सुखद बयार – डाॅ उर्मिला सिन्हा

  पहाड़ के तलहटी में बसा हुआ गांव.. आस-पास छोटी -छोटी  बस्तियां.. चारों ओर हरियाली प्राकृतिक संपदा बिखरी हुई  ..सीधे सच्चे  लोग,रीति-रिवाजों  ,परम्पराओं से जुड़े हुए ..अभाव में भी  कुछ अच्छा खान-पान की  बलवती आशा ..।        सब कुछ भगवान भरोसे.. स्वतंत्रता के इतने  बर्षों के  पश्चात भी न कोई सरकारी सहायता और  न कोई जागरूकता इस … Read more

ह्रदय से सींचा है – नीरजा कृष्णा

विभा इधर काफ़ी दिनों से महसूस कर रही थीं…उनका सात वर्षीय पुत्र अनुपम बहुत उदास और सुस्त सा हो गया है। खाना पीना भी कम हो गया है। आज तो हद ही हो गई। स्कूल से आकर सीधे अपने कमरे में जाकर रोने लगा था। वो व्याकुल होकर उसके पास गई और उसे गोद में … Read more

‘ सास बन गई माँ ‘ – विभा गुप्ता

   सगाई के बाद रश्मि के देवर ने जब उसे बताया कि घर में सभी को आप पसंद करते हैं लेकिन माँ नहीं।माँ का मिज़ाज भी थोड़ा सख़्त है और वे नियमों की पाबंद भी हैं, तो उसका दिल बैठने लगा।उसकी सास उसके साथ कैसा व्यवहार करेगी, उससे कोई गलती हो गई तो… ऐसे ही काल्पनिक … Read more

“रसोईघर” – सेतु

“सारिका कल जरा जल्दी उठ जाना बेटा. रसोईया मदन साढ़े आठ नो बजे तक आ जायेगा. उसके आने से पहले तुम बस मूंग दाल का हलवा , बादाम- शर्बत और चूरमे की तैयारियां कर लेना.” शोभा देवी रात की दवा लेते हुए बहु सारिका से कह रही थी.शोभा देवी की आवाज में उत्साह और फिक्र … Read more

उम्मीद – माता प्रसाद दुबे

बारिश थम चुकी थी..रामू बहुत खुश था..”अरे मुन्नी बिटिया!बीज वाला थैला लेकर जल्दी आओ?”रामू ने अपनी छोटी बेटी मुन्नी को आवाज दी।”अभी लाती हूं बाबू! मुन्नी बीज वाला थैला रामू के हाथ में थमाते हुए बोली।”बाबू मुझे भी ले चलो अपने साथ?”मुन्नी उछलते हुए बोली।”अच्छा चल बिटिया! रामू मुन्नी को साथ लेकर अपने खेत की … Read more

स्त्रियों से ही त्याग की उम्मीद क्यों की जाती है?? – अर्चना खंडेलवाल

हां, मौसी हम सब आ जायेंगे, आप जरा भी चिंता मत करिये, सब कुछ अच्छे से हो जाएगा, अनु दीदी ने अब शादी के लिए हां कर दी है तो धूम धड़ाके से शादी तो होगी। हम सब समय पर पहुंच जायेंगे। ये कहकर सीमा ने फोन रख दिया। ये कोई उम्र है शादी करने … Read more

   एक किरण – बालेश्वर गुप्ता

     पिछले सप्ताह ही सुबह सुबह अहमदाबाद से जगदीश काका का फोन आ गया।एक अनहोनी आशंका से मैं एकदम घबरा सा गया।85 वर्षीय जगदीश काका वृद्धाश्रम में रह रहे हैं, उनका एकलौता बेटा मुन्ना नौकरी करने अमेरिका चला गया।उसके जाने के दो माह बाद ही जगदीश काका की पत्नी का स्वर्गवास हो गया,मुन्ना नही आ पाया।अकेलेपन … Read more

एक विरोध ऐसा भी – अनीता चेची

नहर पार के गाॅंव में कालू का सिक्का चलता। उसका सबसे ज्यादा हस्तक्षेप वहां के सरकारी स्कूल में था।  वह हमेशा सीनियर सेकेंडरी स्कूल में 10वीं 12वीं कक्षा का  सेंटर ले आता ।ताकि वहां धड़ल्ले से नकल हो सके ।कई गैर सरकारी स्कूल भी अपना सेंटर उसी स्कूल को भरते और कालू को मोटी रकम … Read more

वो सांवली सलोनी – नीरजा कृष्णा

आज का दिन उनके परिवार के लिए बहुत ही खुशी का दिन है। प्रैस रिपोर्टर और टीवी चैनल वाले उनकी बेटी वर्षा  को घेरे हुए हैं। वंदना जी दौड़ दौड़ कर सबकी आवभगत में लगी पड़ी हैं। उनकी बेटी को तैराकी के लिए अर्जुन पुरस्कार से नवाज़ा जा रहा है। टीवी पर प्रसारित होने वाले … Read more

“बेटियां” बिल्कुल “बाप” पर गईं हैं!! – मीनू झा 

बेटा बेटी दोनों बराबर है…यही कहते थे ना आप मुझसे हमेशा जब मैं एक बार और चांस लेने की बात कहती थी…देख लिया ना….बराबर तो है पर सिर्फ पालन पोषण में,शिक्षा दीक्षा में, अधिकारों में…पर जहां कर्तव्य की बात आती है ना, बेटी को कोई नहीं कहता बेटी ने ये नहीं किया बेटी ने वो … Read more

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