरह दहल गई थी। उसकी आँखों में आँसू नहीं थे, मगर वह कुछ सोच नहीं पा रही थी, उसे लग रहा था कि एक शून्य उसके अंदर समाता जा रहा है, और वह किसी गहन अंधेरे में … Read more

बस,अब और अन्याय नहीं सहूँगी… – शाहीन खान 

स्कूल में सर्दियों की छुट्टियाँ हो गई थीं, सभी साथी टीचर्स को बाय कह विभा घर जाने के लिए अपनी स्कूटी स्टार्ट करने लगी| ठंडी हवा से बचने के लिए अपने स्टॉल को कानों पर लपेट लिया था, पर फिर भी ऐसा लग रहा था जैसे ठंडी हवा कानों में घुसी जा रही है| चलो … Read more

“मैं आखिर अन्याय क्यों सहूं!!” – अमिता कुचया

आज उमा जी घर में अकेली थी।घर में बहू बेटे को बाहर जाना था।तो बहू नीरजा ने कहा -“मम्मी जी आज हम दोनों को बाहर जाना है, इसलिए खाना दोनों टाइम का बना दिया है,आप खा लेना।हम लोग रात में देर से आएंगे।” तभी उमा जी ने कहा -“बहू तुम लोग मुझे हमेशा छोड़ कर … Read more

जीवन चक्र – नूतन योगेश सक्सेना 

हमेशा से सुनती आयी हूं कि पति – पत्नी जीवन रुपी गाडी के दो पहिए होते हैं, तो मेरे जीवन में ही ऐसा क्यों हुआ कि शैलेष ने बीच राह में ही अपना पहिया मेरे पहिए से अलग कर लिया…….सोच रही थी स्वाति ।             आज से दस साल पहले उसकी और शैलेष की शादी हुई … Read more

कानून – स्मिता सिंह चौहान

ट्रेन स्टेशन पर रूकी तो माधव ने चाय वाले को चाय देने का,इशारा किया ।”5 रूपये हुए।”वह बोला। “हाँ, हाँ, एक मिनट “जेब में से निकले 10के नोट को आगे बढाता हुआ, बचे पैसे रख लेने का इशारा करते हुए ।वही स्टेशन में उतर गया।सामने एक बेंच में बैठते हुए, आधी चाय वही रख दी,जैसे … Read more

शरीफो का किया अन्याय छुप जाता है – स्मिता सिंह चौहान

हाय री मीना ,जरा सुनियों ,किसी बच्चे की रोने की आवाज आ रही है।”चांदनी इधर उधर नजरें घुमाकर देखने लगी। “लगा तो मुझे भी,लेकिन इस कूड़े के ढेर में थोड़ी ना कोई बच्चा होगा।कान बज रहे है हमारे।अब जल्दी पैर बड़ा ,वरना बधाई कोई और ले जायेगा।मुये सब हमारे पेट पर लात मारने को तैयार … Read more

अन्याय के खिलाफ लड़ो – के कामेश्वरी 

सुबह से कंचन और उसके बेटे शान के बीच कहा सुनी हो रही थी। शान अपनी जिद पर अड़ा हुआ था कि आप इस घर को मेरे नाम कर दीजिए बस यही एक रट लगाए बैठा था आगे कुछ सुनने के लिए तैयार नहीं था । हम दोनों तब ही बात करेंगे कहकर पैर पटकते … Read more

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