जीने की चाहत  – अनीता चेची

‘गौरी जल्दी करो 5:00 बज गए, मंदिर पर फिर भीड़ लग जाएगी और हमें स्कूल जाने में दूर हो जाएगी।’ ‘ आती हूॅं बाबा मंजू तुम भी शोर मचा देती हो,  एक घंटे में हम घर वापस आकर स्कूल पहुॅंच जाएंगे  भोलेनाथ पर सबसे पहले जल मैं ही चढ़ाऊॅंगी   ,जरा धीरे बोल पिताजी ने … Read more

 ये कैसी चाहत – गुरविंदर टूटेजा

तान्या बेटा हम तुम्हारी भलाई के लिए ही बोल रहें हैं…तुम्हें समझ क्यूँ नहीं आ रहा वो लड़का तुम्हारे लिए सही नहीं हैं…मैंने दुनिया देखी हैं मेरा तजुर्बा ये कहता हैं कि वो तुम्हारा साथ नहीं देगा…!!!! पापा प्लीज़ आप मेरी बात मानियें वो मुझे बहुत चाहता हैं कभी मेरे साथ गलत नहीं करेगा…पापा आप … Read more

दिसंबर का वो आखिरी दिन…. – रूचिका राणा

अपने ऑफिस में बैठा सुबह से ही फाइलों में उलझा हुआ था कि तभी दरवाजा खटखटाने की आवाज हुई और चपरासी ने आकर बताया कि बाहर कोई मेरा इंतजार कर रहा है। कहीं ना कहीं मैं जानता था कि कौन होगा लेकिन फिर भी यह जानने को उत्सुक था कि कौन होगा।     मैं तेज कदमों … Read more

* बंधनमुक्ति* – नीरजा नामदेव

      मयूरा जैसा नाम वैसी ही अप्रतिम नैसर्गिक सुन्दरता प्रदान की थी ईश्वर ने। उसे प्रकृति से बहुत गहरा लगाव था ।नदी , झरने, पहाड़, पेड़ों को  निहारना उसे बहुत ही अच्छा लगता था । समय आने पर उसका विवाह एक सरकारी अफसर मिलिंद से हुआ जिसका मूल स्थान पहाड़ों पर बसे एक गांव में  था … Read more

तलाश (अंतिम भाग ) (भाग 3 ) – अंतरा

अब तक आपने पढ़ा कि ..बाबा रोहिणी को तपोवन के बारे में बताते हैं जिसे वह ढूंढते हुए पहाड़ों पर आई थी  और रोहणी अब तपोवन की तलाश में चल पड़ी है.. तो आइए पढ़ते हैं अब आगे… रोहिणी बड़ी ही उत्सुकता से तपोवन को ढूंढ रही थी। चारों ओर बड़े बड़े पेड़ों और  झुरमुटों … Read more

चाहतें जो हुई पूरी – सीमा वर्मा  

” चाहत में आनंद है। आनंद  ही जीवन है।  जीवन आनंद के बिना मृत है।  “ उम्र के इस सुहाने पड़ाव में दिल की धड़कन के हर सांस में यही जपती हुई मैं अपने  “सर सुशोभित जी ” को दिल से धन्यवाद देती हूं। मैं  पहले क्या थी ? एक साधारण से कॉलेज की अति … Read more

सत्ता की चाहत – कमलेश राणा

 जमींदार सज्जन सिंह बहुत ही नेक इंसान थे उनके न्याय और दयालुता के चर्चे दूर दूर तक थे। हर तरह का सुख उनके जीवन में था पर कहते हैं न कि ईश्वर कोई न कोई कमी हर इंसान के जीवन में छोड़ देता है ताकि वह गुरूर में अंधा न हो जाये।  उनके जीवन में … Read more

चाहत – अमिता गुप्ता “नव्या

मां… मां…आज क्या है? अरे सोनू, मैं तो बताना ही भूल गई,जा जल्दी से नहा धोकर तैयार हो जा,अभी पूजा में बैठना है। मां,”लेकिन बताओ तो सही आज है क्या?” आज तुम्हारे दादा जी की बरसी है। अच्छा मां, मैं जल्दी से तैयार हो कर आता हूं,और दादी को भी साथ लाता हूं। शीला को … Read more

चाहत नहीं महज आकर्षण !! – मीनू झा 

कितनी बदल गई है तू शिब्बू,तेरा नाम शिवानी से बदल कर सेठानी रख देती हूंँ,कुछ करती नहीं क्या अपने लिए-मनीषा एक लंबे समय बाद अपनी बेस्ट फ्रेंड शिवानी से मिली थी,स्कुल की ये दोस्ती अब प्रौढ़ावस्था की ओर बढ़ चली थी,पर मानो मिलते ही दोनों का बचपना लौट आया था। क्या नहीं करती बोल,पर पति … Read more

मेरी चाहत – के कामेश्वरी

बहुत पुरानी बात थी जब कौशल्या शादी करके नई बहू बनकर विशाखापटटनम आई थी। उसने देखा ससुराल में कई रिश्तेदारों के बच्चे अमेरिका में रहते थे उनके माता-पिता अपने बच्चों के बारे में बताया करते थे। सब लोग उनकी बातों को ध्यान से सुनते थे और अपने बच्चों को बताया करते थे कि तुम्हें भी … Read more

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