स्वाभिमान – कमलेश राणा
कार गांव की सड़क पर सरपट भागी जा रही थी और उससे भी अधिक तेजी से विचारों का कारवां मेरे दिमाग में दौड़ रहा था। मेरी यादों में गांव की तस्वीर बिल्कुल वैसी ही थी जैसी 15 साल पहले मैं यहाँ आई थी । आज बहुत दिनों बाद गांव आना हुआ जीवन की आपाधापी में … Read more