धोखा: दोषी कौन? – संगीता अग्रवाल 

” अमन आज आप “द कैफे गये थे आपने बताया नही और वो लड़की कौन थी आपके साथ !” ऑफिस से घर लौटे पति से सपना बोली। ” तुम …तुम्हे कैसे पता मैं कैफे गया था ?” अमन ने चौंकते हुए सवाल किया । ” वो असल मे मैं आज मीठी ( सपना और अमन … Read more

आत्मसम्मान को जिंदा रखना है – नीतिका गुप्ता

 टाई खो दीं तुमने मेरी , मैंने परसों रात को सोफे पर रखी थी लेकिन तुम से कुछ नहीं होता टाई उठाकर नहीं रखी जाती है जगह पर ,एक काम ठीक से नहीं होता तुमसे,  घर के काम भी नहीं संभाले जाते चीजें भी ठीक से नहीं रखी जाती बस सारा दिन पड़े पड़े सोते … Read more

मुझे अंकल के साथ नही जाना – ममता गुप्ता

अरे !! परी कभी अपने बढ़ते हुए वजन को भी ध्यान से देख लिया कर ।। एकदम कद्दू की तरह फूलती जा रही है , तेरी वजह से मेरी सारी सहेलियां ताने देती है , नाम तो ” परी ” रख दिया लेकिन यह परी उड़ तो नही पाती होगी ।। स्मिता ने गुस्सा करते … Read more

हाँ…एक नया आगाज़ मैंने भी किया – संगीता त्रिपाठी

मठरी बनाने के लिये जैसे ही मैदे में पानी डाला घंटी की टुनटुन बजी कौन होगा सोचते मैंने आटा सने हाथों से दरवाजा खोला देखा पड़ोसी वर्मा जी और उनकी श्रीमती खड़ी थी। मैं अपने आटा सने हाथों को देख शर्मिंदा हो गई। एक मिनट भाभी मैं आई। अरे कोई बात नहीं हम जल्दी में … Read more

जरूर कोई-ना-कोई बात है..?? – पूनम गुप्ता

रिश्तों में छोटी-छोटी बात कब कभी-कभी बड़ा रूप ले लेगा कुछ समझ नही आता,कई बार ऐसा देखा गया है..अच्छा-खासा रिश्ता एक पल में टूट कर बिखरने लगते है..जो हम कभी नहीं सोचते वह हो जाता है,, जिसका कारण कुछ नहीं” बस कुछ छोटी- मोटी बात होती,, जो बड़ा बनकर रिश्ते को बिगाड़ने की कगार पर … Read more

गुरु दक्षिणा – ऋतु अग्रवाल 

  आज दिवाकर जी बहुत खुश हैं। उनकी बिटिया आज अपने पति के साथ उनके पास छुट्टियाँ बिताने हेतु आ रही है। उनकी बिटिया पूजा के विवाह को एक वर्ष होने आया है। इस अंतराल में पूजा बिटिया दो-तीन बार अपने मायके रहने आ चुकी है परंतु दामाद जी सदैव दो-चार घंटों के लिए आते और … Read more

मां बिन मायका क्यों सूना लगे•••• – अमिता कुचया

शालिनी मां के गुजरने के बाद मायके आती है, तब एकदम चौंकते हुए भाभी मंजरी बोलती है- अरे दीदी आप अचानक आ गई!!! तब शालिनी ने कहा –   भाभी मैं क्या यहां बिना बताए नहीं आ सकती हूं, मेरा भी घर है फिर शालिनी ने कहा -भाभी मुझे मां की बहुत याद आ रही … Read more

भरोसा सास का – कुमुद मोहन

“जाओ बेटा आज से तुम्हारे जीवन की नई शुरुआत है!खूब खुश रहो”कहते कहते शीला ने अपनी दुल्हन बन विदा होती बेटी चारू का माथा चूम उसे गले से लगा लिया!चारू ने मां को घबराकर ऐसे कसकर पकड़ा मानो कभी छोड़ेगी नहीं! शीला और रतन की इकलौती बेटी चारू विदा होकर श्यामल के घर जा रही … Read more

सुख के दिन – निभा राजीव “निर्वी”

सुनिधि के घर में उत्सव का सा माहौल था। सुनिधि और उसके सास ससुर फूले नहीं समा रहे थे। आज ही यूपीएससी का परीक्षा फल घोषित हुआ था। सुनिधि के एकमात्र पुत्र नितिन ने सफलता के परचम लहरा दिए थे। सुनिधि के ससुर ने पूरे मोहल्ले को दावत दे डाली और सारा प्रबंध उनकी देखरेख … Read more

औरत का औरत पर भरोसा…!! – मीनू झा

कैसी औरत है ये दुकान वाली विनय..इसकी दुकान पर बैठकर दिन भर मनचले आती जाती लड़कियों पर फब्तियां कसते रहते हैं और उन्हें मना करना,डांटना फटकारना तो दूर ये भी टुकुर टुकुर देखती और मजे लेती रहती है। नेहा उसकी भी मजबूरी तो समझो,बेचारी का पति पहले चाय पान की दुकान चलाता था..उसका जबसे एक्सीडेंट … Read more

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