बेटियों को दर्द देने वालों को सज़ा जरूर मिलनी चाहिए- शोना सिंह 

“रुचि बेटा तैयार हो जा,तेरी बुआ के यहां चलना है, तेरी थोड़ी बहुत पैकिंग तो मैंने कर दी हैं बाकी की पैकिंग तुम खुद करो और हां शादी के हिसाब से 2-3 जोड़ी कपड़े जरूर रख लेना,वरना वहां जाकर शिकायत करोगी कि मां मेरी वो ड्रेस क्यों नहीं लाई…वो ड्रेस नहीं पैक नहीं की,हर बार … Read more

दर्द बना नासूर –   मंजू तिवारी

यह बात लगभग 30 साल पहले की है। गणतंत्र दिवस आने ही वाला था ,,, स्कूल में बच्चों से गायन और नृत्य में भाग लेने के लिए नाम लिखे जा रहे थे,,, मुझे गाना और नृत्य दोनों ही नहीं आते थे तो मैं सुनने वालों में शामिल रहती थी,,,,, सारे बच्चों से सुना जा रहा … Read more

दर्द का बंटवारा – Emotional Story

शाम हो गई थी |बूढ़ी सरला काकी ने अपनी चाय की दुकान समेट ली |जाड़े का समय था |अब किसी ग्राहक के आने की उम्मीद न थी |वह चूल्हे के आग पर रात के लिए रोटियां सेंक रही थी |रात के साथ- साथ वह सुबह के लिए भी रोटी बना लेती थी| शाम को चूल्हे … Read more

दर्द जो समय के साथ मरहम बन गया – Short Motivational Story

अभी पिछले साल ही मंगला (काम वाली दीदी)ने कुछ पैसों की मांग की थी,बेटी की शादी के लिए।सुधा ने जब सुमित को बताया ,उन्होंने तुरंत हां कह दी।दस हजार रुपए दे दिए मंगला को।मंगला‌ ने खुश होकर कहा कि वो जल्दी लौटा देगी पैसे।सुधा ने अलग से कपड़े और बर्तन भी दिए अपनी तरफ से।दो … Read more

दर्द  –  के कामेश्वरी

मालती जी अपने कमरे से धीरे धीरे चलते हुए बाहर निकल कर आई और अभी वे पिछवाड़े की तरफ़ जाने ही वाली थी कि रमा ने उन्हें रोकते हुए कहा कि माँजी आप भी इतनी सुबह सुबह उठकर कहाँ जा रही हैं । आपको ऑफिस या स्कूल कॉलेज तो नहीं जाना है न क्या जल्दी … Read more

मां का दर्द मां बनके ही समझ आता है।- अर्चना खंडेलवाल 

मां यह क्या इतना सारा आटा सेंक रही हो!!मैं इतने सारे लड्डू नहीं ले जाऊंगी, खाऊंगी तो मोटी हो जाऊंगी, आप कुछ कम कर लो, बहुत समय भी लग जायेगा और हमें बहुत सारे काम भी निपटाने है, मार्केट भी जाना है और शॉपिंग भी तो करनी है, सपना ने रसोई में मां सुजाता को … Read more

दुख-दर्द भरी गृहस्थी –   मुकुन्द लाल

कड़ाके की ठंड में भी रानी अपनी माँ मंजुला के साथ कस्बे के पंँचों के दरवाजे पर जाकर अपना दुखड़ा सुना रही थी। अपने चाचा बलवीर द्वारा उसके परिवार पर ढाये जा रहे जुल्म और अनीति युक्त कारनामों के खिलाफ। अपने हिस्से से अधिक मकान पर जबरन कब्जा करने और पुश्तैनी धन-संपत्ति को हड़पने की … Read more

दर्द तो मुझे हुआ था  – सविता गोयल

अंजलि छत पर बंधी ऊंची रस्सी पर कपड़े सुखाने की कोशिश कर रही थी लेकिन उसका हाथ नहीं पहुंच रहा था। थोड़ा उचककर उसने जैसे ही कपड़ा सुखाया अंजलि की कमर में झटका लगा और दर्द शुरू हो गया।कमर पकड़कर वो धीरे धीरे छत से नीचे उतरी और बरामदे में डली कुर्सी पर बैठ गई। … Read more

मदद  ( छोटी सी कहानी) – विनोद शर्मा”विश”

…🖊️आज मुझे अपनी माँ की बात स्मरण हो आई l बोलती थी बेटा किसी बेसहारा की “मदद” जरूर करो। अगर आप कर सकते हो अपनी सुविधा अनुसार जरूर “मदद” करो। मैंने भी एकबार ऎसा करके देखा l बल्कि अब तो कई बार किया है l और बहुत ख़ुशी मिलती है। उसी में से एक आपके … Read more

यादें – सुधा शर्मा

      आज फिर वही हिमाचल की खूबसूरत वादी, दूर तक फैली हुई बर्फ के पहाड़ों की मनोरम छटा , चारों ओर हरियाली , ठंड का सुहाना मौसम।, बस फर्क इतना कि तब किसी के स्नेह व भावनाओं  से सराबोर प्रफुल्लित मन और आज उसकी स्मृतियों में डूबता उतरता अवसाद ग्रस्त हो चुका मन।                 यहीं इन्हीं वादियों … Read more

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