आप भी बनिए ना राजकुमार – सोनिया कुशवाहा

मेरी बेटी के नामकरण का उत्सव चल रहा था, घर खचाखच रिश्तेदारों से भरा हुआ था। पास और दूर के काफी रिश्तेदार हॉल में जमा थे।चाय कॉफी के साथ गर्मा गरम मुद्दों पर चर्चाओं और बहस का रसपान जारी था।अचानक एक भले सज्जन पुरुष जो कि शिक्षित होने के साथ ही उच्च पद पर आसीन … Read more

पहले दोस्ती फिर पति पत्नी का रिश्ता। – संगीता अग्रवाल 

दरवाजे के खुलने की आवाज़ आते ही आराम से अध लेटी नववधु संजना ने उठकर अपना घूँघट ठीक करना चाहा । “नही नही रहने दीजिये इस फॉर्मेलिटी की कोई जरूरत नही वैसे भी मैने आपको कितनी बार तो देख लिया है !” रोहन मुस्कुराते हुए बोला। “जी !” संजना ने इतना बोल सिर झुका लिया। … Read more

भरोसा – मनप्रीत मखीजा

दीदी , ये रुपए आप अपने पास ही रख लो।” मधु की गृह सहायिका ने मधु द्वारा दी जा रही पगार के साथ कुछ मुड़े तुड़े नोट मिलाकर  पुनः मधु की तरफ बढ़ाते हुए कहा।  “क्यों बबली! तुझे रुपए की जरूरत ना है क्या इस बार!”  “दीदी, रुपयों की जरूरत तो कुबेर और लक्ष्मी जी … Read more

‘खुद पर भरोसा’ – अनीता चेची

जिया अब 16 वर्ष की हो गई थी। उसका इस तरह से  अल्हड़ पन, उछलते, कूदते पूरे घर में घूमना दादी को बिल्कुल भी पसंद नहीं था।  वे बार-बार  कहती जिया कुछ घर का काम भी किया करो। अगले घर जाकर नाम बदनाम करोगी।  जिया हंसी में उड़ा देती।  अरे !नहीं अम्मा देखना  मैं आपका … Read more

खिड़की—कहानी—देवेंद्र कुमार

===== एक दिन दिव्या अपनी मम्मी रमा के साथ सीढ़ियों की तरफ जा रही थी, तभी उसकी नज़र सामने वाली खिड़की से नीचे चली गई, और वह जोर से चीख कर माँ से लिपट गई।उसकी आँखें बंद थीं और वह जोर जोर से ‘नहीं नहीं’ कह रही थी।रमा ने बेटी का सिर सहला दिया और … Read more

मन को कचोटती संसद,,, – मंजू तिवारी

लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण पापा अक्सर देखते थे तो धीरे-धीरे मेरी रुचि भी पैदा हो गई और समझने लगी यह जनता द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि है। जिनके लिए मेरे मम्मी पापा दोनों ही ने ही वोट डाला था मम्मी को राजनीतिक समझना थी इसलिए पापा जहां बताते मम्मी वहीं वोट डाल … Read more

“पिया ,मोसे छल किए जाए” – सुधा जैन

 मैं एक नारी सब कुछ हारी  पर जीवन से ना हारी, सुनाती हूं अपने जीवन की दास्तान ….नाम नहीं लिखती ….कुछ भी कह सकते हो …।सलोनी… हां प्यारा सा नाम मेरा …अपने मम्मी पापा की लाडली बिटिया …मेरे बाद मेरी छोटी सी एक बहना और दो प्यारे से भाई…. मेरी मम्मी बहुत सहज ,सरल, प्यार … Read more

बेटा होकर तूने मां का भऱोसा तोड़ दिया – अर्चना खंडेलवाल

मम्मी, जरा इस चैक पर साइन कर दीजिए, मुझे पैसों की बहुत जरूरत है, गुड्डी की स्कूल की फीस भरनी है, नीरज ने जल्दबाजी में कहा तो सरला जी भी बोली। हां, कर देती हूं, पहले मेरा चश्मा तो लेकर आ, पता तो लगे कि कितनी रकम निकाल रहा है, और वो अपना चश्मा ढूंढने … Read more

जमीर – विजया डालमिया

अबकी बार छुट्टियों में रैना जब गाँव आयी तो मामा को बेहद गुमसुम पाया। वो मामा जिन्होंने उसके माता-पिता के गुजरने के बाद उसे कभी भी उनकी कमी महसूस नहीं होने दी। यहाँ तक कि उन्होंने उसके लिए खुद शादी करके अपना घर भी नहीं बसाया। उसने  मामा से जब उनकी उदासी की वजह पूछी … Read more

विश्वास के बदले विश्वासघात – पूजा मनोज अग्रवाल

लंबे इंतज़ार के बाद आज ईशा की सगाई का दिन आ गया , ईशा ने  रोहित से शादी करने के लिए पापा मम्मी से जाने कितनी मान मनुहार की थी , तब कहीं जा कर मुश्किलों से मां पापा उसकी शादी रोहित से करने के लिए तैयार हुए थे । ऐसा क्या था जो ईशा … Read more

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