बदबू” – गीता वाधवानी

अपने पति राजवीर के गुजर जाने के बाद कजरी ने अपनी 14 वर्षीय बेटी नीति और 4 वर्षीय बेटे सोनू की खातिर अपने पति के दोस्त संजय का अच्छा व्यवहार देखकर शादी कर ली थी।  पिछले कुछ दिनों से ना जाने क्यों, उसे अपना फैसला जल्दबाजी में लिया हुआ महसूस हो रहा था। संजय ने … Read more

मतलबी रिश्ते – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi सुधा ने ऑफिस से लौटते वक्त घर में सब के लिए अलग-अलग फ्लेवर की आइसक्रीम ले ली। माॅ॑, मोना, नवीन सबको आइसक्रीम में अलग-अलग स्वाद पसंद हैं। घर में घुसते कि उसने मोना को आवाज लगाई और कहा ,” आइसक्रीम को फ्रिज में रख दो।” मोना बोली, “जी दीदी,अभी रखती  हूॅ॑।” … Read more

स्वार्थी दोस्त – भगवती सक्सेना गौड़

आज मधुलिका बहुत खुश थी, बेटी अक्षरा को लड़की वाले देखने आए थे और पसंद करके शगुन के रुपये देकर गये थे। घर मे खुशियां छाई थी। दोनो पति पत्नी अपने काम मे व्यस्त थे, पर दिमाग मे शादी की रूपरेखा बन रही थी। अचानक मधुलिका ने वर्मा जी से पूछा, “आपकी तो सब तैयारी … Read more

 दिखावा – ज्योति आहूजा

मां! मेरा कोई ऑनलाइन पार्सल आया है क्या| ” नताशा ने मां रेणु जी से पूछा|   “अभी तक तो नहीं आया, क्यों कुछ खास था क्या?” मां ने नताशा से पूछा| “हां मां, मैंने ऑनलाइन ड्रेस ऑर्डर की है| मेरी सहेली का जन्मदिन आ रहा है ना| उसने पार्टी रखी है| वहां सब सहेलियां … Read more

पराए रिश्तों पर हक – पूनम अरोड़ा

शैक्षिक प्रशिक्षण से सेवा निवृत हो चुके अनिल जी ने  कुछ आमदनी प्राप्त  करने के लिए और कुछ अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए अपने घर के एक पोर्शन को किराए पर उठाने का फैंसला किया । जल्दी  ही उन्हें  एक किराएदार मिल भी गया । एक युवा दम्पति  और उनकी ढाई साल की … Read more

सीढ़ी का नियम – आभा अदीब राज़दान

आज पोते ने जब बहू को पलट कर बेतुका सा जवाब दिया तो पूर्णिमा जी को बहुत बुरा लगा । रीमा तो बेटे को घुड़क कर बाहर चली गयी लेकिन पोता सौरभ, लज्जित होने के बजाय अब भी अपने भोंडे क्रोध का प्रदर्शन ही कर रहा था । ” देखिए दादी जी माँ ने मुझे … Read more

जीवन के नए रंग – निभा राजीव “निर्वी”

नंदिता सूनी आंखों से अपने पति की हार चढ़ी तस्वीर को अपलक निहार रही थी। मद्यपान के व्यसन ने आखिर उसके पति की जान ले ही ली। कमरे के बाहर सासू मां का उसे बदस्तूर कोसना जारी था..” मेरे तो कर्म ही फूट गए थे जो इस अभागिन को बहू बनाकर ले आई।पैदा होते ही … Read more

वो एक माँ ही कर सकती है – ज्योति अप्रतिम

********************** “अरे कहाँ हो भाई ।एक पखवाड़ा बीत गया है ,कोई बात नहीं हो पाई।सब ठीक तो है न !” मैंने किरण ,अपनी अभिन्न मित्र से फ़ोन पर पूछा। “हाँ ,सब ठीक ही है।” उदास सा स्वर सुन कर ही समझ आ गया कुछ तो दाल में काला है ! “स्पष्ट बताओ डिअर ! क्या … Read more

खिचड़ी-दलिया—कहानी-देवेन्द्र कुमार

यह आज पाँचवीं बार था जब पापा ने अजीत को मना किया था। कई दिन से अजीत देख रहा है कि जब भी वह घूमने जाने की बात कहता है, पापा मना कर देते हैं। कह देते हैं, “फिर चलेंगे। आज समय नहीं है।” अजीत माँ की ओर देखता है तो वह भी कह देती … Read more

अपने बच्चे भी स्वार्थी हो सकते हैं – के कामेश्वरी

शैलजा कार के हार्न की आवाज़ को सुनते ही रसोई में चाय बनाने चली गई थी । यह रोज का ही सिलसिला था कि शाम होते ही बेटा बहू के ऑफिस से आने से पहले ही वह चाय के लिए पानी चढ़ा देती थी और उनके फ्रेश हो कर आते ही चाय बना देती थी … Read more

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