नेकी का बदला – लतिका श्रीवास्तव 

आकाश हतप्रभ था स्तब्ध था …विशाल का बेजान शरीर उसके समक्ष था कितना भरोसा था विशाल को अपने सिद्धांतों पर …हमेशा कहता था अच्छा करोगे तो अच्छा ही मिलेगा…अपने कर्तव्यों को निष्ठा से करोगे तो निष्ठा ही मिलेगी…समाज भ्रष्ट नहीं  होता है कमी है भ्रष्ट लोगों के स्थान पर सदनियत लोगों के सामने आने की…..! … Read more

 ” गोलगप्पे खिलाएंगी।” – उषा भारद्वाज

संजना अपने कमरे में अलमारी में कपड़े एडजस्ट करके रख रही थी तभी उसको बाहर से कुछ आवाजें सुनाई पड़ीं। उसकी दादी मां और सासू मां के बीच बात हो रही थी ।  दादी मां सासु मां से कह रही थी-” बेटा एक हफ्ता हो गया है मैं सत्संग नहीं गई हूं, आज तो तुम … Read more

भरोसा –  श्रीमती सुषमा मिश्रा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  एक बड़े घने जंगल में मैं “बांस”का पेड़ अपने परिवार के साथ एक कोने में रहता था। मैं अपने  चारों ओर खड़े अनेको छोटे-बड़े पेड़ ,पौधों को की खूबसूरती को निहारता रहता था और  मन ही मन सोचता था  कि ईश्वर ने  मुझे इतना बदसूरत और निरर्थक  क्यों बनाया जहां … Read more

यात्रा-पथ – नरेश वर्मा

कर्नाटक एक्सप्रेस एक ही लय-ताल से भाग रही थी ।सामने फैले हुए मैदान, वृक्ष, ताल-तलैया सब भाग रहे थे ।खिड़की के पास बैठा वह ,इस भागते दृश्य को निर्लिप्त भाव से देख रहा था ।कहीं कुछ नहीं भाग रहा ,यह दृष्टि-भ्रम मात्र है ।यदि कोई भाग रहा है तो वह स्वयं ।क्यों भाग रहा है … Read more

मेरा फैसला (कहानी) – अंतरा 

एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे पंचायत लगी थीI  पूरा गांव इकट्ठा हुआ था। सब आपस में  खुसर फुसुर कर रहे थे। कोई मुंह छुपा कर हंस रहा था तो कोई  व्यंग्य कर रहा था …किसी के चेहरे पर मायूसी और दया थी तो किसी के चेहरे पर क्रोध  कुंठा और चिंता के … Read more

भरोसा – रश्मि स्थापक

उस सर्द शाम को धुंधलका कुछ जल्द ही हो चला था। ट्रेन अपनी गति से भाग रही थी और नील का मन भी उतनी ही तेजी से भाग रहा था। रह रह कर उसे निशा का मासूम सा चेहरा दिखता। कभी मुस्कुराता हुआ कभी हंसता हुआ और कभी बिल्कुल उदास। धड़कते दिल से रामगढ़ आने … Read more

उफ्फ बुआ जी की नादानियां ( भाग-1) – सुल्ताना खातून 

हमारे खानदान मे हमारी बुआ जी के नादानियों के किस्से बड़े मशहूर हैं,,, दरअसल वो हमारी चच्ची की बुआ हैं मतलब उनके अब्बा की बहन…. बात बहुत पुरानी है… जाहिर सी बात ही अब बुआ जी पुरानी हैं तो उनके किस्से भी पुराने ही होंगे…. हालांकि बुआ जी पुरानी हैं पर लगती नहीं हैं देखने … Read more

अतीत के झरोखे से – अंशु श्री सक्सेना

हमारे ज़माने में शादी ब्याह वाले घरों में प्रेम सम्बन्धों की पौध बिना खाद-पानी के ही पनप जाया करती थी। मतलब आजकल प्रचलित टिंडर या बम्बल जैसे डेटिंग ऐप्स जैसा रुतबा इन शादी-ब्याह वाले घरों का हुआ करता था। आज मुझे ऐसी ही एक मासूम सी कहानी याद आ गई तो सोचा आज इस कहानी … Read more

किसी के घर सोच समझ कर खाओ –  मधु वशिष्ट

आशा जी हमारी कॉलोनी के सबसे ज्यादा चुस्त-दुरुस्त और मिलनसार महिला है। मुझे तो इस कॉलोनी में आए हुए केवल 6 महीने हो गए हैं। 4 महीने पहले पड़ोस की मीना भाभी ने  मुझे सोसाइटी की किट्टी में भी ज्वाइन करवा दिया था। किट्टी ज्वाइन करने से पहले भी मीना भाभी मुझे एक बार आशा … Read more

प्रेम विवाह – अंतरा

प्रेम विवाह में बंधी औरत उस नवजात पिल्ले (puppy) की तरह होती है  जिसे कोई बच्चा मोहपाश में बंधकर अपने घर उठा लाता है लेकिन उसके मां-बाप उसे स्वीकार नहीं कर पाते हैं…  कहां से लाए हो… किसका है… हम अपने घर में नहीं रख पाएंगे..  जहां से लेकर आए हो वहीं छोड़ आओ…. हम … Read more

error: Content is protected !!