दर्द समझने वाली बहू !-  मीनू झा

“तुम्हारा तो ये रोज का है” कोई कितना एडजस्ट करेगा रोहित…तुम जैसे पहले अपनी सारी डेली रूटीन फ़ॉलो कर रहे थे वैसे अभी भी कर रहे हो क्या ये सही है?? अरे मम्मी पापा आएं हैं तुम्हारे,उनके प्रति भी तुम्हारा कोई फर्ज बनता है कि नहीं.. उन्हें समय देना बनता है ना तुम्हारा मुझे तुम … Read more

दिशारी   –   गीता वाधवानी

माता-पिता की इकलौती ,लाडली बेटी दिशारी। कल उसका 20 वां जन्मदिन है। मां मीना और उसके पिता ओम जी ने सोचा कि क्यों ना आज रात को 12:00 बजे ही अपनी लाडली को जन्मदिन की बधाई देकर हैरान कर दिया जाए। इसलिए दोनों दबे पांव उसके कमरे की तरफ बढ़ रहे थे। दिशारी के कमरे … Read more

 बंद दरवाजा  –  सीमा वर्मा

” मम्मी आप इस दरवाजे को हर समय बंद क्यूं रखती हो ? ” ” तुम्हें इससे क्या ? तुम सीधी स्कूल से घर और घर से स्कूल आया – जाया करो बीच में कहीं आने-जाने की जरुरत नहीं है और ना ही किसी से मिलने-जुलने की ” “लेकिन क्यों मम्मी ? बाकी की सारी … Read more

दर्द और उपहार – बीना शुक्ला अवस्थी

करोना की दूसरी लहर पहली से अधिक भयावह है लेकिन आज अभिलाषा बहुत प्रसन्न है। आज उसे दोहरी खुशी मिली है। पहली – चौदह दिन आइसोलेशन में रहने बाद आज उसकी करोना रिपोर्ट निगेटिव आई है। दूसरी – आज उसने करोना का दर्द सहकर एक वर्ष पूर्व खोई हुई अपनी बेटी मेधावी को फिर से … Read more

अनकहा दर्द — विभा गुप्ता

” देख छोटी, तू अंश के सामने अपनी मनहूस सकल लेकर मत आ जाना।पूरे दो बरस बाद मेरा लाल आ रहा है, तेरा क्या भरोसा, कहीं टोटका-मंतर कर…” जेठानी सुमित्रा के तीखे शब्द और आग उगलने वाली नज़रें जानकी अब बर्दाश्त नहीं कर पाई और अपने कमरे के सूनी पलंग पर जाकर फूट-फूटकर रोने लगी। … Read more

सशक्त निर्णय –  डा. मधु आंधीवाल 

ये भी इन्टर नैट की क्या दुनिया है। पता ही नहीं चलता कब किस का मित्रता का निमंन्त्रण आ जाये । मनु सोच रही थी । वह तो बहुत सोच समझ कर मित्रता सूची में जोड़ती थी पर ये प्रतुल कब और कैसे उसके साथ जुड़ गया । एक रात वह अपना लैपटॉप बन्द ही … Read more

“मेरौ दरद न जानै कोय” – कुमुद चतुर्वेदी

“क्या बात है तनु आज तुम बहुत उदास लग रही हो,ऐसा लग रहा मानो रात भर सोई नहीं आँखें भी लाल और पनीली दिख रही हैं”सुनते ही तनु फफक कर रो पड़ी मानो उफनती नदी का पानी बाँध तोड़ बह निकला हो।यह देख मौली पहले तो घबरा ही गई फिर कुछ सोचकर उसने तनु को … Read more

एक पत्नी का दर्द(काश मेरी आंखे फूट जाती) – सपना शर्मा काव्या

माया और महेंद्र दोनो पति पत्नी थे।माया उस दिन भी रोज की तरह सुबह से  उठकर जल्दी- जल्दी अपने घर का काम निपटा रही थी।    माया सीधे-सरल स्वभाव की बिल्कुल अनपढ़ महिला थी।और उसका पति महेंद्र भी अनपढ़ था । महेंद्र अपने बीवी और बच्चों से प्यार करने वाला और मेहनती आदमी था, वह सब्जी … Read more

मर्द को भी दर्द होता है  – संगीता अग्रवाल 

” पापा ये दीदी इतना क्यो रो रही हैं?” पांच साल की अनिशा मोहल्ले की एक शादी में विदाई के समय अपने पिता आदर्श से बोली। ” बेटा दीदी की विदाई हो रही है इसलिए रो रही हैं !” आदर्श ने बेटी को गोद में उठाते हुए कहा। ” पर दीदी को तो इतने सुन्दर … Read more

 पापा को अब अलग कमरे की क्या जरूरत हैं!! – मनीषा भरतीया

आज सुजाता जी को गए हुए 12 दिन भी नहीं हुए थे…… घर में शोक का माहौल चल रहा था……. ” तभी उनकी दोनों बहूंए  पिंकी और पूजा अपने अपने पतियों  अजय और विजय से कह रही थी…. ” अब तो मम्मी जी रही नहीं पापा जी को अलग कमरे की क्या जरूरत है….. वैसे … Read more

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