नेकी का बदला – लतिका श्रीवास्तव
आकाश हतप्रभ था स्तब्ध था …विशाल का बेजान शरीर उसके समक्ष था कितना भरोसा था विशाल को अपने सिद्धांतों पर …हमेशा कहता था अच्छा करोगे तो अच्छा ही मिलेगा…अपने कर्तव्यों को निष्ठा से करोगे तो निष्ठा ही मिलेगी…समाज भ्रष्ट नहीं होता है कमी है भ्रष्ट लोगों के स्थान पर सदनियत लोगों के सामने आने की…..! … Read more