समझौता – कुमुद चतुर्वेदी

मुहल्ले के बच्चे बड़े आश्चर्य से उस साधु जैसी वेशभूषा जैसे आदमी को देख रहे थे।वह आदमी लंबी और घनी सफेद सन सी दाढ़ी व मूँछों के साथ ही गेरुये वस्त्र भी पहने हुए था।उसका साधु जैसा रहन सहन होते हुए भी सिर पर हैट और पैरौं में जूतों के साथ हाथ में एक सुंदर … Read more

“ज़िंदगी से समझौता करते कथिर से कुंदन बन गई” – भावना ठाकर ‘भावु’

वंदना आज कलेक्टर की कुर्सी संभालने जा रही थी, उस सम्मान में एक समारोह रखा गया। पूरा हाॅल बड़े-बड़े  अधिकारियों और कुछ रिश्तेदारों से खिचोखिच भरा हुआ था। वंदना खोई-खोई दोहरे भाव से जूझ रही थी गरीबी, ससुराल वालों की प्रताड़ना घर-घर जाकर खाना बनाकर पाई-पाई जोड़कर पढ़ना एक-एक घटना किसी फ़िल्म की तरह दिमाग … Read more

एक और मंदोदरी ! – रमेश चंद्र शर्मा

रत्नेश शहर के बहुत बड़े उद्योगपति। अच्छा खासा कारोबार । अकूत दौलत के स्वामी। पहली पत्नी मंदाकिनी के रहते सुवर्णा से रिश्ता बनाने पर उतारू। मंदाकिनी ” आप मेरे साथ धोखा कर रहे हो। मैं आपकी विवाहिता हूं”। मंदाकिनी ने अपने पति रत्नेश को कहा। रत्नेश (हंसकर) हम खानदानी रईस हैं। सुवर्णा यहां अपनी स्वेच्छा … Read more

अपनी पहचान खुद बनानी पड़ती हैं – स्मृति श्रीवास्तव 

सिंघानिया परिवार जयपुर का प्रतिष्ठित परिवारों में से एक था |  उदय शंकर घर के मुखिया परम्परा मन मर्यादा जिनके लिए बहुत मायने रखती थी , उनकी पत्नी रत्ना जी  जिनके लिए पति बच्चे ही दुनिया थी | 2 बेटे रतन और सूरज | इनका अपना कारोबार था कपड़ो का | बड़ा बेटा रतन कारोबार … Read more

बाहरी – नीरजा नामदेव

अलीना को पढ़ना बहुत पसंद था ।जब भी समय मिलता है पत्रिकाएं पढ़ती। अब तो इंटरनेट पर भी उसे पढ़ने को बहुत सारी सामग्री मिल जाती थी। एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब वह पढ़े बिना रह पाती। आज ही उसने एक पत्रिका में कहानी पढ़ी शीर्षक था ‘आउटसाइडर’ जिसमें बेटा विदेश पढ़ने जाता … Read more

क्या सच मे भारतीय नारी कमजोर है – संगीता अग्रवाल 

” हैलो मिसेस नमिता जी मैं सिया की क्लास टीचर रेनू बोल रही हूँ !” नमिता के फोन की घंटी बजने पर जब उसने फोन उठाया तो सामने से आवाज़ आई। ” जी मेम बोलिये !” नमिता ने आदर पूर्वक कहा। ” क्या आप अभी स्कूल आ सकती है मुझे कुछ जरूरी बात करनी है … Read more

 “और भी हैं राहें ” – सीमा वर्मा

साथियों यह कहानी सौदामिनी और नन्हे बच्चे ‘ बंटी’ की है। जिसकी ममा और डैडी की मृत्यु अचानक ही हो गई है … आगे पढ़ें… रोज सुबह नियमानुसार सूरज उगता है। सांझ को डूब जाता है। अब तो सौदामिनी ने अपनी परिस्थितियों से  समझौता भी कर लिया है। सोचती है … ‘ जब किस्मत ने … Read more

“यह कैसा समझौता” – ऋतु अग्रवाल

“सुरभि, आज तू अपनी भाभी के साथ बाजार चली जा, अपने लिए एक सुंदर सी साड़ी ले आ और थोड़ा पार्लर से भी अपनी ग्रूमिंग करा लेना।” उमा ने सुरभि से कहा।       “पर क्यों माँ?” सुरभि ने पूछा तो मीरा हँस पड़ी।       मीरा सुरभि की भाभी है।      “ननद रानी, वह इसलिए कि कल आपको देखने … Read more

पापा जी !सेहत से समझौता ना बाबा ना  – ज्योति आहूजा

सुधीर और मधु जी के घर में आज ढोल नगाड़े और शहनाई की गूंज सुनाई दे रही थी| दिल्ली का खाता पीता पंजाबी परिवार था सुधीर खुराना जी का| परिवार में उनके अलावा पत्नी मधु जी और एक बेटा राहुल थे| खाने के काफी शौकीन थे खुराना जी| तरह तरह के पकवान उनके घर में … Read more

दुआ करूंगा आपकी बिटिया को अपनी भावनाओं से समझौता ना करना पड़े..  – सविता गोयल

“सुनिए जी, कल हम दोनों को रायपुर जाना पड़ेगा भात न्यौतने के लिए । अब राशि की शादी को सिर्फ पंद्रह दिन रह गए हैं । ये तो जरूरी रीत है तो जाना जरूरी है । ,, हिचकते हुए हेमा अपने पति से बोली। “क्या हेमा,  ये सब तुम औरतों के बनाए नियम कानून हीं … Read more

error: Content is protected !!