हम थे जिनके सहारे – कमलेश राणा

आलोक जी के पिता जी की सदर बाज़ार में रेडीमेड कपड़ों की पुश्तैनी दुकान है उन्होंने अपने पिता से व्यापार के गुर सीखकर उनके व्यवसाय को सफलता की नई ऊँचाईयों पर पहुंचाया अब उनका छोटा बेटा बसंत उनके साथ बैठता है। अच्छे संपन्न लोगों में गिनती है उनकी।  बसंत के दो भाई ऊँचे पदों पर … Read more

हम-तुम – मीता जोशी

“हेलो ,हाँ वसुधा ,थोड़ी देर में फ़ोन करता हूँ।” “जी “कह वसुधा ने फ़ोन रख दिया।बहुत से सवालों में उलझी वसुधा फ़ोन करने से पहले भी बेचैन थी और बाद में भी। कहीं मैं गलत तो नहीं कर रही?ये दुस्साहस तो नहीं… या विश्वासघात! मन कुंद था ।प्रश्न और उत्तर खुद-ब-खुद निकल रहे थे।देखा जाएगा … Read more

एक सहारा – रीमा महेंद्र ठाकुर

अनछुई डोर, विश्वास एक सहारा “” रीमा महेंद्र ठाकुर, कृष्णा चंद्र “ पारूल  लगभग दौडती हुई, फुटपाथ पर कदम बढा रही थी!  भारी टार्फिक की वजह से मानव ने पारूल को सडक के उस ओर  ही छोडा दिया था!  यहाँ से चली जाओगी,  मानव ने पूछा “ हा जी, आंखों ही आंखों में जबाब दिया, … Read more

संस्कारों का वास्तविक अर्थ – पिंकी सिंघल

“पापा अब तो आपको अपना प्रॉमिस पूरा करना ही होगा..आपने परीक्षाओं से पहले वायदा किया था कि कक्षा में अव्वल आए तो तुम्हें तुम्हारी मनपसंद जगह घुमाने लेकर चलेंगे..यह देखिए मेरी रिपोर्ट कार्ड !! मैने अपनी कक्षा में सबसे अधिक अंक पाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है ।अब आपका कोई बहाना नहीं चलेग।अब तो आपको … Read more

कुछ बुजुर्ग भी गलत होते है – संगीता अग्रवाल

” रीमा ओ रीमा बहु मेरी चाय नही आई अब तक !” किशोरीलाल जी अपने कमरे से चिल्लाए। ” अभी लाई बाबूजी दो मिनट बस !” रीमा ने रसोई से ही आवाज दी। ” तुम करती क्या हो पता नही जो एक चाय भी समय से नही दे सकती हो …तुम्हारी सास थी तो मुझे … Read more

ना मैं गाय हूं ना ससुराल मेरा खूंटा – सविता गोयल 

” तेरा दिमाग खराब हो गया है छोरी जो ऐसी बहकी बहकी बातें कर रही है!!! पता भी है एक तलाकशुदा औरत का समाज में रहना कितना मुश्किल होता है।  अपना नहीं तो कम से कम अपने मां बाप का तो ख्याल कर …..  बेटी और गाय खूंटे से बंधी हीं अच्छी लगती है  । … Read more

जिसका पति ही उसके  साथ नौकरों सा व्यवहार करे, उसे किसी और से क्या अपेक्षा – सुल्ताना खातून

“रश्मि मुझे चाय बेड पर ही चाहिए…” “रश्मि विवेक के कपड़े आयरन कर दिए?” उसे देर हो रही है… आज़ उसका इंटरव्यू है…” “निधि कॉलेज से आई है, थकी होगी उसका खाना उसके रूम में ही पहुंचा दो!” “मम्मी का ख्याल रखा करो रश्मि…” “पापा को गर्म रोटियां ही देना…” रश्मि जब से इस घर … Read more

थोड़ा एडजेस्ट करना पड़ता है – प्रियंका मुदगिल

“देखो बेटा! शादी के बाद हर किसी को थोड़ा बहुत एडजस्ट करना ही पड़ता है क्योंकि शादी कोई मजाक नहीं है या कोई गुड्डे गुड़ियों का खेल नहीं है जो तुम इसे तोड़ने की बात कर रहे हो…” संध्या जी अपने बेटे सुमित को समझा रही थी “मां ! मैं कुछ नहीं जानता ….मैं अब … Read more

दामाद जी बने मेरा सहारा – सुषमा यादव

मुझे अपनी बेटी, तीन साल की नातिन और दो माह के नाती से मिलने पेरिस अकेले ही जाना पड़ा, बेटियों ने कहा,, मम्मी, आप इतनी दूर अकेले कैसे आयेंगी,, बच्चा अभी दो माह का ही है ,,,हम आपको लेने नहीं आ सकते, मैंने कहा, अरे, तुम्हारे पापा मुझे इतना आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और हिम्मती बना कर … Read more

हम दोनों मिलकर सम्भाल लेंगे – किरन विश्वकर्मा

अमन ऑफिस से आकर जैसे ही आभा के बगल में बैठा तो आभा से तबीयत के बारे में पूछने लगा…….इधर दो दिन से आभा की तबियत ठीक नही थी तो वह स्कूल में पढ़ाने नही गयी थी घर पर ही थी। अमन एक प्राइवेट कंपनी में सुपरवाइजर था और आभा एक मामूली से स्कूल में … Read more

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