आंसू – कीर्ति रश्मि “नन्द
“ऑनलाइन राखी भेज दो अपने भाई को” प्रकाश जी ने रचना को समझाते हुए कहा। इसकी कोई जरूरत नहीं है जब इतने सालों से नहीं भेज रही हूं तो अब कैसे …” कहते कहते रचना की आंखे भर आई गला रूंध गया। उसकी आंखों के सामने उसके छोटे भाई की छवि घूमने लगी… उसके जन्म … Read more