समधन जी, आपको मेरा दर्द तब महसूस हुआ; जब आपने खुद वही दर्द सहा!- चेतना अग्रवाल
“हेमा बेटा, अपनी सास से होशियार रहना… बहुत सीधी बनती है। अपना ये सीधापन दिखा कर तुम दोनों को अपने जाल में फँसा लेगी। तुम इसकी सेवा ही करते रह जाओगे सारी जिंदगी। किसी तरह दामाद जी से कहकर अपनी रसोई अलग कर ले।” सुलोचना जी फोन पर अपनी बेटी को समझा रही थी। “हाँ … Read more