मॉर्डन होना कपड़ों से नहीं विचारों से होता हैं… – संगीता त्रिपाठी

ऑफिस जाते समय राघव ने रीना से कहा -अगले हफ्ते  गोवा में मेरा चार दिन का सेमीनार हैं ,दो दिन वीकेंड के मिल जायेंगे तो पूरा हफ्ता गोवा में मस्ती ,तुम लोग चलने की तैयारी कर लो। हुर्रे.. तनु और मयंक दोनों उछल पड़े पापा आप ग्रेट हो…।रीना मुस्कुरा कर बोली -ये दल बदलू बच्चे … Read more

बुढ़ापे से बड़ी बीमारी नहीं। – स्मिता सिंह चौहान

“तू कुछ कहता क्यों नहीं?बहुत दिन हो गये अब तो,इतने दिन कौन रहता है?अपनी बेटी के ससुराल में।हमारे गले में तो लड़की के घर का पानी भी नही जाता,समधन जी तो ऐसे बैठी है जैसे अब जायेंगी नहीं।”वीना जी ने अपने बेटे सुशील से बोली। “कैसी बात करती हो मां?अब उनकी तबियत नहीं ठीक है … Read more

भरोसा अपनों का – सुभद्रा प्रसाद 

रात के बारह बज रहे थे | आभा अपने कमरे की खिड़की के पास चुपचाप खड़ी थी |आसमान में तारे चमक रहे थे |बाहर वातावरण एकदम शांत था, पर आभा का मन बेहद अशांत था | उसे अपना घर, अपने माँ -पापा बेहद याद आ रहे थे |उसका तन तो स्थिर था पर मन तेजी … Read more

दीदी इतना दिखावा कैसे कर लेती हो – शीनम सिंह

“बस इतना ही सामान लाई है बहु??” “ये क्या बस गिनती के 4 गहने??” “कम से कम कपड़े ही ढंग के दे देते” “माफ़ करना भाभी हमें तो कुछ भी अच्छा नहीं लगा।इतना सुंदर है हमारा अमित ऊपर से सरकारी नौकरी भी है कोई अच्छा घर देख कर शादी करते… लगता है लड़की बिल्कुल गरीब … Read more

 टूटा हुआ भरोसा हिम्मत तोड़ देता है – गुरविंदर टुटेजा

#भरोसा  रूही के पापा का यूँ असमय जाना उसके लिये बहुत दुखदाई था पर उससे ज्यादा परेशान उसे मम्मी का सुध-बुध खो देना कर रहा था…ऐसा लग रहा था कि महज चौदह वर्ष की उम्र में ही उसके साथ ऐसा क्यूँ हुआ…!!!!   पापा के जाने के बाद उनके ही परिवार ने मम्मी को भरोसे में … Read more

कांच के टुकड़े को हीरा समझने की भूल की!! – मनीषा भरतीया

 कौशल्या जी अपने भरे पूरे परिवार में पति और बच्चों के साथ खुशहाल जीवन व्यतीत कर रही थी |,  उनके परिवार  में पति राजेश दो बेटे…बड़ा निलेश और….छोटा शैलेश बहु नीलिमा और पोता पोती बबलू और पिंकी थे |निलेश की शादी को 4 साल हो चुके थे नीलिमा बहुत ही अच्छी लड़की थी घर के … Read more

बदनामी के डर से चुप नहीं रहूंगी!! – अर्चना खंडेलवाल

गलती इंसान के जीवन का एक हिस्सा है, और मुझसे भी गलती हो गई, ये गलती मैंने तो नहीं की थी, कहते हैं समय हर घाव भर देता है पर निशान तो रह ही जाते हैं, पिछले महीनों हुई घटनाएं रोली के दिमाग में घुमने लगी। जब वो कॉलेज में नई थी तो कॉलेज देखकर … Read more

मेरी माँ बनने की कोशिश मत करो …. सविता गोयल 

”  ओह मैं भूल कैसे गई कल निर्जला एकादशी  है  !!!  रश्मि के ससुराल फल मिठाईयाँ और शगुन भेजना है  …..। सुनिए… आप अभी ही जाकर सारा सामान ले आईये  सुबह देर हो जाएगी ।  ,, ” ओ हो मीरा… तुम बेकार में इतनी टेंशन लेती हो और साथ साथ मुझे भी देती हो  । … Read more

किसी के दिए के मोहताज नहीं है हम…… भाविनी केतन उपाध्याय 

  ” बहू,ये साड़ी तो हम ने दीपू बिटिया को दी थी फिर यह तुम्हारे पास कैसे ? कितनी बार कहा है कि बेटियों को दिया हुआ वापस नहीं लेते ” सुमन जी ने अपनी बहू हेतल से कहा।   ” मांजी,यह मैंने खुद से वापस नहीं मांगा है…. वो खुद वापस कर के गई … Read more

देवर जी  ससुर बने फिरते थे और ननद रानी आप मेरी सास..! – कामिनी सजल सोनी

रेवती को समझ आ गया उसे अब क्या करना है अब जमाना बदल गया है अगर कोई पुरानी घिसी पिटी बातों का बेसुरा राग अलापता है तो उसे कैसे सुर में लाकर समय के साथ चलना सिखाना है मन ही मन उसने सोच लिया..! दरअसल रेवती के छोटे भाई रौनक की शादी में बड़ी भाभी  … Read more

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