भारत के टॉप 5 काजल ब्रांड और लगाने के फायदे ( Top 5 Mascara Brands in India)

रोजमर्रा के मेकअप के लिए हमें काजल की जरूरत होती है. आयुर्वेद के अनुसार, काजल को बुरी नजर से दूर करने के लिए माना जाता है. और यह मानते हुए कि पुरानी पीढ़ियों में कुछ इसके उपयोग का आग्रह करते है. इसके अलावा, काजल भी बोल्ड और इंटेंस दिखने के लिए आंखों के मेकअप के … Read more

तुम्हारे बिना यह घर है ही कहां? –  मधु वशिष्ठ

             दरवाजा खोला और मानव अपने सोफे पर आकर धम्म से बैठ गया, सोफे की धूल ,फैले हुए कपड़े, चाय के बर्तनों से भरा हुआ सिंक। आज तो खाना मंगवाने का भी मन नहीं हुआ। शायद हल्का बुखार भी था। सर ज्यादा चकरा रहा था या विचार, कहा नहीं जा सकता।             सच कहते हैं हर चमकती … Read more

एक घर में दो बहनें? – कुमुद मोहन

“मम्मी! कहो तो अपने देवर समर के लिए नीता की बात चलाऊं?” रीता ने अपनी माँ उमा से पूछा? उमा- “देख लो तुम्हारी अम्मा जी के मिजाज तो सब जानते ही हैं| तुम्हें भी जब तब सुनाती रहती हैं, दोनों को सुनाएंगी तो और मुश्किल होगी| तुम जानती हो नीता किसी को जवाब नहीं देगी, … Read more

तुम्हारी जयाद्तिया अब और बर्दाश्त नहीं करूंगी! – मनीषा भरतिया 

ं संयुक्त परिवार में दादा दादी, चाचा चाची , मां पापा, सब के लाडं  प्यार में पली बड़ी होने के बावजूद शीला बहुत ही संस्कारी और सुलझी हुई लड़की थी।,’ बड़ों को मान और छोटो को प्यार देने में वह कभी नहीं चूकती थी।, पढ़ाई से लेकर बाकी सभी दूसरे कामों में निपुण थी।  ,’ … Read more

पत्नी हूं तुम्हारी, सोशल सिक्योरिटी नहीं – सुषमा तिवारी

“विवान सुनो ना! मुझे एक हफ्ते के लिए मम्मी के घर जाना है तो प्लीज टिकट करवा देना| पापा की तबीयत कुछ ठीक नहीं है, वह चाहते हैं मैं एक हफ्ते तो उनके साथ गुजार लूँ”| चित्रा ने कपड़ों की तह लगाते हुए विवान से कहा जो बेखबर सा अपने मोबाइल में लगा हुआ था। … Read more

“मायके का एक कोना अपना सा” – रचना कंडवाल

“अरे कृतिका तुमने अपने रूम का क्या हाल बना रखा है?” सीमा कमरे में कदम रखते ही नाराज हो कर बोली।  कृतिका सीमा और आलोक की सत्रह साल की बेटी है। जो इंजीनियरिंग की कोचिंग कर रही है। वो झुंझला गई। “मम्मा मुझे अलग-अलग बुक्स से पढ़ना पड़ता है। इसलिए इधर उधर फैल जाती हैं।”सीमा … Read more

माँ मैं बहुत बुरी हूँ ना…. – रश्मि प्रकाश

आज माँ को इस हालत में देख कर सुमिता के आँसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे…. वो माँ जो हर वक़्त काम करती नज़र आती थी आज बिस्तर पर पड़ी थी…. एक तो उम्र का असर और काम करते रहने की वजह से शरीर भी लाचार सा हो गया था…. माँ दमयंती जी … Read more

दिल का बंटवारा कभी न हो••••• – अमिता कुचया

एक  गांव के पंच परिवार की बात है। उस परिवार के मुखिया रामेश्वर प्रसाद  बहुत अच्छे नेक दिल इंसान है। उन्हें कोई भी ग़लत  बात करें तो वो सहन नहीं कर सकते हैं। उनके परिवार में उनके  तीन  बेटे और एक बेटी है।वो घर में जो बात कर दे तो पत्थर की लकीर बन जाती … Read more

तुम बहू हो बहू की हद में ही रहो…! – भाविनी केतन उपाध्याय 

शर्वरी की शादी अभी जतिन से पांच महीने पहले ही हुई है, शर्वरी के ससुराल में जतिन के अलावा उसके सास-ससुर और दो देवर भी हैं। शर्वरी की सासूमां सरला जी बहुत सुलझी हुई और स्वभाव से बेहद सरल नाम के अनुरूप ही महिला हैं। वो शर्वरी को अपनी बेटी की तरह ही रखती हैं…… … Read more

 “भरोसा” – दुर्गेश खरे

मंगला बड़े मनोयोग से स्टील के डिब्बे में अपने हाथों से बनाए हुए गोंद के लड्डुओं को सजा कर रख रही थी और साथ में अपने पति को चेतावनी भी दे रही थी, “ रामू के बाबू ! गाय के घी का डिब्बा थैले में अभी रख लेना, कहीं सबेरे जल्दी में हम लोग बिसरा … Read more

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