मनपरिवर्तन……. – विनोद सिन्हा “सुदामा”

आ गए तुम…. मैंने अभी घर में कदम रखा ही था कि पत्नी सुधा ने मुझपर चिल्लाते हुए कहा… हाँ ….क्या हुआ… मैंने जानना चाहा… सुनो अब मैं यहाँ नहीं रह सकती… बहुत हुआ..मैं ये रोज़-रोज की झिकझिक और टोका टाकी से तंग आ गई हूँ… अब मुझसे जरा भी बर्दाश्त नहीं होता … कुछ … Read more

स्वाभिमान से समझौता कभी – सरोज प्रजापति

“मम्मी जीजा जी का फोन आया है।” ” तू बात कर मैं अभी आई । “ “नहीं मम्मी कह रहें हैं जरूरी बात करनी है आपसे जल्दी आओ।” यह सुन कमलेश जी का दिल जोर-जोर से धड़कने लगा कि ऐसी कौन सी बात हो गई कि सिर्फ मुझसे ही बात करनी है  । उन्होने कांपते … Read more

क्या काजल ने सही कदम उठाया  – मीनाक्षी सिंह

रवि – काजल तुम समझती क्यूँ नहीं ,,तुम्हे तुम्हारे घर वाले बिल्कुल प्यार नहीं करते ,,वो हमारे रिश्ते के लिए कभी राजी नहीं होंगे ! काजल – रवि ,,तुम्हे तो पता ही हैं बचपन में मुझे जन्म देते ही मेरी माँ खत्म हो गयी,,पिताजी ने पालपोष कर दस साल का किया ,,तब उन्हे कैंसर हो … Read more

पत्र लेखन – नताशा हर्ष गुरनानी

पढ़ाई के बाद नई नई नौकरी लगी हजारों सपने मन में पाले थे, फिर जब स्वाभिमान पर चोट लगी तो इस्तीफे पर लिखी चिट्ठी नमस्कार सर मैने आपके यहां जब नौकरी के लिए आवेदन दिया था तो लगा था कि मेरे सपनो को नए पर मिल गए क्योंकि बहुत सुना था आपकी संस्था के बारे … Read more

दिल के रिश्तों में तानों का क्या काम – प्रियंका मुदगिल

अजीब सी चुप्पी थी घर में……पार्टी से आने के बाद।लेकिन कुछ देर बाद….. “जगह देख कर बोला करो….रागिनी, क्या कहीं पर भी कुछ भी बोल देती हो…”  अजय गुस्से से  चिल्लाया रागिनी:- “क्यों मैंने ऐसा क्या कह दिया जो तुम इतना गुस्सा कर रहे हो…”” अजय :-“”क्या जरूरत थी तुम्हें मेरे सब दोस्तों के सामने … Read more

स्वाभिमानी माँ – भगवती सक्सेना गौड़ 

आज गीता वृद्धाश्रम के तरफ कदम बढ़ा रही थी और दिमाग था कि अतीत की तरफ दौड़े जा रहा था।  बड़े आराम से अपने बेटे नवीन, प्रीति और पोते टोनु के साथ दिन बीत रहे थे। पूरा समय दो वर्ष के टोनु की तोतली भाषा और नए नए खेल में बीत जाता था। सुबह से … Read more

खाली टिफिन – सपना शर्मा काव्या

बात उस समय की है जब मैं अपने गाँव के आस पास में छोटी-मोटी मजदूरी करता था। मै पढ़ा लिखा बिलकुल नहीं हू ना उस समय पढ़ाई लिखाई पर इतना जोर दिया जाता था। जीविका चलाने का मेरे पास बस एक यही जरिया था। पहले टाइम मे शादी जल्दी ही कर दी जाती थी।तो मेरी … Read more

छोटी – छोटी जिद बड़े- बड़े रिश्ते खराब कर देती हैं !! – स्वाती जैंन

छोटी , माँ कैसी हैं ?? माँ की तबीयत तो ठीक हैना सुहानी ने अपनी छोटी बहन मोहिनी से पूछा !!  हां मां की तबीयत अभी तो ठीक है दीदी मगर मां अगर ऐसे ही कामवाली की तरह काम करती रहीं तो माँ की तबीयत बिगड़ते देर नहीं लगेगी मोहिनी बोली !! वैसे भी मां … Read more

स्वाभिमान से जीना – ममता गुप्ता

“जिंदगी की हर सुबह कुछ शर्तें लेकर आती हैं।  “कुछ शर्तें शायद मालिनि के आगे उसकी भाभियों ने भी रखी थी..लेकिन!!” क्या करे मालिनि उन शर्तों के आगे अपने स्वाभिमान के साथ समझौता करे या फिर अपने स्वाभिमान के लिए लड़े.. कुछ समझ नही आ रहा था। पति संजीव से तलाक लेने के बाद.. मालिनि … Read more

औरत पहले हूं… – ऋतु गुप्ता

चलो जीजी ओर बताओ और क्या बनाना है? अपना राघव आता ही होगा ,पूरे चार बरस बाद आ रहा है,शहर से पढ़ाई करके।बहुत सही करा जीजी जो तुमने उसे सही समय पर पढ़ने  भेज दिया। मुझे तो बहुत फिक्र होती है, अपने बेटे सूरज की । आपके देवर ने उसे शुरू से ही लड़के होने … Read more

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